बेमेतरा की बेटी ने बढ़ाया जिले का मान: डिप्टी कलेक्टर बनी सुष्मिता टोंड्रे का डाइट परिवार में आत्मीय सम्मान

बेमेतरा की बेटी ने बढ़ाया जिले का मान
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सम्मानित करते हुए 

बेमेतरा जिले की हेमाबंध गांव की सुष्मिता टोंड्रे का डिप्टी कलेक्टर पद पर चयन। डाइट बेमेतरा में आत्मीय अभिनंदन हुआ।

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में शिक्षा जगत में गर्व और उत्साह का माहौल देखने को मिला है। हेमबंध गांव की बेटी सुष्मिता टोंड्रे, जिनका चयन डिप्टी कलेक्टर पद पर हुआ है। उनका उनका डाइट बेमेतरा में पूरे आत्मीयता और सम्मान के साथ अभिनंदन किया गया। जैसे ही सुष्मिता संस्थान पहुँचीं, डाइट परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा और हर किसी के चेहरे पर गर्व का भाव साफ झलक रहा था।

कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की आराधना से हुई। डाइट प्राचार्य जे.के. घृतलहरे ने सुष्मिता को शाल, श्रीफल और पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि, कठिन परिश्रम और लगन से हर लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है, और सुष्मिता इसका जीवंत उदाहरण हैं।

निरंतर परिश्रम सफलता का सबसे बड़ा मंत्र है- उप प्राचार्य
डाइट के उप प्राचार्य डॉ. कमल कपूर बंजारे ने कहा कि पीएससी जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा मेहनत और धैर्य की परीक्षा होती है। आज गांव की बेटी ने सिद्ध कर दिया कि, निरंतर परिश्रम सफलता का सबसे बड़ा मंत्र है। उन्होंने छात्र-शिक्षकों को भी प्रेरित करते हुए कहा कि, हौसला और मेहनत से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।


बेमेतरा के लिए गौरव की बात- डॉ. वसुबंधु
नव-पदस्थ प्राचार्य डॉ. वसुबंधु दीवान ने कहा कि, सुष्मिता की सफलता इस बात का प्रमाण है कि 10-15 मिनट की इस सम्मानित घड़ी के पीछे कितने वर्षों का संघर्ष और कठिन परिश्रम छुपा है। जिले से इस वर्ष सात अभ्यर्थियों का चयन होना बेमेतरा के लिए गौरव की बात है।

लगन, निष्ठा और आत्मविश्वास ही सफलता की चाबी- सुष्मिता
सुष्मिता ने अपने उद्बोधन में छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि, जब जागो तभी सवेरा। पहला प्रयास असफल रहा, दूसरे में इंटरव्यू तक पहुँची, और तीसरे प्रयास में सफलता मिली। कभी निराश मत होना- लगन, निष्ठा और आत्मविश्वास ही सफलता की चाबी है।

इस अवसर पर ये रहे उपस्थित
अभिनंदन कार्यक्रम में वरिष्ठ व्याख्याता जी.एल. खुटियारे, उषा किरण पांडेय, कीर्ति घृतलहरे, श्रद्धा तिवारी, नागेंद्र शर्मा सहित डीएलएड प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्र-अध्यापक उपस्थित रहे। सुष्मिता के साथ उनके पिता संजय टोंड्रे और भाई हीरेन्द्र टोंड्रे भी उपस्थित रहे।

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