हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: मेडिकल पीजी में डोमिसाइल आधारित आरक्षण असंवैधानिक

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला :  मेडिकल पीजी में डोमिसाइल आधारित आरक्षण असंवैधानिक
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हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने मेडिकल पीजी में डोमि-साइल आधारित आरक्षण को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है।

बिलासपुर। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने मेडिकल पीजी में डोमि-साइल आधारित आरक्षण को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है। याचिका पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में कहा है कि उच्चतर और विशिष्ट मेडिकल कोर्स में प्रवेश योग्यता के आधार पर होना चाहिए।

अधिवास डोमिसाइल पर आधारित आरक्षण से पेशेवर उत्कृष्टता से समझौता होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने नियम 11(ए) और 11 (बी) को भी रद्द कर दिया है। कोर्ट ने राज्य को निर्देश दिया गया है कि इन प्रावधानों के आधार पर किसी भी उम्मीदवार के साथ भेदभाव न किया जाए। डॉ. समृद्धि दुबे की ओर से हाईकोर्ट के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट में कैवियट भी दायर कर दी गई है।

यह है मामला
दरअसल, पुराने नियम (2021) और नए नियम (2025) दोनों में ही यह प्रावधान था कि पहले प्रवेश छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस करने वालों को मिलेगा। राज्य के बाहर से एमबीबीएस करने वाले छत्तीसगढ़ मूल निवासी छात्रों को बाद में मौका मिलता था। याचिकाकर्ता के अनुसार यह विद्यापीठ आधारित 100% आरक्षण जैसा था और सीधी-सीधी समानता के अधिकार का उल्लंघन। मामले में राज्य सरकार की ओर से उप-महाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही पीजी में डोमिसाइल-आधारित आरक्षण को खारिज कर चुका है। नए नियम 2025 में डोमिसाइल आधारित आरक्षण हटा दिया गया है।

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