मंत्रिमंडल विस्तार के खिलाफ याचिका: हाईकोर्ट में मंगलवार को और भी कई बड़े केसों में हुई सुनवाई

हाईकोर्ट
पंकज गुप्ते- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में साय सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। एक समाजिक कार्यकर्ता ने मंत्रिमंडल के विस्तार को चुनौती दी है। जिसके बाद पिछली सुनवाई में कोर्ट ने समाजसेवा से जुड़े दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया था। इस मामले में मंगलवार को याचिकाकर्ता की ओर से शपथ पत्र पेश किया गया।
याचिकाकर्ता द्वारा पेश शपथ पत्र को देखते हुए चीफ जस्टिस ने पूछा कि, आपने ये कहां से फोटो खिंचवाए हैं ? ना तारीख है और ना ही समय ? इस पर महाधिवक्ता ने कहा कि, ऐसा ही मामला 2022 से सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। जिसके बाद याचिकाकर्ता ने 2 सप्ताह का समय मांगा। तब तक यह मामला पेंडिंग रहेगा।
समाजिक कार्यकर्ता ने दी है चुनौती
उल्लेखनीय है कि, एक समाजिक कार्यकर्ता ने मंत्रिमंडल के विस्तार को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि, साय सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार असंवैधानिक है। याचिका लगाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता की उम्र 80 साल है। हाईकोर्ट ने याचिका लगाने वाले से पूछा कि, आप 80 साल के हैं, आपने कितने सामाजिक कार्य अपने जीवन में किए हैं। हाईकोर्ट ने उनके वकील से उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्य का डेटा प्रस्तुत करने को कहा है। डेटा प्रस्तुत करने के लिये मंगलवार तक का समय हाईकोर्ट ने दिया है। चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच में लगा था मामला।
प्रदेशभर के सार्वजनिक पंडालों का मामला
प्रदेश भर के सार्वजनिक पंडालों को लेकर दायर की है जनहित याचिका पर आज सुनवाई के दौरान बताया गया कि इसके लिए पॉलिसी बना ली गई है, इस पर हाईकोर्ट ने संतुष्टी जताते हुए मामले की अगली सुनवाई 6 को तय कर दी है। दरअसल सामाजिक कार्यकर्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि प्रदेश भर के सार्वजनिक जगहों पर धार्मिक पंडाल लगाए जाने से आमजन को बहुत तकलीफ होती है। शासन के गाइड लाइन का पालन नहीं किया जाता। याचिकाकर्ता ने ऐसे धार्मिक पंडालों के लिए एक पॉलिसी की मांग की है। जिस पर हाईकोर्ट ने शासन से जवाब मांगा था। आज कोर्ट में बताया गया कि पॉलिसी बना ली गई है, जिससे कोर्ट ने संतुष्टी जताते हुए मामले की अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को तय कर दी है।
सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान का मामला
प्रदेश के सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान के मामले में हाईकोर्ट द्वारा लिए गए स्वतः संज्ञान के जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान निगम द्वारा बताया कि नगर निगम अपने कार्य क्षेत्र कार्यवाहियां कार्यवाइयां कर रही है,पर अब भी सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान हो रहा है। मामले में हाईकोर्ट ने नगर निगम से नए शपथपत्र के साथ स्टेट्स रिपोर्ट मांगा है। रिपोर्ट में पूछा है कि कोटपा एक्ट में क्या स्टेप लिए गए। अब मामले की अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी।
रेलवे में ओएचई तार में झुलस मजदूर की मौत का मामला
रेलवे कोच की सफाई के दौरान ओएचई की चपेट में आकर झुलसने से मजदूर की मौत के मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जिस पर कोर्ट ने ठेकेदार को 6 सप्ताह के भीतर मजदूर के परिवार को अतिरिक्त पांच लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है। बतादें कि ट्रेन के कोच के ऊपर चढ़कर सफाई करने के दौरान एक मजदूर का हाथ ओ एच ई तार के चपेट में आ गया था। गंभीर रूप से झुलसे मजदूर को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान मजदूर की मौत हो गई। गुस्साए परिजनों ने उसके शव को लेकर प्रदर्शन करना चाहा पर पुलिस ने अनुमति नहीं दी,फिर भी परिजन न्याय और मुआवजे की मांग को लेकर अभी भी अड़े हुए है। पिछले पांच दिनों से मजदूर का शव अब भी मर्चुरी में ही पड़ा हुआ है। आज उसके मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।
