एंटी नक्सल ऑपरेशन: पामेड़ के जंगलों का एक बड़ा हिस्सा अर्धसैनिक बलों को देने की तैयारी

एंटी नक्सल ऑपरेशन : पामेड़ के जंगलों का एक बड़ा हिस्सा अर्धसैनिक बलों को देने  की तैयारी
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स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक के एजेंडा क्रमांक 15/3 में पामेड़ में अर्धसैनिक बलों को जगह देने के निर्णय पर विचार किया जाएगा।

रायपुर। स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड 15वीं बैठक मंगलवार को नवा रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में होने जा रही है। बैठक का एजेंडा जारी कर दिया गया है। स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में इस बार 9 बिंदुओं पर विचार किया जाएगा। स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में छत्तीसगढ़-आंध्रप्रदेश सीमा से सटे पामेड़ के 442.23 वर्ग किमी. के एक बड़े भू-भाग को अर्धसैनिक बलों को सौंपने विचार किया जाएगा।

स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक के एजेंडा क्रमांक 15/3 में पामेड़ में अर्धसैनिक बलों को जगह देने के निर्णय पर विचार किया जाएगा। उक्त | अभयारण्य क्षेत्र भौगोलिक दृष्टि से दुर्गम एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थित है जिसके कारण वन्यजीव प्रबंधन, सर्वेक्षण एवं गश्त कार्य अत्यंत कठिन एवं जोखिमपूर्ण है। उल्लेखनीय है कि राज्य के गृह विभाग तथा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के साथ वन अफसरों की एक संयुक्त बैठक पूर्व में हुई थी। इनपुट्स के आधार पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स ने पामेड़ में कैंप बनाने जगह देने प्रस्ताव दिया था।

नक्सलवाद पर लगेगी लगाम
पामेड़ का इलाका धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के साथ नक्सलियों का केंद्रबिंदु है। इसके चलते वर्तमान की परिस्थितियों में वन्यजीव प्रबंधन, सर्वेक्षण एवं निगरानी करना न केवल कठिन, बल्कि अत्यधिक जोखिमपूर्ण है। गृह विभाग एवं सीआरपीएफ ने भी बैठकों में यह स्पष्ट किया है कि यह क्षेत्र आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील है, अतः यहां उनके लिए प्रशिक्षण एवं कैंपिंग आधार स्थापित होना अत्यावश्यक है। पामेड़ में सीआरपीएफ की स्थायी कैंप बनने के बाद नक्सलियों से निपटने मदद मिलेगी।

सात सौ एकड़ जमीन देने पर विचार
सीआरपीएफ ने वन विभाग को 30 जुलाई को एक पत्र लिखा था। पत्र में ताइपाला गांव के समीप लगभग 700 एकड़ भूमि, जिसमें 650 एकड़ जंगल वारफेयर कॉलेज एवं 50 एकड़ बटालियन कैंपिंग के लिए मांग की है। उल्लेखनीय है कि यह क्षेत्र भी पामेड़ वन्यजीव अभयारण्य के प्रस्तावित सीमा-युक्तियुक्तकरण में सम्मिलित है एवं सीमा-युक्तियुक्तकरण प्रस्ताव के नक्शों में भी अंकित है।

इस मांग को एनटीसीए ने किया खारिज
स्टेट वाइल्ड लाइफ की 14वीं बैठक में प्रदेश में बाघों की संख्या में वृद्धि के लिए पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के बांधवगढ़, कान्हा टायगर रिजर्व से ढाई हजार चीतल लाने प्रस्ताव पास किया गया था। प्रस्ताव अनुरूप चीतल प्राप्त होने पर गुरु घासीदास राष्ट्रीय गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुण्ठपुर में एक हजार, गोमर्डा, भोरमदेव, उदंती-सीतानदी टायगर रिजर्व में पांच-पांच सौ चीतल को ट्रांसलोकेट करने प्रस्ताव पास किए थे। स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की इस मांग को एनटीसीए ने खारिज कर दिया है।

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