बस्तर में स्कूलों में पढ़ाई ठप: SIR ड्यूटी में लगाए गए शिक्षक, नियमित नहीं लग पा रहीं कक्षाएं

बस्तर में स्कूलों में पढ़ाई ठप
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फाइल फोटो 
छत्तीसगढ़ में SIR की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसका असर बस्तर के स्कूलों में देखने को मिल रहा है। पढ़ाई नियमित नहीं हो पा रही है।

अनिल सामंत- जगदलपुर। जिले में चल रहे विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण (एसाईआर) कार्य ने इस बार विद्यालयी शिक्षा की रफ्तार पर गंभीर असर डाला है। बड़ी संख्या में प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं के शिक्षकों को बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) की जिम्मेदारी दी गई है, जिससे नियमित अध्यापन पूरी तरह प्रभावित हो गया है।

बस्तर जिले में पहले से ही शिक्षक संख्या में भारी कमी बनी हुई है। अनेक विद्यालय एकल शिक्षक व्यवस्था पर निर्भर हैं। ऐसे में जब वही शिक्षक मतदाता सूची के सत्यापन कार्य में व्यस्त हो गए हैं, तो विद्यालयों में शिक्षण गतिविधियाँ लगभग ठप पड़ गई हैं।

ग्रामीण अंचलों के कई विद्यालयों में बच्चों को बिना निगरानी के समय बिताते देखा जा सकता है। अभिभावक चिंतित हैं कि बच्चे स्कूल तो जा रहे हैं, पर पढ़ाई नहीं हो रही। पूरा सत्र पिछड़ने का डर है। शिक्षक संगठनों ने भी प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।

दूसरे विभागों के कर्मचारियों की लगाई जाए ड्यूटी
उनका कहना है कि, शैक्षणिक सत्र के बीच बीएलओ ड्यूटी लगाने से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। प्रशासन को अन्य विभागों के कर्मचारियों को इस कार्य में शामिल करना चाहिए। एसाईआर कार्य की अवधि लगभग एक माह तक चलने वाली है। इस दौरान शिक्षकों को घर-घर जाकर मतदाता सूची अद्यतन, सत्यापन और रिपोर्टिंग का काम करना पड़ रहा है। शिक्षा प्रेमियों का मानना है कि यह स्थिति यदि लंबे समय तक जारी रही, तो बच्चों की सीखने की क्षमता और परीक्षा परिणाम दोनों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

शिक्षा पर असर अभिभावकों की व्यथा
एक पालक ने नाम न कहने की शर्त पर अपनी व्यथा में कहा“हमारे बच्चे रोज़ स्कूल जाते हैं,पर शिक्षक न होने से पढ़ाई नहीं हो रही। परीक्षा पास कर भी ज्ञान अधूरा रह जाएगा। प्रशासन को स्कूलों की पढ़ाई को प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि यही बच्चों का भविष्य तय करती है।

एकल स्कूल के शिक्षकों की नही लगाई गई ड्यूटी : डीईओ
बीएल बघेल, जिला शिक्षा अधिकारी बस्तर ने कहा कि, जिले के किसी भी एकल शिक्षकीय स्कूलों में शिक्षकों की मतदाता पुनरीक्षण कार्य मे ड्यूटी नहीं लगाई गई है। जहां दो शिक्षक है, वहां पर एक शिक्षक की ड्यूटी लगाई गई है।

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