HIV पॉजिटिव तख्ती लगाने पर हाईकोर्ट सख्त: जज बोले- अमानवीय-असंवेदनशील कृत्य, 2 लाख रुपये का मुआवजा दो

HIV पॉजिटिव तख्ती लगाने पर हाईकोर्ट सख्त : जज बोले- अमानवीय-असंवेदनशील कृत्य, 2 लाख रुपये का मुआवजा दो
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हाईकोर्ट

डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल में एक नवजात बच्चे के सीने में HIV पॉजिटिव का बोर्ड लगाने पर हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने मुआवजा देने का आदेश दिया है।

पंकज गुप्ते- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल में एक नवजात बच्चे के साथ अमानवीयता की सारी हदें पार करते हुए व्यवहार किया गया है। जहां नवजात बच्चे के जन्म के बाद उसके सीने के पास एक बड़ा सा बोर्ड चस्पा कर दिया गया था कि इसकी मां एचआईवी पॉजिटिव है। इस मामले पर हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए राज्य सरकार को माता-पिता को 2 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है।

हाईकोर्ट ने कि, यह कृत्य अमानवीय, असंवेदनशील और असंवैधानिक है। मरीज की पहचान उजागर करना निजता और गरिमा के अधिकार का उल्लंघन है। राज्य सरकार को माता-पिता को 2 लाख रुपये मुआवजा देने के लिए आदेशित किया जाता है। इसके साथ कोर्ट ने मुख्य सचिव से अनुपालन रिपोर्ट मांगी है। इस पर अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी।

सीने के पास लगाया बोर्ड
डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल में एक नवजात बच्चे के साथ अमानवीयता की सारी हदें पार करते हुए व्यवहार किया गया है। जिंदगी और मौत से जूझ रहे इस मासूम को अस्पताल के नर्सरी वार्ड में उपचार के लिए भर्ती तो किया गया है, लेकिन इसके सीने के पास एक बड़ा सा बोर्ड चस्पा कर दिया गया है कि इसकी मां एचआईवी पॉजिटिव है। अंग्रेजी भाषा में दर्शाए गए बोर्ड में बड़े बड़े अक्षरों में एचआईवी पॉजिटिव मदर लिख दिया गया है, जिससे आसपास से गुजरने वाले और अन्य लोगों को यह आसानी से पता चल जाए कि यह वह बच्चा है, जिसकी मां एचआईवी से संक्रमित है।

तिल्दा से आई थी महिला
राजधानी रायपुर से महज कुछ किलोमीटर दूर स्थित तिल्दा क्षेत्र में रहने वाली 26 वर्षीय महिला को 4 अक्टूबर को प्रसव पीड़ा होने के बाद आंबेडकर अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूती रोग विभाग के वार्ड में भर्ती कराया गया। महिला विगत कुछ समय से एचआईवी से संक्रमित है। महिला के पति ने बताया कि देर शाम उसकी पत्नी ने एक बालक को जन्म दिया। इस दौरान चिकित्सकों ने पाया कि बच्चे की सेहत ठीक नहीं है और वह कमजोर है, इसलिए उसे अस्पताल के अन्य यूनिट में भर्ती कर लिया गया। वहीं, बच्चे की सेहत में कुछ सुधार होने के बाद 6 अक्टूबर को उसे नर्सरी में शिफ्ट कर दिया गया।

बच्चे के सीने के पास दिखी बड़ी सी तख्ती
मासूम के पिता ने बताया कि नर्सरी में शिफ्ट करने के बाद कुछ दिनों तक जब बच्चे से मिलने नहीं दिया जा रहा था, तब वह गुरुवार को अपने बच्चे को देखने के लिए पहुंचा। इस दौरान उसने देखा कि बच्चे के सीने के बाद एक बड़ी सी तख्ती अस्पताल वालों ने लगा रखी है। जिसमें बड़े बड़े अक्षरों में एचआईवी पॉजिटिव मदर लिखा हुआ है।

थंब इंप्रेशन में भी जानकारी सार्वजनिक
बच्चे के पिता ने यह भी बताया कि जब उन्हें बच्चे को उपचार के लिए कंसेंट किया गया, तो भी थंब इंप्रेशन के लिए जो पैड अंगूठा का निशान लेने के लिए उपयोग के लिए दिया गया। उसमें भी एचआईवी से संबंधित जानकारी का उल्लेख किया गया था। उन्होंने बताया कि अस्पताल में उपचार व्यवस्था के तहत प्राइवेट लैब से खून और अन्य नमूनों की जांच पैसे लेकर कराई गई है।

सर्कुलर जारी करेंगे पहचान सार्वजनिक नहीं होनी चाहिए
एड्स नियंत्रण समिति के अतिरिक्त परियोजना संचालक डॉ. खेमराज सोनवानी ने बताया कि, किसी भी संक्रमित व्यक्ति की पहचान सार्वजनिक नहीं होनी चाहिए। इसे लेकर एक नोटिस देने के साथ ही साथ पूरे प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों को सर्कुलर जारी करेंगे। इस विषय पर मेरी संबंधित विभाग के चिकित्साधिकारी से बात हुई है, उनका कहना है कि समस्या का निराकरण कर दिया गया है।

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