कंधमाल मुठभेड़ में मारा गया गणेश उईके: देखिए एक्सक्लूसिव VIDEO, घटनास्थल पर कैसे बिखरे पड़े मिले नक्सलियों के सामान

कंधमाल मुठभेड़ में मारा गया गणेश उईके
X

बिखरा पड़ा हुआ नक्सलियों का सामान

ओडिशा के कंधमाल और गंजाम जिले में गणेश उईके मारा गया। वहां की एक्सक्लूसिव तस्वीरें सामने आई हैं, मुठभेड़ स्थल पर भारी मात्रा में नक्सली सामान और हथियार देखे जा सकते हैं।

गणेश मिश्रा- बीजापुर। छत्तीसगढ़ से लगे ओडिशा के कधंमाल और गंजाम जिले में बड़ा नक्सली ऑपरेशन हुआ। जिसमें नक्सली कमांडर गणेश उईके उर्फ गणेशन्ना समेत 6 मारे गए। उसी स्थल की कुछ एक्सक्लूसिव तस्वीरें सामने आई हैं। जिसमें यह देखा जा सकता है कि, ऑपरेशन कितने बड़े एरिया में किया गया था।

तस्वीरों में देखा जा सकता है कि, मुठभेड़ स्थल पर कुख्यात नक्सलियों का भारी मात्रा में सामान पड़ा हुआ है और कई हथियार भी देखे जा सकते हैं। सभी नक्सलियों के शव समेत हथियार बरामद कर लिए गए हैं। मृत नक्सलियों में कुछ छत्तीसगढ़ के नक्सली भी बताए जा रहे हैं।

7 राज्यों की पुलिस गणेश उईके की कर रही थी तलाश
गौरतलब है कि, तेलंगाना के नलगोंडा जिले के रहने वाले माओवादी लीडर गणेश उईके की तलाश 7 राज्यों की पुलिस कर रही थी। वह साउथ सब जोनल का इंचार्ज था। सीसी मेंबर गणेश उईके नक्सली संगठन का एक बेहद पुराना और वैचारिक रूप से प्रशिक्षित कैडर रहा है। वह करीब 40 वर्षों से नक्सल संगठन से जुड़ा हुआ था और संगठन की कई अहम इकाइयों में सक्रिय भूमिका निभा चुका है। RSU (रेडिकल स्टूडेंट्स यूनियन) जो माओवादी संगठन की छात्र इकाई मानी जाती है, उसके प्रसार की जिम्मेदारी के साथ गणेश उईके 80 के शुरुआती दौर में जगदलपुर पहुंचा था। उस समय उसका मकसद कॉलेज और छात्रावासों के जरिए युवाओं के बीच माओवादी विचारधारा को फैलाना था।

दिवंगत कांग्रेसी नेता का बेचमेंट रहा है नक्सली गणेश
गणेश उईके दिवंगत कांग्रेसी नेता महेंद्र कर्मा का बेचमेंट रहा है और जगदलपुर के नेहरू छात्रावास और कॉलेज परिसरों में लगातार घूमता रहता था। छात्रों से संपर्क बनाता था और RSU के नेटवर्क को मजबूत करने में जुटा हुआ था। RSU के जरिए छात्र राजनीति में सक्रिय रहने के बाद उसने खुलकर भूमिगत रास्ता अपनाया और फिर जंगल में हथियार उठाकर नक्सली संगठन की सशस्त्र गतिविधियों में शामिल हो गया। युवाओं को प्रभावित करने से लेकर जंगल में बंदूक थामने तक का उसका सफर नक्सली संगठन की उस रणनीति को दर्शाता है। जिसमें पहले वैचारिक पकड़ बनाई जाती है और फिर सशस्त्र संघर्ष की ओर ढकेला जाता है।

मुठभेड़ स्थल से ये हथियार बरामद
यह ऑपरेशन ओडिशा स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया है। मुठभेड़ स्थल से सुरक्षाबलों ने दो इंसास राइफल और एक नग 303 राइफल बरामद किया है, जिससे नक्सलियों की भारी मौजूदगी और मंसूबों का खुलासा होता है। आपको बता दें कि, मारे गए नक्सली पर एक करोड़ से ज्यादा का इनाम था।

लगातार दूसरे दिन कार्रवाई
इससे एक दिन पहले भी सुरक्षाबलों ने इसी इलाके में मुठभेड़ के दौरान दो नक्सलियों को ढेर किया था। लगातार दूसरे दिन हुई इस कार्रवाई से नक्सल नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। इस ऑपरेशन में SOG की 20 टीमें, CRPF की 3 टीमें मौके पर तैनात रहीं।

नक्सल नेटवर्क को कमजोर करने का ऑपरेशन
इस पूरे अभियान की निगरानी DIG ऑपरेशन IPS अखिलेश्वर सिंह और कंधमाल एसपी स्वयं कर रहे हैं। इलाके में सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है, ताकि किसी भी अन्य नक्सली की मौजूदगी को पूरी तरह खत्म किया जा सके। यह कार्रवाई नक्सल नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है और आने वाले दिनों में ऐसे और ऑपरेशन जारी रहेंगे।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story