रजत जयंती पर गूंजा जयगान 'जय छत्तीसगढ़': 32 मूर्धन्य कलाकारों सहित 'आरुग म्यूजिक' की भव्य महतारी वंदना

32 मूर्धन्य कलाकारों सहित आरुग म्यूजिक की भव्य महतारी वंदना
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जय छत्तीसगढ़ महतारी वंदना वीडियो का पोस्टर

छत्तीसगढ़ की रजत जयंती के अवसर पर ‘आरुग म्यूजिक’ ने 27 अक्टूबर को “जय छत्तीसगढ़” नामक भव्य महतारी वंदना जारी की। यह गीत 25 वर्षों की प्रगतिशील यात्रा को संगीत के माध्यम से नमन करता है।

सूरज सोनी - खरोरा। छत्तीसगढ़ की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर आरुग म्यूजिक (Arug Music) ने “जय छत्तीसगढ़” नामक एक भव्य महतारी वंदना प्रस्तुत की है। यह प्रस्तुति छत्तीसगढ़ की संस्कृति, लोकपरंपरा और स्वाभिमान की उस गौरवशाली यात्रा को नमन करती है जिसने राज्य को विशिष्ट पहचान दिलाई।

27 अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व
यह दिन अपने आप में ऐतिहासिक है- ठीक 25 वर्ष पहले, 27 अक्टूबर 2000 को ही, छत्तीसगढ़ के महानायक अनुज शर्मा की प्रतिष्ठित फिल्म ‘मोर छइयां भुईयां’ रिलीज हुई थी। इस फिल्म ने छत्तीसगढ़ी सिनेमा को नई दिशा दी और छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान की भावना को जन-जन तक पहुँचाया। अब, उसी तिथि को “जय छत्तीसगढ़” का विमोचन, उस सांस्कृतिक विरासत का पुनः उत्सव बन गया है।


महतारी वंदना - संस्कृति, प्रकृति और प्रगति का संगम
'जय छत्तीसगढ़' महतारी वंदना में सरगुजा से बस्तर तक फैले राज्य के प्राकृतिक सौंदर्य, मंदिरों, लोककला और विकास यात्रा की झलक दिखाई देती है, गीत में ढोलकल गणेश जी, शतकीपीठों, देवालयों, और छत्तीसगढ़ की प्रकृति की मनमोहक झलकें शामिल हैं।

32 मूर्धन्य कलाकारों की एक स्वर साधना
इस वंदना में छत्तीसगढ़ की छह प्रमुख बोलियों में गाए गए लोकगीत को 32 नामचीन कलाकारों ने अपनी आवाज़ दी है। इनमें 4 पद्मश्री सम्मानित कलाकार, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कृत गायक, और देश–विदेश में ख्याति प्राप्त कलाकार शामिल हैं। उनकी सामूहिक प्रस्तुति ने इस जयगान को भावपूर्ण, ऊर्जावान और ऐतिहासिक बना दिया है।


रजत जयंती पर छत्तीसगढ़ का संगीतमय प्रणाम
'जय छत्तीसगढ़' केवल एक गीत नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ महतारी को समर्पित भावनाओं की अभिव्यक्ति है। यह गीत हर छत्तीसगढ़वासी की ओर से अपने राज्य की धरती, संस्कृति और लोगों को समर्पित एक संगीतमय प्रणाम है।

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