बिगड़े मौसम ने बढ़ाई किसानों की चिंता: खलिहान में पड़ा है धान, फसल को काटना हुआ मुश्किल

धान
रायपुर। बिगड़े मौसम ने किसानों को चिंतित कर दिया है। दिवाली के बाद अरली वेरायटी की धान कटाई और उसकी मिंजाई भी शुरू हो गई और धान खलिहान में पड़े हुए हैं। खेतों में भी खड़ी फसलों को काटना है। लेकिन बदली और बारिश के हालात हैं। जिसकी वजह से किसानों ने धान की कटाई बंद कर दी है। जो किसान धान की मिंजाई कर खलिहान में रखे हैं उन्हे बारिश से बचाने जतन कर मौसम खुलने का इंतजार कर रहे हैं। मौजूदाहालात फिर किसानों की फसल को बर्बादी की तरफ ले जा रहा है।
15 नवंबर से किसानों को बेचना है धान
प्रदेश सरकार ने इस साल धान खरीदी 15 नवंबर से शुरू कर रही है। धान खरीदी 31 जनवरी 2026 तक चलेगी। प्रति एकड़ 21 क्विंटल के हिसाब से किसानों से धान खरीदी की जाएगी। 3100 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों से धान खरीदी होगी। धान खरीदी के खरीदी केंद्रों में चबूतरे भी बनाए गए हैं जहां धान का स्टेक लगाया जाएगा।
नमी की मात्रा 28 प्रतिशत हो
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के महासचिव झबेंद्रभूषण वैष्णव ने बताया कि, दिवाली के पहले लगातार बारिश हुई है। अरली वेरायटी की धान कटाई और मिंजाई किसान कर रहे हैं। बिगड़े मौसम की वजह से स्वाभाविक है कि धान में नमी की मात्रा बढ़ेगी। इसलिए सरकार से हमारी मांग है कि नमी की मात्रा 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 22 प्रतिशत की जाएं जिससे किसानों को राहत मिल सके।
17 प्रतिशत से ज्यादा नमी आई तो नहीं खरीदेंगे धान
खरीदी के लिए जिले में प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है लेकिन बिगड़ते मौसम से किसान दिक्कत में फंस गए हैं। प्रदेश सरकार ने धान में 17 प्रतिशत नमी को ही स्वीकार्य करने का नियम बनाया है। नमी मापने के लिए हर खरीदी केंद्र में आर्द्रता मापक यंत्र भी इस्तेमाल किए जाएंगे। लेकिन जिस हिसाब से बारिश और बदली की स्थिति है वैसे में धान में नमी की मात्रा इस निर्धारित प्रतिशत से बढ़ाना स्वाभाविक है। किसान बताते हैं कि 15 दिनों के भीतर धान खेतों से काटकर खलिहान तक लाने और उसकी मिंजाई भी पूरी कर लेते लेकिन बारिश ने इस काम को प्रभावित कर दिया है।
