हाईवे पर आए दिन मवेशियों की मौत: हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, चीफ जस्टिस बोले- सरकार करे पक्का इंतजाम

हाईवे पर आए दिन मवेशियों की मौत : हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, चीफ जस्टिस बोले- सरकार करे पक्का इंतजाम
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छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट

हाई कोर्ट ने शहर और हाईवे पर आवारा मवेशियों की वजह से हो रहे लगातार हादसों पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि, सरकार सिर्फ योजनाएं बनाकर नहीं बैठ सकती।

पंकज गुप्ते- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने शहर और हाईवे पर आवारा मवेशियों की वजह से हो रहे लगातार हादसों पर कड़ी नाराजगी जताई है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार और प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई। बेंच ने कहा कि सरकार सिर्फ योजनाएं और SOP बनाकर जिम्मेदारी पूरी नहीं कर सकती। जब तक उनका सही क्रियान्वयन नहीं होगा, सड़कें हादसों का जाल बनी रहेंगी और इंसानों व मवेशियों की मौत का सिलसिला जारी रहेगा।

सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने कहा कि अधिकारी सिर्फ दिखाने के लिए पेट्रोलिंग और मवेशी हटाने की कार्रवाई न करें, बल्कि समस्या का स्थायी समाधान करें। कोर्ट ने पूछा कि, मवेशियों को गौठान या चारागाह में भेजने की व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही? सभी चीजें सिर्फ कागजों में हो रही हैं, प्रैक्टिकली कुछ नहीं हो रहा। मवेशियों को हटाने के लिए जिस एसओपी की बात थी उसका भी पालन नहीं किया जा रहा है। मवेशियों को प्रदेश में बने चारागाह और गौठान भेजना चाहिए, पर ऐसा कुछ नहीं हो रहा। कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग, शासन, बिलासपुर कलेक्टर, नगर निगम को शपथपत्र पर जवाब देने के निर्देश दिए हैं।

हाईकोर्ट ने शासन से पूछा सवाल
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शासन से पूछा कि सड़कों पर लगातार मवेशी नजर आते हैं। इसकी रोकथाम करने नगर निगम, पालिका परिषद वगैरह क्या कर रहे हैं? राजमार्ग प्राधिकरण ने कहा कि मवेशी हटाने और जिओ टैगिंग की शुरुआत चरणबद्ध तरीके से नगर पालिका स्तर से करनी पड़ेगी। यूपी, जम्मू- कश्मीर जैसे राज्यों में इसी तरीके से सड़कों से मवेशी हटाने की शुरुआत की गई थी। शासन की ओर से कहा गया कि रतनपुर से होकर एनएच-130 पर मवेशी मंच, शेड का निर्माण किया गया है। बिलासपुर-पथरापाली खंड के भीतर पेंड्रीडीह में मवेशी मंच बनाया गया है। इस मंच का उद्देश्य आवारा मवेशियों के लिए एक निर्दिष्ट क्षेत्र प्रदान करना है, जिससे उन्हें राजमार्गों पर भटकने से रोका जा सके।

हाई कोर्ट ने दिए यह निर्देश
1. मुख्य सचिव को सभी सुझावों पर पुनर्विचार करने के आदेश

2. शहर और हाईवे पर मवेशी न दिखें, इसकी व्यवस्था हो

3. मवेशियों के लिए स्थायी आश्रय, पानी और चारे की व्यवस्था की जाए

4. पंचायत से लेकर नगर निगम तक सभी जिम्मेदार इकाइयाँ सक्रिय हों

मवेशियों की मौतों का सिलसिला जारी
प्रदेश में मवेशियों की मौतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। जयरामनगर रोड पर ट्रेलर से 14 मवेशी कुचले गए, जिसमें 10 की मौत हुई। गतौरा में एक दिन पहले 8 मवेशी मारे गए। बोदरी क्षेत्र में भी मवेशियों के झुंड से ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। किसानों ने फसल नुकसान और गौशाला योजनाओं के ठप होने पर नाराजगी जताई है।

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