डाइट बेमेतरा में ब्लूप्रिंट प्रशिक्षण: डीआरजी व्याख्याता ने कहा - बच्चों के साथ हमेशा मित्रवत व्यवहार करें

डाइट बेमेतरा में ब्लूप्रिंट प्रशिक्षण : डीआरजी व्याख्याता ने कहा- बच्चों के साथ हमेशा मित्रवत व्यवहार करें
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सबसे बड़े शिक्षा संस्थान डाइट

बेमेतरा जिले शिक्षा संस्थान डाइट में ब्लू प्रिंट पर प्रशिक्षण से चल रहा है। प्रशिक्षण के चौथे दिन शिक्षकों को ब्लूप्रिंट निर्माण के बारे में जानकारी दी गई।

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले सबसे बड़े शिक्षा संस्थान डाइट में ब्लू प्रिंट पर प्रशिक्षण से चल रहा है। प्रशिक्षण के चौथे दिन शिक्षकों को ब्लूप्रिंट निर्माण के बारे में जानकारी दी गई। डीआरजी व्याख्याता केजहा निषाद ने कहा कि, बच्चों के साथ हमेशा मित्रवत व्यवहार करें, उन्हें एहसास दिलाए की आप उनके हितैषी हैं।

डीआरजी व्याख्याता केजहा राम निषाद में कहा कि, शिक्षक के शिक्षण कार्य व्यवहार से यदि बच्चों को यह विश्वास हो जाता है कि, शिक्षक हमारे कैरियर को संवारने वाले है, तो बच्चे अपनी कमी, कमजोरी को समझ कर शिक्षक के निर्देशानुसार पढ़ाई लिखाई और शैक्षणिक गतिविधि में भाग लेते है। जब कभी भी हमारे मन में यह बात आती है कि हम बच्चों के लिए कुछ नहीं कर पा रहे हैं।


स्कूल का वातावरण भयमुक्त होना बहुत जरूरी
डीआरजी व्याख्याता केजहा राम निषाद ने कहा कि, बच्चों के लिए इसी में हमको शिक्षा मनोविज्ञान का उपयोग करने की आवश्यकता होती है। हमें बच्चों को एहसास कराना होगा कि हम उनके बहुत हितैषी हैं। हम उनके सर्वांगीण विकास के लिए उनका भला चाहते हैं। इस भाव से हम बच्चों को डांटते हैं। अगर आपका भाव अच्छा होगा तो वह बच्चा कुछ नहीं कहेगा।

भेदभाव से होता मानसिक तनाव
डीआरजी और व्याख्याता रवि चौहान ने कहा कि, किसी बच्चे में बचपन से अगर कोई बीमारी है तो उसके मानसिक विकास में बाधा उत्पन्न होती है। मस्तिष्क का संतुलन प्रभावित होता है। बच्चों में एक साइकोलॉजिकल फैक्टर काम करता है। जो बच्चा शांत प्रवृत्ति का होता है वह अच्छा फील नहीं करता। जिस बच्चे के साथ आप हंसी मजाक करते हैं। उसे उलाहना देते हैं तो इससे उसका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। वह अपनी बातों को अच्छे से व्यक्त नहीं कर पाता। वह अंतर्मुखी हो जाता है। तनाव कहां-कहां से हो सकता है। जब रिश्ते में, आर्थिक क्षेत्र में, नौकरी में, रिलेशन में, फ्रेंडशिप में, पति-पत्नी में, तनाव हो जाता है। हिंसा से, किसी प्रिय व्यक्ति के निधन से, अकेलेपन से भी तनाव हो जाता है। अलगाव या भेदभाव से भी मानसिक तनाव हो जाता है।

स्कूल का वातावरण भय मुक्त होना चाहिए
उन्होंने ने कहा कि, हार्मोनल चेंजेस से भी मानसिक तनाव होता है। जीवन शैली से भी तनाव होता है। जीवन शैली सकारात्मक न होने के कारण, नींद की कमी भी तनाव का कारण होता है। विद्यार्थी में तनाव घर के वातावरण से, घर में लड़ाई झगड़ा या कलह होने से भी तनाव ग्रस्त रहता है। तनाव स्कूल का वातावरण उपयुक्त न होने के कारण आता है। स्कूल का वातावरण भय मुक्त होना चाहिए। उनका सहपाठी अगर छींटा कसी कर रहा, चिढ़ा रहा है। टीचर के डांटने से भी परीक्षा में तनाव, कक्षा का वातावरण सहपाठी के साथ उसका व्यवहार अच्छा न होने के कारण बालक तनाव ग्रस्त हो जाता है। तनाव के समय बच्चों से बात करना, तनाव के कारण को जानना, बच्चों के साथ मित्रवत व्यवहार करना बहुत जरूरी है। मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण बालक कुछ भी नहीं सीख पाता है। पहले मानसिक स्वस्थता जरूरी है तभी बालक कुछ सीख सकता है।

विकासखंड स्तर पर 15 दिसंबर से होगा प्रशिक्षण
डाइट प्राचार्य जे के घृतलहरे ने बताया कि, प्रशिक्षण के तीसरे चरण में विकासखंड पर शिक्षकों का प्रशिक्षण शीघ्र ही पूर्ण किया जाना है यह प्रशिक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है बोर्ड की परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए इसे दिसंबर माह में ही पूर्ण किया जाना है। विकासखंड स्तर पर 15 दिसंबर 2025 से अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण प्रारंभ किया जाना है और 31 दिसंबर 2025 तक पूर्ण कराया जाना है।

ये लोग ले रहे प्रशिक्षण
वहीं आज प्रशिक्षण के चौथे दिवस में 32 विकासखंड स्त्रोत समूह उपस्थित रहे। जबकि 7 जिला स्त्रोत मूह बिहार की प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। जबकि 7 जिला स्रोत समूह डीआरजी प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। जिनमें विज्ञान में केजहा राम निषाद, रसायन शास्त्र में रवि चौहान, अंग्रेजी में धर्मेंद्र शर्मा, भौतिक शास्त्र में गीतांजलि निषाद, संस्कृत विषय में डालेश्वरी साहू, भूगोल में लक्ष्मी नारायण गायकवाड, राजनीति विज्ञान में संजय चंतारे जिला स्त्रोत समूह के रूप में सुंदर और गुणवत्ता युक्त प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। विकासखंड स्रोत समूह में रमेश वर्मा, चंद्रकांत दुबे, मनीषा चौबे, नेहा ठाकुर, डॉ प्रियंका वर्मा, कीर्ति नाथ साहू, मनोज बारले, तेखन सिंह वर्मा, दिनेश कुमार सोनी, संतोष कुमार लहरी, भुवन लाल साहू, राखी थडानी, योगेंद्र कुमार वर्मा, महेश निषाद, सीमा ध्रुव, श्वेता द्विवेदी, सरिता राजपूत शामिल है। समूचे प्रशिक्षण का समन्वय डाइट व्याख्याता जी एल खुटियारे ने किया।

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