शांति प्रस्ताव भेजने वाले नक्सली नेता की जान को खतरा: संगठन के भीतर से उठीं विरोध की आवाजें, बता रहे गद्दार

नक्सल संगठन
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शांतिवार्ता प्रस्ताव के विरोध में उतरे नक्सल संगठन

नक्सल नेता की शांतिवार्ता प्रस्ताव पर संगठन के भीतर से ही विरोध के स्वर उठने लगी है। नक्सली नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए बर्खास्त करने की मांग रखी है।

गणेश मिश्रा- बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के नक्सल संगठन में पोलित ब्यूरो मेम्बर भूपति, उर्फ सोनू ने शांतिवार्ता के लिए पिछले दिनों एक पत्र जारी किया था। जिसका अब माओवादियों की केंद्रीय कमेटी ने विरोध करते हुए शांतिवार्ता की बात को उनका निजी राय करार दिया है। साथ ही भूपति को संगठन से बर्खास्त करने की मांग की है।

नारायणपुर मुठभेड़ में मारे जाने से पहले केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता विकल्प और अभय की तरफ से जारी संयुक्त पत्र जारी किया था। जिसमें सोनू द्वारा उल्लेख शांतिवार्ता की बात को जहां उनका निजी राय करार दिया है। वहीं उस पत्र को लेकर भूपति के पास अभी जो भी जवाबदारियां है उन सबसे उससे बर्खास्त करने की बात कही गई है।

हथियारों को दुश्मनों के हाथों में न सौंपे - नक्सली
मुठभेड़ में मारे जाने से पहले नक्सलियों के केंदी कमेटी के प्रवक्ता विकल्प और अभय द्वारा जारी संयुक्त प्रेस नोट में सोनू उर्फ भूपति के शांति वार्ता और युद्ध विराम के प्रस्ताव का खंडन किया है। नक्सली नेताओं ने कहा कि, सोनू अगर समर्पण करना चाहता है तो करे पर संगठन के हथियारों को दुश्मनों के हाथों सौंपने का अधिकार उन्हें नहीं है। इसलिए हथियारों को संगठन के हाथ में सौंपने की भी डिमांड किया जा रहा है।


नक्सली भूपति को संगठन ने बताया गद्दार
नक्सल प्रवक्ताओं ने यह भी कहा है कि, अगर सोनू अपने साथियों के साथ सकारात्मक तरीके से हथियार संगठन के हांथो नहीं सौंपते हैं तो उनसे और उनके साथियों से हथियार जप्त करने के लिए PLGA यानी नक्सलियों के पीपुल्स लिबरेशन गोरिल्ला आर्मी को निर्देशित कर दिया गया है। इस दौरान उन्होंने सोनू उर्फ भूपति को गद्दार बताया। अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, यह उनका अपनाया हुआ रास्ता संसदीय चुनाव का है संगठन का फैसला नहीं है।

भूपति को नक्सली संगठन से खतरा - आईजी बस्तर
मंगलवार को नारायणपुर में एक प्रेस वार्ता की गई। इस दौरान आईजी बस्तर पी सुंदरराज ने भी शांति वार्ता को लेकर नक्सली संगठन में हुए दो फाड़ बताया।उन्होंने कहा था कि, नक्सलियों के पोलित ब्यूरो मेंबर सोनू और भूपति को नक्सली संगठन से अब जान का खतरा है सोनू द्वारा शांति वार्ता और युद्ध विराम के प्रस्ताव के बाद वार्ता का विरोधी नक्सलियों का खेमा कभी भी सोनू की हत्या कर सकता है।

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