CGPSC Merit List: इस बार लड़कों का दबदबा- लड़कियां सिर्फ दो, देवेश साहू बने टॉपर

CGPSC Merit List : इस बार लड़कों का दबदबा- लड़कियां सिर्फ दो, देवेश साहू बने टॉपर
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छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने पीएससी 2024 मुख्य परीक्षाओं के परिणाम गुरुवार देर रात जारी कर दिए।

रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने पीएससी 2024 मुख्य परीक्षाओं के परिणाम गुरुवार देर रात जारी कर दिए। इस बार लड़कों का दबदबा रहा। टॉप-10 में 8 लड़के जबकि सिर्फ 2 लड़कियां हैं। देवेश प्रसाद साहू पहले स्थान पर रहे हैं। पीएससी ने नवंबर 2024 में पीएससी ने 246 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। 17 विभागों में डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार सहित कई पदों पर इसके माध्यम से भर्ती होगी। प्रारंभिक परीक्षा फरवरी में आयोजित की गई थी। इसके बाद 26 से 29 जून तक मुख्य परीक्षा आयोजित की गई।

मुख्य लिखित परीक्षा के परिणाम 31 अक्टूबर को जारी किए गए। पद से तीन गुना अधिक परीक्षार्थियों का चयन साक्षात्कार के लिए किया जाता है। योग्स उम्मीदवारों की उपलब्धता के आधार पर 643 का चयन साक्षात्कार के लिए किया गया। 10 नवंबर से प्रारंभ हुआ साक्षात्कार 20 नवंबर तक चलर। बीते वर्षों की परंपरा का पालन करते हुए इंटरव्यू के अंतिम दिन 20 नवंबर को ही परिणाम घोषित कर दिए गए। देर शाम साक्षात्कार समाप्त होने के बाद से ही कैंडिडेट्स परिणामों का इंतजार कर रहे थे। मध्यरात्रि परिणाम वेबसाइट पर अपलोड होने के साथ ही पीएससी की वेबसाइट क्रैश हो गई। रिजल्ट डाउनलोड करने में ही अभ्यर्थियों को मशक्कत करनी पड़ी।

इस बार पीएससी ने फेसलेस इंटरव्यू लिया था
गौरतलब है कि, पिछले विवादों को देखते हुए इस बार पीएससी ने फेसलेस इंटरव्यू लिया था। अर्थात साक्षात्कारकर्ताओं को यह नहीं पता था कि वे किस कैंडिडेट का इंटरव्यू ले रहे हैं। उनकी पहचान गुप्त रखी गई थी। नाम के स्थान पर उन्हें कोड नंबर दिए गए थे। सर्वाधिक 90 पद आबकारी सब इंस्पेक्टर के, डिप्टी कलेक्टर के 7 पद राज्य सेवा परीक्षा 2024 के तहत डिप्टी कलेक्टर, उप पुलिस अधीक्षक, छग राज्य वित्त सेवा अधिकारी, जिला आबकारी अधिकारी, सहायक संचालक (वित्त विभाग), सहायक संचालक (पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग), सहायक संचालक/जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, सहायक संचालक समाज कल्याण विभाग के पद ज्ञापित किए गए थे। इनमें मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, बाल विकास परियोजना अधिकारी, छग अधीनस्थ लेखा सेवा अधिकारी, नायब तहसीलदार, राज्य कर निरीक्षक, आबकारी उप निरीक्षक, उप पंजीयक, सहकारिता निरीक्षक/सहकारिता विस्तार अधिकारी और सहायक जेल अधीक्षक के पद शामिल थे। सर्वाधिक 90 पद आबकारी सब इंस्पेक्टर के हैं। डिप्टी कलेक्टर के 7 और डीएसपी के 21 पोस्ट समेत अलग-अलग पोस्ट शामिल हैं।

कोविड में पिता को खोया, उनका सपना पूरा करने क्लियर की पीएससी
आधी रात जैसे ही परिणाम आए चौथे स्थान पर रहने वाले पोलेश्वर साहू की आंखें नम खुशी से नम हो गई। लेकिन मन में एक अफसोस रहा कि काश पिताजी जीवित होते। पोलेश्वर मूलरूप से मुंगेली जिले के लोरमी के रहने वाले हैं। 2021 में उन्होंने अपने पिता लेखराम साहू को कोविड में खो दिया। उनके पिता वकील होने के साथ-साथ किसान भी थे। घर में आज तक कोई सरकारी अधिकारी नहीं बन सका था। पिता का सपना था कि उनके चार बेटों में से कोई एक कम से कम सरकारी नौकरी में हो। भिलाई के एक निजी इंजीनियरिंग महाविद्यालय से बीटेक की पढ़ाई कर चुके पोलेश्वर पिता का सपना पूरा करने रायपुर आ गए। यहां शिक्षक भूमिंदर सिंह ने उन्हें गाइड किया और इसके बाद वे सेल्फ स्टडी करने लगे। यह उनका चौथा अटैप्म था। पिछले वर्ष उन्हें 212 रैंक मिली थी। थोड़ी से अंकों से वे चयनित होने से छूट गए, लेकिन हार नहीं मानी और डटे रहे। 10 से 12 घंटे नालंदा परिसर सहित घर में पढ़ाई की और अपने दिवंगत पिता के सपने को पूरा किया। परिणाम आने के बाद मध्यरात्रि उन्होंने पहला फोन अपनी मां रुक्खमणी साहू को किया। बेटे की सफलता की खबर सुन वे भी रोने लगीं। पोलेश्वर अब अपने पद के माध्यम से सेवा का अपना संकल्प पूर्ण करना चाहते हैं।

असिस्टेंट इंजीनियर की सरकारी नौकरी छोड़ी, क्योंकि करना था क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल
रायपुर के डीडी नगर निवासी स्वप्निल वर्मा प्रदेश में दूसरे स्थान पर रहे हैं। वे और पोलेश्वर मित्र हैं, नालंदा परिसर में एक साथ पढ़ाई भी की। पीएससी की तैयारी करने के लिए असिस्टेंट इंजीनियर की सरकारी नौकरी स्वप्निल को छोड़नी पड़ी। ये फैसला उनके लिए कठिन था, लेकिन उन्होंने ठान लिया था कि किसी ऐसे पद पर जाएंगे जहां उनकी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल हो सके। इसलिए कड़ा फैसला लेते हुए 2020 में इस्तीफा दे दिया। यह उनका तीसरा अटैम्प था। इसके पहले के दो अटैप्म में वे प्रारंभिक परीक्षा में भी उत्तीर्ण नहीं हो सके थे। पिछले वर्ष केवल 2 अंकों से वे चूक गए, लेकिन लक्ष्य के प्रति दृढ़ता ऐसी रही कि परिणाम आने के बाद अगले ही दिन से फिर तैयारी में जुट गए। स्वप्निल पीएससी के जरिए आवंटित होने वाले पद के माध्यम से सेवा करने के साथ-साथ यूपीएससी की भी तैयारी करना चाहते हैं, ताकि सेवा का अपना दायरा बढ़ा सकें। उनके पिता तीजेंद्र वर्मा एक निजी कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं, जबकि मां अर्चना गृहणी हैं। गुरुवार मध्यरात्रि बाद से उनके यहां जश्न का महौल बना हुआ है।

टॉप-10

1. देवेश प्रसाद साहू

2. स्वप्निल वर्मा

3. यशवंत देवांगन

4. पोलेश्वर साहू

5. पारस शर्मा

6. संस्कृति पांडेय

7. अंकुश बनर्जी

8. सृष्टि गुप्ता

9. प्रशांत वर्मा

10. सागर वर्मा

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