सीमेंट कंपनियों का खेल: GST दरें घटाने का नहीं दिया ग्राहकों को लाभ, अब फिर से दाम बढ़ाने की तैयारी

सीमेंट कंपनियों का खेल : GST दरें घटाने का नहीं दिया ग्राहकों को लाभ, अब फिर से दाम बढ़ाने की तैयारी
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File photo 

जीएसटी में बदलाव के कारण सीमेंट की कीमत में दस फीसदी कमी होने का जो लाभ ग्राहकों को मिलना चाहिए, वह एक तो अब तक मिला नहीं है।

रायपुर। जीएसटी में बदलाव के कारण सीमेंट की कीमत में दस फीसदी कमी होने का जो लाभ ग्राहकों को मिलना चाहिए, वह एक तो अब तक मिला नहीं है।जीएसटी में बदलाव के कारण सीमेंट की कीमत में दस फीसदी कमी होने का जो लाभ ग्राहकों को मिलना चाहिए, वह एक तो अब तक मिला नहीं है। प्रदेश में सीमेंट कंपनियों ने सरकारी काम में आने वाले नान ट्रेड सीमेंट के दाम तो 25 रुपए कम कर दिए थे, लेकिन खुले बाजार के सीमेंट में संभावना की तरह का खेल कर दिया गया। इसमें सीमेंट कंपनियों ने कागजों में ही दाम कम करने का खेल किया।

सीमेंट कंपनियां पहले 300 से 320 रुपए तक बिलिंग करती थीं। अलग-अलग कंपनियों के डिस्काउंट के कारण सीमेंट 250 से 270 रुपए में डीलरों को मिलता था। कंपनियों ने बिलिंग में दाम 30 रुपए कम करके 270 से बिलिंग 290 रुपए कर डिस्काउंट कम कर दिया है। अब सीमेंट कंपनियों ने 20 रुपए तक दाम बढ़ाने की तैयारी कर ली है। जीएसटी के स्लैब में जब 22 सितंबर से बदलाव किया गया, तो सीमेंट में पहले जो 28 फीसदी जीएसटी लगता था, उसको 18 फीसदी में लाया गया। ऐसे में कायदे से इसके दाम दस फीसदी कम होने से 25 से 30 रुपए का फर्क आना चाहिए, लेकिन आम आदमी की पहुंच वाले खुले बाजार के सीमेंट के दाम कम न होकर और ज्यादा हो गए।

ऐसे किया बिलों में खेल
अपने प्रदेश में कई कंपनियों के सीमेंट बिकते हैं। इसके दाम खुले बाजार में 250 से लेकर 300 रुपए या इससे ज्यादा भी रहते हैं। जानकारों का कहना है कि ज्यादातर कंपनियां पहले से ही बिलों में खेल करती हैं। सीमेंट के दाम बिल में ज्यादा रहते हैं और उसमें अलग-अलग तरह के डिस्काउंट देकर दाम को कम कर दिया जाता है। जिस कंपनी को अपना सीमेंट 250 रुपए में बेचना रहता है, उसकी बिलिंग 300 रुपए तक रहती है। इसमें 50 रुपए का डिस्काउंट दिया जाता है। ऐसे में विक्रेताओं को यह 250 रुपए में मिल जाता है तो ग्राहकों को 260 रुपए में बेच देते हैं। इसी तरह से जिन कंपनियों को अपना सीमेंट 270 रुपए तक बेचना रहता है, वो कंपनियां इसकी बिलिंग 320 रुपए कर करती हैं। जीएसटी में बदलाव के बाद कंपनियों ने सरकार को दिखाने के लिए अपनी बिलिंग 270 से 290 रुपए कर दी और यद दिखाया गया कि दाम 30 रुपए कम कर दिए गए है।

नहीं मिल रहा फायदा
पहले विक्रेताओं को 320 रुपए बिल वाला सीमेंट डिस्काउंट के कारण 270 रुपए में मिलता था तो अपना मुनाफा 10 रुपए लेकर उसको 280 रुपए में बेच देते थे। ऐसे में डिस्काउंट के 50 रुपए और मुनाफे के दस रुपए मिलाकर उनको 60 रुपए बच जाते थे। लेकिन डिस्काउंट कम होने के कारण अब मजबूरी में विक्रेताओं को लगभग पुरानी कीमत पर ही सीमेंट बेचना पड़ रहा है, ताकि उनके ग्राहक खराब न हों। कुल मिलाकर जो सीमेंट पहले ग्राहकों को 290 से 300 रुपए में मिल रहा था, वह जीएसटी कम होने से 260 से 270 रुपए में मिलना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। विक्रेताओं को अब 290 रुपए बिलिंग में सीमेंट मिल रहा है और इसमें 20 रुपए तक डिस्काउंट दिया जा रहा है। ऐसे में विक्रेताओं को सीमेंट 270 रुपए में मिल रहा है तो इसको थोक में 280 से 290 और चिल्हर में 300 से 310 रुपए में बेच रहे हैं। इसी दाम पर पहले भी सीमेंट बिक रहा था। अब दाम बढ़ाने की तैयारी है तो 20 रुपए दाम बढ़ने पर सीमेंट के दाम थोक में ही 300 के पार हो जाएंगे और चिल्हर में यह 330 रुपए तक हो जाएगा।

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