छत्तीसगढ़ में पहली बार आएगा ग्रीन बजट: हरियाली पर फोकस, वित्त विभाग ने वरिष्ठ अफसरों से मंगाए प्रस्ताव

महानदी भवन (फाइल फोटो)
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार का नया बजट 2025-26 इस बार एक अलग तरह की हरियाली से रंगा नजर आने वाला है। दरअसल इस बजट का एक बड़ा हिस्सा ग्रीन (हरित) बजट के रूप में सामने आएगा।खास बात ये है कि, इसमें कई नए और बड़े प्रावधान शामिल किए जा सकते हैं। सरकार के वित्त विभाग ने ग्रीन बजट बनाने की कवायद शुरू कर दी है। प्रदेश की नौकरशाही के सबसे वरिष्ठ अफसरों से ग्रीन बजट के लिए प्रस्ताव मंगाए गए हैं। राज्य में पहली बार ये बजट लाने की तैयारी है।
क्या है ग्रीन बजट
राज्यों में ग्रीन बजट (हरित बजट) एक ऐसा वित्तीय योजना उपकरण है, जो सरकार के खर्चों और नीतियों को पर्यावरणीय स्थिरता और जलवायु लक्ष्यों के साथ जोड़ता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकारी बजट का हर हिस्सा पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा और प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग में योगदान दे, जिससे टिकाऊ विकास हो सके और देश, राज्य अपने पर्यावरणीय लक्ष्यों को पूरा कर सकें। यह सिर्फ पर्यावरण विभाग के बजट तक सीमित नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों (जैसे कृषि, ऊर्जा, जल) में पर्यावरण-अनुकूल खचों की पहचान और ट्रैकिंग करता है। इसकी मुख्य विशेषता ये है कि यह बजटिंग प्रक्रिया में ही तय करता है कि किसी विशेष खर्च या नीति का पर्यावरण पर क्या असर पड़ेगा।
वित्त ने मंगाए प्रस्ताव
इस मामले को लेकर वित्त विभाग ने राज्य सरकार के सबसे वरिष्ठ अधिकारियों सभी अपर मुख्य सचिव सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विशेष सचिव के लिए आदेश जारी किया है। कहा गया है कि बजट वर्ष 2026-27 में ग्रीन बजट से संबंधित अनुमानित राशि का संकलन किया जाना है। इसलिए ग्रीन बजट पुस्तिका के प्रकाशन के लिए योजनाओं को चिहिनत करते हुए निर्धारित प्रपत्र में जानकारी भेजें। यह इसलिए किया जा रहा है क्योंकि वर्तमान में जेंडर बजट के अंतर्गत 100 प्रतिशत महिला केंद्रित व 30 प्रतिशत से अधिक महिलाओं की भागीदारी वाली योजनाएं शामिल की जाती है। इसमें एक अतिरिक्त श्रेणी के रूप में 30 प्रतिशत से कम भागीदारी वाली योजनाओं को भी शामिल किया जाना है। वरिष्ठ अधिकारियों को भेजे गए आदेश में ग्रीन बजट एवं जेंडर बजट के प्रस्ताव मांगे गए गए हैं।
