पुलिसकर्मी के घर मिली नाबालिग आदिवासी बच्ची की लाश: परिजन लगा रहे हत्या का आरोप, पखवाड़ेभर बाद भी पुलिस खामोश

पुलिसकर्मी के घर मिली नाबालिग आदिवासी बच्ची की लाश : परिजन लगा रहे हत्या का आरोप, पखवाड़ेभर बाद भी पुलिस खामोश
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वह बच्ची जिसकी लाश पुलिसकर्मी के घर पर मिली 

बीजापुर जिले के दारापारा में पखवाड़े भर पहले एक पुलिसकर्मी के मकान में एक आदिवासी बच्ची चांदनी कुडियम की लाश फंदे पर लटकती मिली।

गणेश मिश्रा- बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर से एक पीड़ादायक घटना सामने आई है। एक पुलिसकर्मी छठवीं कक्षा में पढ़ने वाली आदिवासी बच्ची को अपने घर ले जाता है। बच्ची के परिजनों को यह आश्वासन देकर कि, उसे पढ़ाएंगे-लिखाएंगे। लेकिन एक दिन उस बच्ची की लाश पुलिसवाले के घर में फंदे पर लटकती मिलती है।

मृत बच्ची के परिजन पुलिस परिवार पर हत्या का आरोप लगा रहे हैं। कहा जा रहा है कि, बच्ची ने पुलिसकर्मी परिवार को कोई राज जान लिया था, जिसके कारण उसे परेशन किया जा रहा था। भाई का कहना है कि, उसकी बहन घर आना चाहती थी। वहीं बीजापुर जिले का पूरा पुलिस महकमा अपने सहकर्मी को बचाने में जुट गया है।

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार, दारापारा में 13 दिन पहले एक पुलिसकर्मी के मकान से एक नाबालिग आदिवासी युवती चांदनी कुडियम की लाश फंदे पर लटकती मिली थी। 14 वर्षीय मृतका कक्षा छठवीं की छात्रा थी। वहीं परिजनों ने पुलिस कर्मी सुभाष तिर्की और उसकी पत्नी नीरजा तिर्की पर हत्या करने का आरोप लगाया है। परिजनों का आरोप है कि, बच्ची की मौत के बाद गोपनीय तरीके से शव को बोलेरो वाहन से गृह गांव दुगोली पहुंचाया गया। जहां परिजनों और गांव वालों को डेढ़ लाख रुपये देकर मामले को दबाकर अंतिम संस्कार करने की कोशिश की गई थी।

पखवाड़े भर पहले हुई मौत
मामला 17-18 अक्टूबर का बताया जा रहा है। परिजन इस मामले को लेकर पुलिस कर्मी सुभाष तिर्की और उसकी पत्नी नीरजा तिर्की पर हत्या करने का आरोप लगा रहे हैं। साथ ही इस मामले में कार्रवाई की भी मांग कर रहे हैं। लेकिन पुलिस ने हालांकि, इस मांग पर कोई रुचि नहीं दिखा रही है।


बच्ची ने एक दिन पहले किया था भाई को फोन, कहा था- बहुत परेशान हूं
मृतका चांदनी कुडियम के भाई अजय कुडियम ने बताया कि, 17-18 अक्टूबर को दारापारा स्थित एक पुलिसकर्मी सुभाष तिर्की के मकान में उसकी बहन चांदनी कुडियम का शव संदिग्ध स्थिति में फंदे पर लटकते हुए पाया गया था। इसी साल जून महीने में बीजापुर के दारापारा में रहने वाले पुलिसकर्मी सुभाष तिर्की की पत्नी नीरजा तिर्की ने अपने किसी रिश्तेदार के साथ चांदनी कुड़ियाम के घर आई थी और उसे अपने घर में काम करने के ले जाना चाहती थी।

ले जाने से पहले पढ़ाने-लिखाने और भरण-पोषण का किया था वादा
भाई अजय ने इसका विरोध करते हुए यह कहकर भेजने से मना किया था कि, लड़की भैरमगढ़ में छठवीं कक्षा में अध्यनरत है और वह उसे पढ़ाना चाहता है। लेकिन नीरजा तिर्की ने उसका पालन-पोषण और आगे की पढ़ाई कराने का आश्वासन दिया था। घटना से एक दिन पहले चांदनी कुड़ियाम ने उसे फोन किया था और बताया था कि, वह बहुत परेशान है और घर आना चाहती है।

बच्ची के परिजनों को पुलिसकर्मी ने दिया डेढ़ लाख का आफर
तब भाई ने पूछा था कि, क्या हुआ तो चांदनी ने कहा था कि घर आने के बाद यहां की पूरी कहानी बताऊंगी। क्योंकि पुलिसकर्मी के घर के पीछे गड्ढा खोदकर कुछ छुपाया गया है। इसके अलावा और भी बहुत से राज वो जानती है और उसके दूसरे दिन ही उसके बहन के मौत की खबर मिली। भाई अजय ने बताया कि, मौत के बाद पुलिसकर्मी सुभाष और उसकी पत्नी नीरजा तिर्की उनके गृह ग्राम दुगोलि के तेलीपारा पहुंचे थे और इस मामले को दबाने के लिए डेढ़ लाख रुपए का ऑफर दे रहे थे। वे यह भी कह रहे थे कि, इस मामले को पुलिस तक न जाने दिया जाए और यहीं रफा-दफ़ा किया जाए। जिसके बदले में उन्हें पैसा दिया जाएगा।

बच्ची की रिश्तेदार युवती ने किया पुलिस को फोन
लेकिन उनके रिश्ते की एक युवती ने पुलिस को फोन कर दिया, तब तक पुलिसकर्मी और उसकी पत्नी बीजापुर नगर से बाहर के रास्ते से बोलेरो वाहन में शव को रखकर गांव पहुंचे। जहां वे दबाव बनाकर अंतिम संस्कार करने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन इस मामले की भनक पुलिस को लग गई। जिसके बाद पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर बीजापुर अस्पताल लाई और मामला पंजीबद करने के बाद उसका पोस्टमार्टम कराया गया।

शव जलाने का बना रहे थे दबाव
भाई अजय कुड़ियाम का आरोप है कि, उसकी बहन चांदनी कुड़ियाम के साथ पुलिसकर्मी सुभाष और उसकी पत्नी नीरजा अच्छा व्यवहार नहीं करते थे। उसे प्रताड़ित किया जाता था। यही बात वह घर आकर अपने परिजनों को बताना चाहती थी. लेकिन उसके पहले ही उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि, उसकी बहन ने फांसी नहीं लगाई है। क्योंकि वह 14 वर्षीय नाबालिग बच्ची थी, वह किसी भी हालत में आत्महत्या नहीं कर सकती।

हत्या की, तभी तो पैसों का आफर दिया : भाई
पुलिसकर्मी सुभाष और उसकी पत्नी नीरजा के द्वारा उसकी हत्या की गई है। अगर हत्या नहीं की जाती तो मामले को दबाने के लिए पैसों का ऑफर क्यों दिया जाता और दफनाने की जगह उसे जलाने का दबाव बनाया गया। अजय का कहना है कि, इस मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।

पुलिस को पीएम रिपोर्ट का इंतजार
इस मामले में बीजापुर कोतवाली के प्रभारी दुर्गेश शर्मा का कहना है कि, बच्ची के शव का पंचनामा कराने के बाद पोस्टमार्टम कराया गया है। पीएम रिपोर्ट में जैसा सामने आएगा उस पर समुचित कार्रवाई की जाएगी।

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