राज्य का पहला डिजिटल मॉडल स्कूल: बस्तर के हाई-टेक स्मार्ट क्लास में रोबोट-ड्रोन-AI से सजेगी शिक्षा

बस्तर हाई स्कूल में छत्तीसगढ़ का पहला स्मार्ट क्लास
अनिल सामंत - जगदलपुर। बस्तर की शिक्षा व्यवस्था के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है, बस्तर हाई स्कूल अपने शताब्दी वर्ष में राज्य का पहला अत्याधुनिक हाई-टेक डिजिटल स्मार्ट क्लासरूम तैयार कर चुका है। इस उपलब्धि ने न केवल स्कूल बल्कि पूरे बस्तर संभाग को गौरवान्वित कर दिया है।
17, 18 और 19 नवंबर को आयोजित होने वाले शताब्दी समारोह में इन दो हाई-टेक कक्षाओं का लोकार्पण मुख्यमंत्री, स्कूल शिक्षा मंत्री, सांसद, विधायक और महापौर संयुक्त रूप से करेंगे।
डॉ. कलाम की प्रेरणा से साकार हुआ सपना
इस पहल के मुख्य प्रेरक, स्कूल के पूर्व विद्यार्थी शैलेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि, इस नवाचार का बीज उन्हें पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से मिला। रायपुर में हुई उनकी मुलाकात में डॉ. कलाम ने उनसे कहा था कि 'बस्तर की संस्कृति को विज्ञान से जोड़कर काम कीजिए।' यही वाक्य शैलेन्द्र के जीवन का मंत्र बन गया। अपने माता-पिता शारदा ठाकुर और देवेंद्र सिंह ठाकुर की स्मृति को समर्पित करते हुए उन्होंने इस ऐतिहासिक योगदान की परिकल्पना की।

रोबोट, ड्रोन और AI से सजेगा कक्षा का भविष्य
यह हाई-टेक स्मार्ट क्लास पूरी तरह डिजिटल टेक्नोलॉजी से लैस है-
- रोबोटिक्स किट और रोबोटिक आर्म
- ड्रोन ऑपरेशन और बेसिक फ्लाइट कंट्रोल सिमुलेशन
- बड़ी डिजिटल इंटरैक्टिव स्क्रीन
- एआई-सक्षम शिक्षण टूल्स
- वीआर आधारित प्रयोगात्मक शिक्षण (आगामी चरण)
पूर्व विधायक किरण देव के साथ चर्चा के बाद इस परिकल्पना को अंतिम स्वरूप दिया गया। यह मॉडल क्लासरूम पूरे छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा स्कूल मॉडल है, जो विज्ञान और टेक्नोलॉजी के समावेश का उन्नत उदाहरण बनेगा।
बस्तर मॉडल बनेगा पूरे प्रदेश के लिए मार्गदर्शक
शैलेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि यदि प्रदेश में कोई अन्य संस्था ऐसी पहल करना चाहती है, तो वे बिना किसी शुल्क के अपनी सेवाएँ देने को तैयार हैं, ताकि बस्तर सहित छत्तीसगढ़ का शैक्षणिक भविष्य तकनीक की नई ऊँचाइयों को छू सके।
भविष्य की दिशा में बड़ा कदम
यह स्मार्ट क्लास न केवल छात्रों को नई दुनिया से जोड़ने का माध्यम बनेगा, बल्कि बस्तर को राज्य के शैक्षणिक मानचित्र पर एक नए स्तर पर स्थापित करेगा। शताब्दी वर्ष में मिला यह नवाचार आने वाले समय में बस्तर को तकनीकी शिक्षा का हब बनाने की क्षमता रखता है।
