नक्सल संगठन की कमान देवजी के हाथ: हिड़मा का बढ़ा कद, पूरा बस्तर अब उसके हवाले

देवजी को सौंपी गई नक्सल संगठन की जिम्मेदारी
गणेश मिश्रा- बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में माओवादी संगठन ने बड़ा फेरबदल किया है। 21 मई को नारायणपुर के जंगलों में हुई मुठभेड़ में महासचिव नम्बाला केशव राव उर्फ बसवराज समेत 28 माओवादियों के मारे जाने के बाद तेलंगाना के करीमनगर जिले के दलित नेता तिरुपति उर्फ देवजी को नया मुख्य सचिव बनाया गया है। वहीं कमांडर हिडमा उर्फ संतोष को समिति सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

मिली जानकारी के अनुसार, पीएलजीए की पहली बटालियन के कमांडर हिडमा उर्फ संतोष को विशेष आंचलिक समिति सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। हिडमा पर 2010 दंतेवाड़ा हमले और 2019 में भाजपा विधायक भीमा मंडवी की हत्या जैसे कई हमलों का मास्टरमाइंड होने का आरोप है। उस पर 40 लाख का इनाम भी घोषित है।

नक्सल ऑपरेशनों से कमजोर पड़ा रेड कॉरिडोर
हाल के वर्षों में लगातार सुरक्षा बलों के अभियानों से रेड कॉरिडोर कमजोर पड़ा है। दर्जनों वरिष्ठ माओवादी या तो मारे गए या आत्मसमर्पण कर चुके हैं। अब संगठन नए नेतृत्व के सहारे बस्तर में अपनी पकड़ मजबूत करने और पुनर्गठन की कोशिश कर रहा है।
मुठभेड़ में मारे गए हैं बड़े नक्सली लीडर
बीते महीने नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के घने जंगलों में सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली थी। जवानों और नक्सलियों के बीच हुए भीषण मुठभेड़ में सीसीएम महासचिव नंबाला केशवराव उर्फ बसवराजू उर्फ बीआर दादा, उर्फ गगन्ना उर्फ प्रकाश मारा गया था। इन पर 11 करोड़ 73 लाख रुपए का ईनाम घोषित था। वहीं अन्य नक्सल प्रभावित राज्यों में 10 करोड़ का ईनाम घोषित था।

हार्डकोर माओवादीयों का हुआ सफाया
इस मुठभेड़ में नक्सलियों की सात नंबर कंपनी का पूरी तरह सफाया हो गया था, जो बसवराजू की सुरक्षा में तैनात थे। नक्सल आंदोलन की रीढ़ माने जाने वाले इस हार्डकोर माओवादी की सुरक्षा में तैनात कंपनी नंबर-सात का भी लगभग पूरी तरह सफाया हो गया। तीन दशक में पहली बार हुआ है, जब सुरक्षा बलों ने किसी पोलित ब्यूरो सदस्य को मार गिराने में सफलता पाई थी।
