कठिन परिस्थितियों के बावजूद 80% SIR: दंतेवाड़ा-बीजापुर जिले में कर्मचारी नदी- पहाड़ और जंगल पार कर एसआईआर अभियान में जुटे

जंगल, पहाड़ और नदियाँ पार कर मतदाताओं तक पहुंची BLO टीम
महेंद्र विश्वकर्मा - जगदलपुर। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले इन दिनों मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में जुटे हुए हैं। घने जंगल, पहाड़, नदी और नक्सली गतिविधियों वाले कठिन इलाकों में कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर मतदाताओं तक पहुंच रहे हैं।
नदी, घने जंगल और पहाड़ी रास्तों से होकर गुज़रे BLO
बीजापुर जिला प्रशासन के नेतृत्व में एसआईआर प्रक्रिया के तहत भैरमगढ़ के कुटरु क्षेत्र में बीएलओ और कर्मचारियों ने इंद्रावती नदी को नाव से पार किया और फिर कई किलोमीटर पैदल घने जंगलों व पहाड़ी रास्तों से होकर गुज़रे। उन्होंने संवेदनशील गांवों- जर्रामरका, हुर्रेगवाली, पुसलंका, चिन्नाटोकामेटा और छोटेबोदली तक पहुंचकर घर-घर गणना पत्रक भरे। कर्मचारियों की यह मेहनत सुनिश्चित कर रही है कि हर मतदाता का नाम सही रूप से दर्ज हो सके।

80% काम पूरा, बाकी के लिए टीमें जुटीं
जिले के उप निर्वाचन अधिकारी एनआर गवेल ने बताया कि कठिन परिस्थितियों, सुरक्षा जोखिम और नदी-जंगल की चुनौतियों के बावजूद बीएलओ ने जिम्मेदारी पूरी निष्ठा के साथ निभाई है। उन्होंने जानकारी दी की अब तक लगभग 80% एसआईआर कार्य पूरा हो गया है और शेष 20% काम 4 दिसंबर तक पूरा होने की संभावना है। अभियान में सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी सूर्यकांत घरत, जनपद पंचायत सीईओ अभिषेक तंबोली, बीएलओ देवी लाल कंवर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और अन्य कर्मचारी शामिल रहे।
अबूझमाड़ में 300 से अधिक मतदाताओं तक पहुंची टीम
बीजापुर कलेक्टर संबित मिश्रा ने बताया कि अबूझमाड़ जैसे अत्यंत दुर्गम क्षेत्र में कर्मचारियों की टीम ने कई किलोमीटर पैदल चलकर 300 से अधिक मतदाताओं तक गणना पत्रक पहुंचाए और फार्म भरने में लोगों को मदद भी की यह क्षेत्र वर्षों से अपने दुर्गम भौगोलिक स्वरूप और सुरक्षा चुनौतियों के लिए जाना जाता है।

काम का दबाव जरूर, पर बस्तर में आत्महत्या जैसी स्थिति नहीं: बीएलओ
देशभर में एसआईआर के दबाव में कई बीएलओ द्वारा आत्महत्या के मामले सामने आने के बाद बस्तर क्षेत्र में भी स्थिति देखने को मिली। हालाँकि, बीएलओ ने स्पष्ट किया कि- यहां दबाव है, लेकिन आत्महत्या की स्थिति नहीं।
जगदलपुर के विभिन्न बीएलओ ने बताया-
रामैया वार्ड के चन्द्रधर पांडेय:
901 मतदाताओं में से लगभग 70% मतदाताओं ने अपने फॉर्म जमा कर दिए हैं, जबकि करीब 20% से संपर्क किया जा रहा है। कई लोग वार्ड छोड़कर कहीं और चले गए हैं, जिनकी जानकारी पड़ोसियों को भी नहीं है। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों पर मानसिक दबाव बढ़ रहा है, क्योंकि हर मतदाता तक पहुंचना और सटीक जानकारी दर्ज करना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
दलपत सागर वार्ड के उमेश कुमार नेताम:
उनके वार्ड में कुल 1300 मतदाता हैं, जिनमें से 800 मतदाताओं के फॉर्म अब तक पूरे किए जा चुके हैं। हालांकि, शेष लोगों तक पहुंचना और उन्हें ढूंढना लगातार चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है, जिससे पूरी प्रक्रिया अपेक्षाकृत धीमी हो जाती है और कर्मचारियों पर अतिरिक्त दबाव बढ़ता है।

बीएलओ का कहना है कि कई मतदाता वार्ड छोड़ चुके हैं, ऐसे में उनके फॉर्म भरना संभव नहीं हो पाता। इसके बावजूद अधिकारी सख्त निर्देश दे रहे हैं कि हर हाल में काम पूरा करना है, वरना कार्रवाई होगी। इस स्थिति ने फील्ड में काम कर रहे कर्मचारियों पर दबाव और बढ़ा दिया है।
हर मतदाता तक पहुँचने की नगर निगम की कोशिश
नगर निगम जगदलपुर के एमआईसी सदस्य संग्राम सिंह राणा ने बताया कि निगम क्षेत्र में कुल 1.25 लाख मतदाता हैं और इनके लिए 103 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिन पर प्रत्येक केंद्र के लिए एक बीएलओ नियुक्त किया गया है। सभी बीएलओ वार्डों में पहुँचकर एसआईआर फार्म घर–घर वितरित कर रहे हैं। प्रशासन का प्रयास है कि कोई भी मतदाता सूची से छूट न जाए और हर व्यक्ति का नाम सही रूप से दर्ज हो सके।
