जय गोंडवाना समूह एक बार फिर पुरष्कृत: स्वच्छता का पर्याय बन गई हैं देऊरगांव की महिलाएं

मंच पर पुरस्कार लेती हुईं महिलाएं
बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में साजा विकासखंड के छोटे से गांव देऊरगांव की महिलाएं पूरे देश के लिए एक मिसाल बन गई हैं। अपने अथक परिश्रम और समर्पण से गांव को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने का संकल्प लेकर कार्यरत जय गोंडवाना महिला स्व सहायता समूह न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रिय मंच पर भी अपनी पहचान बना चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 'मन की बात' कार्यक्रम में इन महिलाओं के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा था कि, देऊरगांव की महिलाएं पूरे देश के लिए आईकॉन हैं और उनसे हर किसी को प्रेरणा लेनी चाहिए।
168वीं शहादत दिवस के उपलक्ष्य में सुवरतला बीजागोड़ चौक, साजा में आयोजित कार्यक्रम में इस समूह की महिलाओं को प्रतीक चिन्ह और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। यह सम्मान राजा शंकर शाह मंडावी और कुँवर रघुनाथ शाह मंडावी की शहादत को समर्पित दिवस पर दिया गया।
गांव की गली-गली तक स्वच्छता का संदेश
समूह की अध्यक्ष शांति नेताम के नेतृत्व में महिलाएं हर सप्ताह एकत्रित होकर गांव की गली, चौक, चौराहा, मंदिर, गोठान, विद्यालय परिसर और अन्य सार्वजनिक स्थलों की सफाई करती हैं। डस्टबिन लेकर गली-गली घूमते हुए ये महिलाएं कचरा एकत्र करती हैं और उसे गीला व सूखा कचरा अलग-अलग करती हैं। गीला कचरा: कंपोस्ट खाद बनाकर गांव में ही उपयोग और विक्रय। सूखा कचरा: प्लास्टिक, लोहे, डिब्बे आदि कबाड़ी को बेचकर समूह की आमदनी बढ़ाई जाती है। इन प्रयासों से समूह की महिलाएं न केवल गांव को स्वच्छ रख रही हैं बल्कि आत्मनिर्भर भी बन रही हैं।
स्वास्थ्य जागरूकता में भी अग्रणी
समूह की महिलाएं घर-घर जाकर ग्रामीणों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करती हैं। वे लोगों को ठंडी चीजें न खाने, कुनकुना पानी पीने, हाथ धोने और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रेरित करती हैं। इसके अलावा, पोस्टर और दीवारों पर स्लोगन लिखकर भी स्वच्छता का संदेश देती हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर मिला सम्मान
इस समूह के उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए इसे विकासखंड, जिला और राज्य स्तरीय कई पुरस्कार मिल चुके हैं। पिछले वर्ष 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ में आयोजित परेड के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। ग्राम पंचायत देऊरगांव की सरपंच धनेश्वरी जंघेल और सचिव नमिता लहरी लगातार इस समूह को प्रोत्साहन देती रही हैं।
समूह की मुख्य सदस्याएं
शांति नेताम (अध्यक्ष), कलिन्द्री सोरी (सचिव), हिना नेताम, तिजिया सोरी, विशवासा सोरी, इन्द्राणी धुर्वे, शुकवारो सोरी, द्रोपती कुंजाम, रामहिन धुर्वे, जामिन सोरी आदि। देऊरगांव की ये महिलाएं यह साबित कर रही हैं कि, स्वच्छता केवल सरकारी योजनाओं का हिस्सा नहीं बल्कि जनभागीदारी और संकल्प से ही संभव है। इनका समर्पण और जज्बा आज पूरे देश के लिए प्रेरणा है।
