चूहों के हमले से पक्षियों की मौत: घबराए सफारी प्रबंधन ने आनन-फानन में 38 पक्षियों को शिफ्ट किया

चूहों के हमले से पक्षियों की मौत : घबराए सफारी प्रबंधन ने आनन-फानन में 38 पक्षियों को शिफ्ट किया
X

File Photo 

नंदनवन पक्षी विहार में चूहों के हमले से पक्षियों की लगातार हो रही मौत की खबर हरिभूमि में प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद वन महकमे में हड़कंप मच गया।

गिरीश केशरवानी- रायपुर। नंदनवन पक्षी विहार में चूहों के हमले से पक्षियों की लगातार हो रही मौत की खबर हरिभूमि में प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद वन महकमे में हड़कंप मच गया। ऐसे में सफारी प्रबंधन आनन-फानन में रविवार को बगैर किसी शासकीय आदेश के पक्षियों को नंदनवन से जंगल सफारी शिफ्ट करने लगा। पक्षियों की गलत तरीके से चोरी-छिपे शिफ्टिंग से नाराज ग्रामीणों ने पक्षी चोरी की आमानाका थाने में शिकायत दर्ज कराई है। आमानाका पुलिस ने शिकायत मिलने की पुष्टि की है।

नंदवन पक्षी विहार में पक्षियों का दाना चट कर रहे चूहे पक्षियों पर हमला कर रहे। चूहों के हमले से पक्षियों की मौत हो रही है। इस संबंध में 30 नवंबर को प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद जंगल सफारी के डायरेक्टर सहित अन्य जिम्मेदार व्यवस्था सुधारने के नाम पर सुबह 9 बजे नंदनवन पहुंच गए। जहां उन्होंने पक्षियों को जंगल सफारी शिफ्ट कराया। इस संबंध में सफारी के जिम्मेदार अब कुछ भी बोलने से बच रहे। हेड ऑफ फॉरेस्ट वी. श्रीनिवास राव से संपर्क किया गया तो उन्होंने पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद उचित कार्रवाई करने की बात कही।

चूजे-अंडे पक्षी विहार में छोड़ गए
सरपंच ने बताया कि, जंगल सफारी से आए जिम्मेदार इतनी हड़बड़ी में थे कि पक्षियों को तो अपने साथ ले गए। ग्रामीण उनको जब तक रोकते, तब तक सफारी से आए लोग पक्षियों को कार में ले भागे। पक्षियों को ले जाने की हड़बड़ी में उनके चूजे तथा अंडे वहीं छोड़ गए। ऐसे में खुली जगह में बगैर मां के चूजे तथा अंडों में पल रहे चूजों की ठंड में मौत हो सकती है।

इन प्रजाति के पक्षियों को ले गए
जंगल सफारी से आए जिम्मेदार अफसर-कर्मचारी नंदनवन से जिन पक्षियों को छोटे पिंजरे में कैद कर ले गए हैं, उनमें कॉकटेव बर्ड, बडीज के साथ संरक्षित प्रजाति के तोते समेत अन्य प्रजाति के पक्षी शामिल हैं। बताया जा रहा है, नंदनवन से पक्षी ले जाने के समय जिम्मेदार अफसरों ने सभी कर्मियों के मोबाइल अपने पास रख लिए थे। पक्षी ले जाने के दौरान कोई फोटो खींच न पाए, इसलिए सभी के मोबाइल जमा करा लिए गए थे।

नियमों को ताक पर रख ले गए पक्षी

सीजेडए के नियमों के अनुसार, जू में रहने वाले वन्यजीवों के साथ किसी भी पक्षी का स्थानांतरण एक जू से दूसरे जू में हो सकता है। इसके लिए सीजेडए की अनुमति जरूरी है। जू में किसी अन्य क्षेत्र से वन्यजीव या पक्षी लाकर रखना मना है। अन्य क्षेत्र से घायल पक्षी, वन्यजीव को उपचार के लिए जू के रेस्क्यू सेंटर में रखा जा सकता है। स्वस्थ होने पर पक्षी, वन्यजीव को उनके सुरक्षित रहवास क्षेत्र में छोड़ना है। खुली जगह से लाए गए उसी एनिमल, पक्षी को जू में रखा जा सकता है, जो परमानेंट उड़ने, शिकार करने या स्वतंत्र विचरण करने में अक्षम हो या फिर किसी वन्यजीव का शावक, जो लावारिस हालत में मिला हो, उसे जू में रख सकते हैं। नंदनवन पक्षी विहार जू की श्रेणी से बाहर है, फिर किस नियम के तहत वहां के पक्षियों को जंगल सफारी में शिफ्ट किया गया।

इको टूरिस्ट सेंटर विकसित करने प्लान
पक्षियों के ले जाने के संबंध में चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अरुण कुमार पाण्डेय से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, नंदनवन पक्षी विहार को इको टूरिस्ट सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि नंदनवन पक्षी विहार पूर्व से इको टूरिस्ट सेंटर है, साथ ही नंदनवन को पक्षी विहार के रूप में विकसित किया गया है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story