डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप: दो माह के मासूम को लगाए पांच इंजेक्शन, ओवरडोज से हो गई मौत

डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप : दो माह के मासूम को लगाए पांच इंजेक्शन, ओवरडोज से हो गई मौत
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बीजापुर जिले में सर्दी-जुकाम से पीड़ति मासूम को डॉक्टर के कहने पर नर्स ने एक के बाद एक पांच इंजेक्शन लगा दिए।

बीजापुर। सर्दी-जुकाम से पीड़ति मासूम को डॉक्टर के कहने पर नर्स ने एक के बाद एक पांच इंजेक्शन लगा दिए। परिजन मना करते रहे पर नहीं माने, ऐसे में दो माह के मासूम की ओवरडोज से मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर एवं स्टाफ नर्स पर लापरवाही से इलाज करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। मासूम की मां चांदनी झाड़ी ने बताया कि दो तीन दिनों से सूर्याश को ज्यादा सर्दी हो गया थी, जिसे डॉक्टर को दिखाने सुबह 8:30 बजे आवापल्ली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे।

इस दौरान डॉक्टर उपस्थित नहीं थे। नर्सों ने फोन से सम्पर्क कर जानकारी दी और फोन में ही डॉक्टर से बात करते हुए बच्चे को इंजेक्शन लगाना शुरू कर दिए। उन्होंने बताया कि बच्चा अभी डेढ़-दो माह का है, जिसे दूसरा टीका भी नहीं लगा है, मगर नर्स हमारी बात सुनने को तैयार ही नहीं थी। उल्टे हमसे ही बहस करते हुआ कहने लगी कि डॉक्टर हम हैं या तुम हो, फोन पर जिस डॉक्टर से बात कर रही थी उनका नाम हर्ष वर्धन बताया गया है। फिर एक बाद एक पांच इंजेक्शन लगाते गई। इंजेक्शन लगने के बाद बच्चा खामोश हो गया। दूध पिलाने जैसे उसे उठाई शरीर पूरी तरह ठंडा पड़ गया। बच्चा कोई हरकत नहीं करने की बात बताने पर डॉक्टर को बुलाया, वह भी काफी लेट से पहुंचे। जांच कर बताया की बच्चे की मौत हो गई है।

नहीं रहता कोई डॉक्टर
मृत बच्चे के पिता साहिल झाड़ी ने आवापल्ली बीएमओ उमेश सिंग ठाकुर और डॉक्टर, स्टाफ नर्स पर लापरवाही पूर्वक इलाज करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आवापल्ली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार की व्यवस्था बेलगाम है। जब भी इलाज के लिए आए कभी कोई डॉक्टर मौजूद नहीं रहता। इलाज की जिम्मेदारी स्टाफ नर्सों पर है। आपात स्थिति में भी मरीज को देखने वाला कोई नहीं। फोन के जरिये डॉक्टर नर्स को जैसे जैसे बताते है वह वैसे इलाज करते है, जिसका परिणाम मौत है। जैसा की मेरे बच्चे की जान गई अगर डॉक्टर जांच कर इलाज करता तो शायद हमारा सूर्यांश जीवित रहता। उन्होंने लापरवाह डॉक्टर और नर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

दवाइयां तक उपलब्ध नहीं
प्राथमिक एवं समायदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज की व्यवस्थाएं दम तोड़ रही हैं। स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर और नर्स स्टाफ की मौजूदगी दूर की बात है, यहां दवाइयां तक उपलब्ध नहीं है। जो दवाई है वह एक्सपायर हो चुकी है।

ऑक्सीजन लेवल कम था
बीजापुर जिला मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी के डॉ. बुधराम पुजारी ने बताया कि, बच्चा निमोनिया से ग्रस्त था, शनिवार को परिजन दिखाने आये थे। जिन्हें बताया गया था, बच्चे का ऑक्सीजन लेवल कम है। परिजन पांच इंजेक्शन लगाने की बात कह रहे, लेकिन बच्चे को तीन इंजेक्शन, पैरासिटामाल और विटामिन का डोज दिया गया था। घटना की जानकारी लेने आवापल्ली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जा रहा हूं।

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