सरकारी स्कूल में अनूठी पहल: भेंडरवानी में नियमित स्कूल आने वाले बच्चे किए गए सम्मानित

सरकारी स्कूल में अनूठी पहल : भेंडरवानी में नियमित स्कूल आने वाले बच्चे किए गए सम्मानित
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भेंडरवानी में नियमित स्कूल आने वाले बच्चे किया सम्मानित

बेमेतरा जिले की शासकीय प्राथमिक शाला भेंडरवानी में सितम्बर के सिकन्दर कार्यक्रम का आयेाजन किया गया। इसमें हाजिरी चौम्पियंस नन्हें सितारे बने है।

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले की शासकीय प्राथमिक शाला भेंडरवानी में सितम्बर के सिकन्दर कार्यक्रम का आयेाजन किया गया। बच्चों की नियमित उपस्थिति पर विशेष पुरस्कार दिया गया। साथ ही विद्यालय आने वाले बच्चों को “हाजिरी चौम्पियन” के रूप में सम्मानित किया गया। बच्चों ने गर्व से अपने इनाम दिखाए और नियमित रूप से विद्यालय आने का संकल्प लिया।

शिक्षकों ने बताया कि, इस पहल का उद्देश्य बच्चों में अनुशासन, समयपालन और अध्ययन के प्रति रुचि बढ़ाना है। प्रधानपाठक और शिक्षकगणों ने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि, जो रोज विद्यालय आता है, वही जीवन में सच्चा सिकन्दर बनता है।

छात्र-छात्राएं हुए खुश
विद्यालय परिवार ने यह पहल की है। इस पहल से बच्चों में प्रेरणा का संचार हो रहा है। कार्यक्रम के बाद बच्चों की उपस्थिति प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की जा रही है। विद्यालय की छात्र-छात्राएं अपनी उपलब्धि का उल्लासपूर्वक प्रदर्शन करती हुईं नजर आई।

जागेश्वरी ठाकुर ने गोल्ड पदक जीतकर मिनिस्ट्री आफ एजुकेशन में दर्ज किया नाम

वहीं कुछ दिन पहले बेमेतरा जिले के कस्तूरबा विद्यालय की छात्रा जागेश्वरी ठाकुर ने भारतीय मार्सल आर्ट खेल में राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड पदक जीता है। जागेश्वरी ठाकुर मार्सल आर्ट खेल में राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड पदक जीतने वाली कस्तूरबा की पहली छात्रा बनीं हैं। कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय बेमेतरा की छात्रा जागेश्वरी ठाकुर का जीवन साहस और सकारात्मक बदलाव की मिसाल है। छोटे से गांव सूरजपुरा विकासखंड बेरला जिला बेमेतरा से राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीतने का सफर संघर्षपूर्ण रहा।

पिछड़े क्षेत्रों की प्रतिभाओं को समझकर निखारने का किया कार्य
इसमें मुख्य भूमिका कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय बेमेतरा की रही। जिसने ग्रामीण तथा पिछड़े क्षेत्रों की प्रतिभाओं को समझकर निखारने का कार्य किया। यहां शिक्षा के अलावा व्यावसायिक शिक्षा जैसे कराटे, खेल, नृत्य, सिलाई, क्राफ्ट के कार्यों का प्रशिक्षण जागेश्वरी जैसे बच्चियों के लिए वरदान साबित हुआ। पिछड़े और परिस्थिति को चुनौती देते हुए जागेश्वरी ठाकुर ने गतका खेल को अपनी सबसे बड़ी ताकत बनाया और संकुचित सोच को विस्तार देते हुए शाला के समस्त नियमों, अनुशासन का पालन करते हुए नियमित अभ्यास और लगन से अपना खेल तथा शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार में अपना नाम दर्ज करने वाली दूसरी छात्रा बन गई है।

जागेश्वरी ठाकुर पर बनाई जा रही डाक्यूमेंट्री
जागेश्वरी ठाकुर की सफलता की कहानी पर डाक्यूमेंट्री फिल्म खेल एवं शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा बनाया गया है। जो अवश्य ही ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के बच्चों के लिए मिशाल बन उन्हें प्रेरणा देती रहेंगी। राष्ट्रीय स्तर पर मार्शल आर्ट में स्वर्ण पदक जीतकर जागेश्वरी ठाकुर ने साबित किया कि, मेहनत और लगन से हर सपना साकार किया जा सकता है। आज शिक्षकों के मार्गदर्शन से वह अनगिनत छात्राओं के लिए प्रेरणा और सफलता की मिसाल बन चुकी है। उसकी इस सफलता की कहानी पर शॉर्ट डॉक्युमेंट्री फिल्म खेल एवं शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा बनाया गया है। जिससे देश की अन्य बेटियां पिछड़े तथा ग्रामीण परिवेश से संघर्ष कर आगे बढ़े उनके लिए की कहानी प्रेरणादायक बन उनके हौसलों को नई उड़ान अवश्य प्रदान करेगी।

गोल्ड पदक जीतने वाली कस्तूरबा स्कूल की पहली छात्रा
जागेश्वरी ठाकुर भारतीय मार्सल आर्ट खेल में राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड पदक जीतने वाली कस्तूरबा की पहली छात्रा बनी साथ ही उनके जीवन पर आधारित डाक्यूमेंट्री फिल्म बनी ऐसी कस्तूरबा की द्वितीय बालिका में अपना नाम दर्ज किया। जागेश्वरी ठाकुर ने शाला परिवार, अपने गांव, बेमेतरा जिले तथा छत्तीसगढ़ प्रदेश को अपने इस कार्य से गौरवान्वित किया है। इस सफलता के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय बेमेतरा की अधीक्षिका भारती घृतलहरे, शिक्षिकाएं ममता गुरुपंच, राजकिरण मिश्रा, गायत्री साहू, विजयलक्ष्मी परगनिहा, दीप्ति, सावित्री, नेहा वर्मा समस्त शाला परिवार ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

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