बस्तर ओलंपिक 2025: 761 आत्मसमर्पित नक्सली और पीड़ित परिवार के सदस्य ले रहे भाग

बस्तर ओलंपिक 2025 :761 आत्मसमर्पित नक्सली और पीड़ित परिवार के सदस्य ले रहे भाग
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आत्मसमर्पित नक्सली और पीड़ित परिवार के सदस्य ले रहे भाग

बस्तर के जंगल में नक्सली बन कर एके-47 से हत्या करने वाले अब समर्पण के बाद बस्तर ओलंपिक में तीरंदाजी करते हुए निशाना लगा रहे हैं।

महेन्द्र विश्वकर्मा - जगदलपुर। बस्तर के जंगल में नक्सली बन कर एके-47 से हत्या करने वाले अब समर्पण के बाद बस्तर ओलंपिक में तीरंदाजी करते हुए निशाना लगा रहे हैं। बस्तर के अलग-अलग जिलों के खिलाड़ियों के साथ 761 सरेंडर माओवादी और माओवादियों से पीड़ित परिवारों के सदस्य भी खेलों में हिस्सा ले रहे हैं। नक्सली जंगलों में आधुनिक हथियार लेकर घूमते थे, लेकिन अब मुख्यधारा से जुड़कर बस्तर ओलंपिक में पदक की दौड़ में शामिल हैं। सरेंडर माओवादी पोयामी भीमा, पोदियाराम मरकाम, बुधरा पोड़याम, अर्जुन माड़वी बस्तर ओलंपिक में खेल रहे हैं।

मोटू ने बताया कि, वर्ष 2018 से अगस्त 2025 तक बंदूक के साथ जंगल में नक्सली संगठन में रहा ओलंपिक में खो-खो खेल रहा है। इसके अलावा नक्सल पीड़ित रामु, माड़वी सुक्का, वीरेश मौर्य, सुरेश कुमार मिच्चा, किशन, कमल, मड़कम तीरदांजी कर रहे हैं। सुकमा जिला निवासी पोयामी भीमा ने बताया कि नक्सल संगठन का डीवीसी रहा, वर्ष 2021 में टेकलगुड़ा घटना में माओवादियों ने लगभग 25 जवानों को शहीद किया था, उसमें शामिल रहा। वर्ष 2012 में कलेक्टर के अपहरण में पुलिस की ओर से बाएं पैर में गोली लगी थी, लेकिन भाग गया था। भीमा की पत्नी भी डीवीसी में रही। दोनों ने एके-47 के साथ जुलाई 2025 में आत्मसमर्पित किए। उसने बताया कि जंगल में एके-47 से निशाना लगाते थे पर अब बस्तर ओलंपिक में तीरदांजी कर रहे हैं।


20 साल तक नक्सल संगठन में रहा

नक्सल संगठन में डीवीसी रहे पोदियाराम मरकाम एवं बुधरा पोड्याम ने बताया कि, लगभग 20 साल तक नक्सल संगठन में एके-47 के साथ रहा। सरेंडर होने के बाद बस्तर ओलंपिक में खेलने का अवसर मिला, जिसमें तीरदांजी कर रहे हैं। उनका कहना है कि अब मुख्य धारा में आ गए हैं, अब ऐसा काम करना है, जिससे लोग सम्मानित करें।


नक्सल संगठन में रहे डॉक्टर सुखलाल
माओवादी संगठन में कभी डॉक्टर का काम करने वाले सुखलाल ने बताया कि अबूझमाड़ इलाके में माओवादियों और ग्रामीणों का इलाज करते थे, जिसके कारण अबूझमाड़ में काफी प्रसिद्ध हैं। थ्री-नॉट-थ्री रायफल रहती थी, आठ लाख का ईनाम था, सुखलाल डॉक्टर टीम में कमांडर का काम करते थे। सरेंडर किए सुखलाल ने बताया कि ओलंपिक में वालीबॉल खेल रहे हैं।




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