भाई दूज विशेष: तिलक के लिए मिलेंगे सिर्फ 2 घंटे 15 मिनट, आयुष्मान व शिववास का मंगलकारी संयोग

भाई दूज
रायपुर। इस बार भाई दूज पर आयुष्मान योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। यह भाइयों को दीर्घायु प्रदान करने के साथ ही बहनों के लिए भी शुभ रहेगा। गुरुवार को भाई दूज का पर्व मनाने के लिए दोपहर 1 बजकर 13 मिनट से लेकर 3 बजकर 28 मिनट के मध्य का मुहूर्त विशेष शुभ रहेगा। इस तरह से बहनों को भाइयों का तिलक करने सिर्फ 2 घंटा 15 मिनट का ही समय मिलेगा। इस बार अमावस तिथि दो दिन होने के कारण कई स्थानों पर सोमवार व मंगलवार, दोनों ही दिन लक्ष्मी पूजन किया गया। हालांकि अधिकतर स्थानों में सोमवार को ही लक्ष्मी पूजन हुआ। लक्ष्मी पूजन के इतर भाई दूज की तिथि को लेकर किसी तरह के असमंजस की स्थिति नहीं है।
पंचांग के अनुसार, गुरुवार 23 अक्टूबर को भाई-बहन के प्रेम व आस्था का प्रतीक पर्व भाई दूज है। यह पर्व हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल भाई दूज और चित्रगुप्त पूजा एक साथ है। बहनें अपने भाई की लंबी आयु के लिए यम देवता की पूजा करने के बाद भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और हाथ में रक्षा सूत्र बांधती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो भाई दूज पर आयुष्मान के साथ शिववास योग का भी मंगलकारी संयोग बन रहा। इन योग में यम देव की पूजा करने से भाई को आरोग्यता और लंबी आयु का वरदान मिलेगा।
रात्रि 10.46 तक रहेगी द्वितीया तिथि
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि गुरुवार 23 अक्टूबर को रात 10 बजकर 46 मिनट तक है। इसके बाद कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि शुरू होगी। चूंकि सूर्योदय के समय व्याप्त तिथि ही पुरे दिन मान्य होती है, इसलिए तृतीया तिथि की शुरुआत शुक्रवार से ही मानी जाएगी। गुरुवार को बहनें भाई दूज के दिन सुविधा अनुसार पर यम देव की पूजा कर सकती हैं। हालांकि बहनें पूरे दिन अपने भाई का टीका कर सकती हैं, लेकिप कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर दोपहर 1 बजकर 13 मिनट से लेकर 3 बजकर 28 मिनट का समय विशेष शुभ रहेगा।
कल प्रातः 5 बजे तक रहेगा आयुष्मान योग
द्वितीया तिथि पर सबसे पहले आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन 24 अक्टूबर को सुबह 5 बजे होगा। इस योग में यम देवता की पूजा करने से साधक को अभयता का वरदान प्राप्त होगा। भाई दूज पर शिववास योग का भी संयोग है। इस योग का समापन रात 10 बजकर 46 मिनट तक है। इस शुभअवसर पर भगवान शिव कैलाश पर जगत की देवी मां गौरी के साथ रहेंगे। शिववास योग के दौरान शिव परिवार की पूजा से सकल मनोरथ सिद्ध हो जाएंगे।
