धर्मांतरण की आड़ में बस्तर की शांति पर वार: चोकावाड़ा में अवैध चर्च निर्माण खिलाफ भड़का आक्रोश

बजरंग दल ने तहसीलदार को सौंपा मांगपत्र
अनिल सामंत- जगदलपुर। बस्तर में लंबे समय से चल रहे धर्मांतरण के खेल ने अब प्रशासन की आँखें खोल देने वाली स्थिति पैदा कर दी है। ग्राम चोकावाड़ा में नजूल की भूमि पर अवैध रूप से चर्च निर्माण और पेड़ों की अवैध कटाई का मामला सामने आया है।
इसको लेकर बजरंग दल जिला बस्तर इकाई ने तहसीलदार को मांगपत्र सौंपकर अवैध गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। संगठन ने अपने मांगपत्र में उल्लेख किया कि जिस स्थान पर यह निर्माण कार्य चल रहा है,वह पूरी तरह शासकीय भूमि है। वहाँ किसी भी ईसाई धर्मावलंबी परिवार का निवास नहीं है, ऐसे में चर्च निर्माण का कोई औचित्य नहीं बनता।
गांव की शांति भंग करने का प्रयास : बजरंग दल
बजरंग दल का कहना है कि, यह न केवल भूमि कब्जे का प्रयास है, बल्कि ग्राम की शांति, सामाजिक सौहार्द और धार्मिक समरसता को भंग करने वाला कदम भी है। संगठन ने यह भी आरोप लगाया कि निर्माण स्थल पर हरी-भरी पेड़ों की अवैध कटाई की गई है, जो पर्यावरणीय दृष्टि से गंभीर अपराध है। मांगपत्र में मांग की गई है कि प्रशासन भूमि की तत्काल जांच कराए, निर्माण कार्य रोक लगाए और दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करे। बजरंग दल ने यह भी कहा कि बस्तर संविधान की पाँचवीं अनुसूची के अंतर्गत आता है, जहाँ किसी भी धार्मिक या सार्वजनिक निर्माण के लिए ग्राम सभा की अनुमति अनिवार्य होती है, किंतु इस मामले में ऐसी कोई स्वीकृति नहीं ली गई है।

शीघ्र हल नहीं हुआ तो होगा आंदोलन : बजरंग दल
संगठन ने चेतावनी दी है कि, यदि प्रशासन ने शीघ्र संज्ञान नहीं लिया, तो वह लोकतांत्रिक आंदोलन प्रारंभ करने को बाध्य होगा। मांगपत्र सौंपने वालों में विभाग सेवा प्रमुख अनिल अग्रवाल,जिला संयोजक मुन्ना बजरंगी, सह संयोजक सनी रैली, गौ संवर्धन प्रमुख विष्णु ठाकुर,नगर अध्यक्ष प्रतीक सिंह गुरु, अजय सिंह, तमिश राव,पवन राजा,अनिल राजपूत एवं इंद्र कुमार प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। बजरंग दल ने विश्वास जताया है कि प्रशासन इस गंभीर मामले की निष्पक्ष जांच कर बस्तर की सामाजिक एकता, पर्यावरण संरक्षण और धार्मिक सौहार्द की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएगा।
बस्तर में धर्मांतरण का जाल
प्रलोभन और चमत्कार के नाम पर भोले-भाले आदिवासियों का धर्मांतरण शासकीय भूमि पर कब्जे और अवैध निर्माण के आरोप बढ़े हैं। समाजिक सौहार्द पर मंडरा रहा खतरा प्रशासन से अपेक्षा बस्तर की आस्था व संस्कृति की रक्षा जरूरी है।
