हटाया गया 100 साल पुराना कब्जा: नर्सिंग स्कूल और बच्चों का अस्पताल जमींदोज, जमकर हंगामा

हटाया गया 100 साल पुराना कब्ज़ा :  नर्सिंग स्कूल और बच्चों का अस्पताल जमींदोज, जमकर हंगामा
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मिशन हॉस्पिटल परिसर में तोड़फोड़ पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाते हुए यथास्थति बनाए रखने का आदेश दिया है।

बिलासपुर। मिशन हॉस्पिटल परिसर में तोड़फोड़ पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाते हुए यथास्थति बनाए रखने का आदेश दिया है। साथ ही शासन को एक सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने और एक महीने में प्रक्रिया पूरी करने कहा है। हालांकि इस आदेश की कापी मिलने तक दोपहर 3 बज चुके थे। प्रशासन की टीम का हथौड़ा 90 साल पुरानी दो बिल्डिंगों और 30 से अधिक मकानों पर चल चुका था। सन् 1934 में बनी नर्सिंग स्कूल वाली पीली बिल्डिंग और बच्चों के अस्पताल वाली लाल बिल्डिंग को तोड़ दिया गया। साथ ही प्रशासन की ओर से पूरे भवन और परिसर को भयप्रद और संरक्षित घोषित कर दिया गया है। पूरा परिसर भी सील ही रखा गया है। इस दौरान बुधवार सुबह से लेकर शाम तक जमकर हंगामा मचता रहा। बार बार झड़प की स्थिति बनती रही।

हाईकोर्ट के फैसले के बाद मिशन अस्पताल परिसर में मंगलवार से जारी तोड़फोड़ बुधवार सुबह से भी जारी थी। यहां के मुख्य बंगले और निवासरत 32 परिवारों को बेदखल कर उनके आवासों को ढहाने के बाद बुधवार को हॉस्पिटल भवन के पीछे की बिल्डिंग पर बुलडोजर चलाने कार्रवाई की गई, इतने में बाहर खड़े उत्तेजित मिशन परिसर के रहवासियों ने अंदर प्रवेश करने की कोशिश की। इनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट से स्टे के बाद भी प्रशासन की टीम तोड़फोड़ कर रही है। दूसरी ओर बुधवार को भी ईदगाह चौक से लेकर लखीराम ऑडिटोरियम तक बैरिकेडिंग की गई थी। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी अलर्ट पर रहे तो जवानों की भारी तैनाती रही। किसी को भी परिसर के अंदर जाने की इजाजत नहीं थी।

रोक दी गई है कार्रवाई
निगम कमिश्नर अमित कुमार ने बताया कि, हाईकोर्ट का आदेश प्रशासन के पक्ष में आया था। इसके बाद ही घरों को खाली कराते हुए तोड़फोड़ की जा रही थी। सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिलने की जानकारी के बाद मिशन अस्पताल परिसर में किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। कुछ लोगों ने हंगामा किया उन्हें कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए शांत कराया गया है।

बार-बार झड़प की स्थिति बनती रही
हाईकोर्ट की ओर से याचिका खारिज किए जाने के बाद निगम प्रशासन ने अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया था। इसी बीच क्रिश्चियन वीमेंस बोर्ड ऑफ मिशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। बुधवार को जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने मामले की सुनवाई की और मिशन बोर्ड को अंतरिम राहत प्रदान की। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि निर्माण और कब्जे को लेकर मौजूदा स्थिति बरकरार रहेगी। साथ ही आदेश की कॉपी फौरन बिलासपुर कलेक्टर को भेजने का निर्देश दिए। इसे लेकर बड़ी संख्या में मसीही समाज के लोग मौके पर पहुंचे और दिन भर प्रदर्शन करते रहे। इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल तैनात था, लेकिन लोगों और पुलिस के बीच बार-बार झड़प की स्थिति बनती रही।

दीवार फांदकर घुसे लोगों को बाहर निकाला
इधर, बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिलने की जानकारी के बाद मिशन अस्पताल परिसर में रह रहे लोगों ने अंदर प्रवेश करने की कोशिश की। पुलिस, निगम और प्रशासन की टीम ने इन्हें रोक दिया। इस दौरान जमकर हंगामा, विवाद और धक्का मुक्की हुई। महिलाओं और युवतियों ने प्रशासन पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए कोर्ट के आदेश की अवहेलना की भी बात कही। भारी विरोध के बीच तीन युवतियां और कुछ युवक दीवार फांदकर परिसर के अंदर घुस गए। तनाव बढ़ा तो सीएसपी निमितेश सिंह दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। कुछ देर बाद निगम कमिश्नर, एसडीएम और तहसीलदार भी मौके पर पहुंच गए। सभी को बाहर निकाला गया जिसके चलते मिशन हास्पिटल परिसर के बाहर देर शाम तक तनाव की स्थिति बनी रही।

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