बस्तर ओलंपिक 2025: गोलियों और बम धमाकों की आवाजों की जगह फैल रहा जीत का उल्लास, मैदान से शांति और भाईचारे की नई शुरुआत

बस्तर ओलंपिक 2025 समापन समारोह
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बस्तर ओलंपिक के समापन अवसर पर पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह, सीएम साय के साथ प्रदेश के कई बड़े नेता भी रहे मौजूद

बस्तर ओलंपिक 2025 ने खेलों के माध्यम से बस्तर को नक्सलवाद और पिछड़ेपन से निकालते हुए शांति, सामाजिक एकता, युवा सशक्तिकरण और विकास की नई पहचान दी।

रायपुर। छत्तीसगढ़ का बस्तर अंचल, जो लंबे समय तक नक्सलवाद, पिछड़ेपन और अशांति की पहचान रहा, आज एक नई तस्वीर पेश कर रहा है। बस्तर ओलंपिक 2025 ने यह साबित कर दिया है कि खेल केवल प्रतिस्पर्धा का माध्यम नहीं, बल्कि शांति स्थापना, सामाजिक एकता और विकास का सशक्त औजार बन सकते हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली BJP सरकार की यह पहल बस्तर के इतिहास में सामाजिक परिवर्तन का एक मील का पत्थर बनकर उभरी है।


बस्तर ओलंपिक की शुरुआत
बस्तर ओलंपिक की शुरुआत वर्ष 2024 में छत्तीसगढ़ सरकार की दूरदर्शी सोच के साथ हुई थी। पहले संस्करण में जहां करीब 1.65 लाख खिलाड़ियों ने भाग लिया, वहीं इस ऐतिहासिक सफलता के बाद बस्तर ओलंपिक 2025 और भी व्यापक रूप में सामने आया।

रिकॉर्डतोड़ भागीदारी
25 अक्टूबर से आयोजित बस्तर ओलंपिक 2025 में लगभग 3.9 लाख (3 लाख 90 हजार) खिलाड़ियों ने पंजीकरण कराया। ब्लॉक, जिला और संभाग स्तर पर चरणबद्ध रूप से हुए इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि बस्तर के युवाओं में अब विश्वास, उत्साह और आत्मविश्वास तेजी से बढ़ रहा है।


नक्सल प्रभावित युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने की पहल
बस्तर ओलंपिक का उद्देश्य केवल प्रतियोगिताएं कराना नहीं था, बल्कि नक्सल प्रभावित और आदिवासी युवाओं को हिंसा व भटकाव से दूर रखकर सकारात्मक गतिविधियों से जोड़ना था। खेलों ने युवाओं को एक नई पहचान दी और समाज से जुड़ने का अवसर प्रदान किया।

शांति और भाईचारे का संदेश
गांव-गांव तक खेलों के माध्यम से सद्भावना, आपसी विश्वास और शांति का संदेश पहुंचा। बस्तर ओलंपिक ने यह दिखाया कि बंदूक की जगह बल्ला और भाला थामने से भविष्य बदला जा सकता है।


11 खेल विधाएं, पारंपरिक और आधुनिक खेलों का संगम
बस्तर ओलंपिक 2025 में कुल 11 खेल विधाओं को शामिल किया गया, जिनमें- एथलेटिक्स, कबड्डी, फुटबॉल, हॉकी, तीरंदाजी, वॉलीबॉल, खो-खो, बैडमिंटन, कराटे, वेटलिफ्टिंग और रस्साकशी प्रमुख रहे। इस आयोजन की खास बात यह रही कि बस्तर की पारंपरिक खेल संस्कृति को आधुनिक खेलों के साथ समान मंच मिला, जिससे स्थानीय प्रतिभाओं को राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त हुआ।


महिला सशक्तिकरण और समावेशिता की मिसाल
कई जिलों में महिला खिलाड़ियों की संख्या पुरुषों से अधिक रही, जो बस्तर में महिला सशक्तिकरण का मजबूत संकेत है। साथ ही दिव्यांग खिलाड़ियों को भी समान अवसर दिए गए, वहीं आत्मसमर्पित नक्सलियों की खेलों में भागीदारी ने यह संदेश दिया कि समाज में लौटने का रास्ता हमेशा खुला है। यह पहल BJP सरकार की समावेशी सोच को दर्शाती है।


मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दूरदर्शी सोच
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बस्तर ओलंपिक को केवल खेल आयोजन नहीं, बल्कि बस्तर के समग्र विकास की रणनीति के रूप में अपनाया। उद्घाटन अवसर पर उन्होंने कहा कि, 'बस्तर ओलंपिक युवाओं को बंदूक नहीं, खेल का मैदान देने का प्रयास है।' BJP सरकार की स्पष्ट नीति रही कि खेलों के जरिए युवाओं को आत्मविश्वास, पहचान और भविष्य दिया जाए।


राष्ट्रीय पहचान: अमित शाह की मौजूदगी
बस्तर ओलंपिक 2025 के समापन समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति ने इस आयोजन को राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई। उन्होंने इसे नक्सलवाद के अंत और विकास की शुरुआत का प्रतीक बताया और बस्तर के उज्ज्वल भविष्य के लिए केंद्र-राज्य की साझा प्रतिबद्धता दोहराई।

इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार में वृद्धि
बस्तर ओलंपिक के चलते खेल अधोसंरचना, प्रशिक्षण केंद्रों और स्थानीय रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई। आयोजन से जुड़े प्रबंधन, परिवहन और सेवाओं से हजारों लोगों को काम मिला।


भविष्य के खिलाड़ियों की तैयारी
प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को राज्य की खेल अकादमियों और विशेष प्रशिक्षण योजनाओं से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिससे बस्तर से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार हो सकें।

संघर्ष के क्षेत्र से संभावनाओं का क्षेत्र
कुल मिलाकर, बस्तर ओलंपिक 2025 छत्तीसगढ़ के विकास मॉडल में एक नई दिशा का प्रतीक बन चुका है। BJP और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में यह आयोजन बस्तर को 'संघर्ष के क्षेत्र' से निकालकर 'संभावनाओं के क्षेत्र' में बदलने की मजबूत नींव रखता है। यदि यह पहल इसी निरंतरता के साथ आगे बढ़ती रही, तो बस्तर न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए खेल, शांति और सामाजिक परिवर्तन का आदर्श मॉडल बन सकता है।

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