ग्रामीणों का प्रदर्शन रंग लाया: नेशनल हाईवे जाम करने के बाद प्रशासन ने सील किया आशु स्टोन क्रेशर खदान

खदान बंद करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए ग्रामीण
डेविड साय- कसडोल। छत्तीसगढ़ के ग्राम कोट में संचालित आशु स्टोन क्रेशर खदान को बंद करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे में चक्काजाम किया। इस दौरान आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की। अफसरों की समझाइश देने के बाद भी ग्रामीण नहीं माने तो प्रशासन ने स्टोन क्रेशर खदान को सील किया। तब कहीं जाकर धरना प्रदर्शन ख़त्म हुआ।
ग्रामीणों की स्टोन क्रेशर खदान को बंद करने की मांग पर अड़ने के बाद अपर कलेक्टर दीप्ति गौते धरना प्रदर्शन स्थल पर पहुंची। जहां पर उन्होंने ग्रामीणों को समझाइश दी। साथ ही क्रेशर खदान बंद होने की आश्वासन दिया गया। इसके बाद भी ग्रामीण जब तक आशु क्रेशर खदान बंद नहीं होने और लिखित में जब तक नहीं देने तक धरना प्रदर्शन करते रहे। आखि़रकार देर शाम प्रदर्शनकारी से प्रशासन को झुकना पड़ा। खनिज विभाग और राजस्व विभाग की टीम ने आशु क्रेशर खदान पहुंचकर सील लगाया।
कसडोल। आशु स्टोन क्रेशर खदान को बंद करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे में चक्काजाम किया। इस दौरान खदान में सील लगने के बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन ख़त्म किया. @BalodaBazarDist #Chhattisgarh #RoadJam #Mine pic.twitter.com/SDKcJ7tCvu
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) September 11, 2025
जमीन हो रही बंजर - ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना कि, खदान की मनमानी और बेतहाशा खनन से गांव की 200 एकड़ जमीन बंजर होने की कगार पर है ,इसके साथ ही गांव में वाटर लेवल नीचे चले जाने से ग्रामीणों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा, इसके अलावा ब्लास्टिंग होने से गांव प्रभावित होने के कारण गांव वाले लगातार आशु क्रेशर खदान बंद कराने की मांग कर रहे हैं।

पंचायत चुनाव का किया था बहिष्कार
पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर चुके है ग्रामीण ग्राम कोट में संचालित आशु स्टोन क्रेशर खदान को बंद कराने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव का भी बहिष्कार किया था। इसके बाद स्टोन क्रेशर खदान पर कोई कार्यवाही नहीं की गई थी, जिसके बाद बीते 23 जुलाई जो जनसुनवाई का आयोजन किया गया था जहां ग्रामीणों ने एक सुर में क्रेशर खदान बंद कराने की मांग किया इसके बाद घंटों तक अधिकारियों को घेर कर रखा गया है वही प्रशासन के समझाइश के बाद धरना बंद हुआ था।
