बारिश ने संवारा जंगल का श्रृंगार: वनांचल के पहाड़ी झरनों में बिखरी खूबसूरती

पहाड़ी झरनों की प्राकृतिक खूबसूरती
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बरसात में दिखीं पहाड़ी झरनों की प्राकृतिक खूबसूरती

छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश से पहाड़ी झरनों में एक बार फिर से बहार आ गई है।

कुश अग्रवाल- बलौदा बाजार। हाल के दिनों में में हुई मूसलाधार बारिश आम लोगों के लिए परेशानी लेकर आई। नदी-नालों में उफान और आवागमन की मुश्किलों का सामना लोगों को करना पड़ा। लेकिन प्रकृति ने इस बरसात को एक तोहफे में बदल दिया है। बलौदा बाजार जिले के वन क्षेत्रों के घने जंगल और पहाड़ियां अब एक नए रूप में दिखाई दे रही हैं।

बारनवापारा और आसपास के वन क्षेत्रों में छोटी-छोटी पहाड़ियों से बहता पानी झरनों का रूप लेकर नीचे गिर रहा है। बरसाती धुंध और हरियाली से घिरी ये झरनियां किसी प्राकृतिक चित्रकारी से कम नहीं लगतीं। चट्टानों से गिरती बूंदों की आवाज और जंगल में फैली ठंडी हवाएं माहौल को और भी रोमांटिक बना रही हैं।

कुछ दिनो या हफ्तों में लुप्त हो जाते हैं ये झरने
ये झरने स्थायी नहीं होते- बरसात थमने के कुछ दिनों या हफ्तों बाद ये लुप्त हो जाते हैं- शायद यही कारण है कि इनकी खूबसूरती और भी अनमोल हो जाती है। प्रकृति जैसे कुछ समय के लिए अपना गुप्त श्रृंगार दिखाती है और फिर ओझल हो जाती है।

तस्वीरें कैद करने उमड़ रहे लोग
कई लोग पहाड़ी झरनों के पास पलों को कैमरे में कैद कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं। हर तस्वीर और वीडियो मानो बारिश की ताजगी और जंगल की रूमानी खुशबू को जिंदा कर दे रहा हो।

प्रकृति ने रचे प्रेम गीत
बरसात के मौसम ने जंगलों को ऐसा रूप दे दिया है, जो मन को ठहर जाने पर मजबूर कर देता है- जैसे प्रकृति ने स्वयं प्रेम का एक नया गीत रच दिया हो।

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