किसानों से ठगी: 30 लाख का धान लेकर महीनों बाद भी नहीं दिए पैसे, एक गिरफ्तार दूसरा है फरार

किसानों से ठगी : व्यापारी 30 लाख की धान लेकर हुआ रफूचक्कर, आरोपी गिरफ्तार
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हथबंद थाना

बलौदाबाजार जिले के सिमगा तहसील क्षेत्र में किसानों का भरोसा जीतकर करीब 30 लाख रुपए से अधिक कीमत का धान खरीदकर दो ठग फरार हो गए।

कुश अग्रवाल- बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के सिमगा तहसील क्षेत्र में किसानों का भरोसा जीतकर करीब 30 लाख रुपए से अधिक कीमत का धान खरीदकर दो ठग फरार हो गए। मामले की शिकायत पर हथबंद पुलिस ने अपराध दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दूसरा पहले से ही जेल में बंद है।

दुर्ग जिले का निवासी लक्ष्य टंडन और शिमगा क्षेत्र का तुलाराम डहरिया खुद को धान व्यापारी बताते हुए सिमगा तहसील के दर्जनों गांवों में घूम-घूमकर किसानों से धान खरीद रहे थे। उन्होंने किसानों को गर्मी फसल के धान का भाव 2200 रु प्रति क्विंटल तय किया और 15 दिनों में भुगतान करने का वादा किया। भरोसा करने पर किसानों ने अगस्त माह में अपना धान इनके हवाले कर दिया। कुल 26 किसानों ने अलग-अलग मात्रा में धान बेच दिया, जिसका मूल्य 30 लाख रुपए से अधिक है। लेकिन तय समय बीत जाने के बाद भी भुगतान न मिलने पर किसान कई बार इन लोगों के पास गए, फिर भी पैसे नहीं मिले। आखिर किसानों ने स्वयं को ठगा हुआ महसूस करते हुए हथबंद थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई।

अन्य जिलों में भी कर चुके हैं ठगी
जांच में यह खुलासा हुआ कि दोनों ठग धरसीवां, खरोरा और दुर्ग क्षेत्र के किसानों से भी इसी तरह ठगी कर चुके हैं। आरोपी लक्ष्य टंडन के खिलाफ धरसीवां थाने में मामला दर्ज है और वह इसी प्रकरण में गिरफ्तार होकर जेल में है। तुलाराम डहरिया को हथबंद थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस उससे और पूछताछ कर रही है।

प्रशासन के लिए चिंता का विषय
ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह चार पहिया वाहन से घूम-घूमकर धान खरीदने वाले फर्जी व्यापारी सक्रिय हैं। ये न केवल किसानों को चूना लगाकर फरार हो जाते हैं बल्कि शासन को भी मंडी शुल्क के राजस्व का नुकसान पहुंचाते हैं।

किसानों ने की कार्रवाई की मांग
किसानों का कहना है कि प्रशासन को ऐसे फर्जी धान व्यापारियों पर तत्काल कार्रवाई करते हुए धान खरीदी के लिए वैध लाइसेंस और पंजीयन को अनिवार्य करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे ठगी के मामले न हों।

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