मुख्य सचिव का आदेश: शिक्षा संस्थान, अस्पताल, स्टेडियम, बस स्टैंड और खेल मैदान में आवारा कुत्तों का प्रवेश रोंके

मुख्य सचिव का आदेश :  शिक्षा संस्थान, अस्पताल, स्टेडियम, बस स्टैंड और खेल मैदान में आवारा कुत्तों का प्रवेश रोंके
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छत्तीसगढ़ में अब सभी शैक्षणिक संस्थान, बसस्टैंड एवं खेल के मैदानों में आवारा कुत्तों का प्रवेश रोका जाएगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिया गया है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब सभी शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, स्टेडियम, बसस्टैंड एवं खेल के मैदानों में आवारा कुत्तों का प्रवेश रोका जाएगा। यह निर्देश राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिया गया है।

दरअसल, आवारा कुत्तों के खतरनाक हमलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का राज्य में पालन कराने के लिए मुख्य सचिव ने यह निर्देश दिए हैं। यही नहीं, राज्य के नगरीय निकायों से ये भी कहा गया है कि छह सप्ताह में इन सभी स्थानों पर बांउड्रीवाल, गेट और अन्य अधोसंरचना का निर्माण किया जाए, ताकि यहां आवारा कुत्तों का प्रवेश रोका जा सके।

ये है मामला
सुप्रीम कोर्ट ने एक स्वतः संज्ञान प्रकरण में सुनवाई के बाद आवारा कुत्तों के मामले में अंतरिम निर्णय पारित किया है। इसके पालन में संस्थागत क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग, राष्ट्रीय एक्सप्रेस वे, में आवारा गोवंशीय एवं अन्य पशुओं के संबंध में निर्देश दिए गए हैं। इसके पालन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली बैठक में विचार विमर्श कर निर्देश को राज्य में लागू करने के लिए विचार किया गया।

अब निकायों को ये करना होगा
मुख्य सचिव की बैठक में दिए गए निर्देश के हवाले से नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने राज्य के सभी नगर निगम आयुक्त, सभी नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के सीएमओ के लिए आदेश जारी किया गया है। निकायों से कहा गया है कि 3. सभी चिन्हित संस्थानों ( सभी शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, स्टेडियम, बस् स्टैंड एवं खेल के मैदानों में) के निरीक्षण हेतु समस्त नगरीय निकाय स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किया जावें। परिसर के रखरखाव, सफाई के साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए कि आवारा कुत्ते परिसर में प्रवेश न करे तथा वहाँ नहीं रहें। इस हेतु संस्थान के प्रशासनिक प्रमुख द्वारा नोडल अधिकारी नियुक्त की जाए। नोडल अधिकारी का नाम, मोबाईल नम्बर प्रवेश द्वार के निकट प्रदर्शित किया जावें। (जो स्पष्ट दिखे, मिटे नहीं)। नाम पट्टिका सहित नोडल अधिकारी का फोटोग्राफ शामिल किया जाए।

यहां नहीं घुसने दिए जाएं कुत्ते
यह भी कहा गया है कि नगरीय निकाय के अधीन स्टेडियम स्पोर्ट काम्पलेक्स में आवारा कुत्ते परिसर में प्रवेश नहीं करे न ही वहाँ रहें। नगरीय निकाय द्वारा बस स्टैंड, डिपो परिसर में आवारा कुत्तों के निवास या आवागमन को रोके। आवारा कुत्तों की नसबंदी, डिवार्मिंग एवं टीकाकरण हेतु पशु चिकित्सकों से कराएं।

आवारा कुत्तों के लिए आश्रय स्थल
निर्देश है कि प्रदेश के सभी नगरीय निकाय में आवारा कुत्तों के लिये सुविधा युक्त आश्रय स्थल बनाये जाने तथा पुराने शासकीय भवन, बाड़ा को अस्थायी आश्रय स्थल के रूप में चिन्हांकित किया जावे अथवा आवश्यकतानुसार लो-कॉस्ट अस्थायी आश्रय स्थल बनाया जावें। उक्त आश्रय स्थल में नोटिस बोर्ड प्रदर्शित कर फोटोग्राफ लिया जाए। संस्थाओं के परिसर में पाए जाने वाले प्रत्येक आवारा कुत्ते को तुरंत हटाने और पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 के अनुसार, नसबंदी और टीकाकरण के बाद आश्रय स्थल में स्थानांतरित करे या अन्यत्र छोड़े। किसी भी स्थिति में उसी स्थान पर वापस न छोडा जावे।

भोजन का इंतजाम भी
समस्त नगरीय निकाय में वार्डवार आवारा कुत्तों के लिये भोजन स्थल चिन्हांकित करें। चिन्हांकित भोजन स्थल का प्रचार-प्रसार किया जायें। जिससे कि उक्त स्थल में ही भोजन उपलब्ध हो सके। बडे वार्ड होने पर एक से अधिक स्थानों पर भोजन स्थल चयन किया। मवेशियों को गौठान या कांजी हाउस में रखें राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राज्य राजमार्ग से आवारा पशुओं को पकड़ कर गौठान गौशाला कांजी हाउस में रखें। आवारा पशु मंदिर/सामाजिक संस्थाओं को भी दिये जा सकते हैं। सड़कों पर मवेशी दिखाई नहीं दे। पेट्रोलिंग का अभियान चलाया जा कर आवारा पशुओं का व्यवस्थापन किया जावें। यही नहीं हेल्पलाइन 1033, 1100 पर इस संबंध में कोई शिकायत आए तो 72 घंटे में उसका निराकरण करना होगा।

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