आंध्र-एमपी में समर्पण: 33 लाख के ईनामी दंपति ने डाले हथियार, बालाघाट में कान्हा-भोरमदेव में सक्रिय नक्सलियों का समर्पण

नक्सलियों का समर्पण
सुकमा/राजनांदगांव। सरकार की पॉलिसी से प्रभावित होकर नक्सलियों के हथियार डालने का क्रम लगातार जाती है। छत्तीसगढ़ राज्य के अंतर्गत आने वाले सुकमा जिले के नक्सल जोड़े ने आंध्र प्रदेश में सरेंडर कर दिया है। वहीं, मध्यप्रदेश के बालाघाट में भी करोड़ों रुपए के कई ईनामी नक्सलियों ने हथियार डाले हैं। सुकमा जिले के नक्सली दंपति ने आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले में सरेंडर कर दिया। एसजेडसीएम दिरदो विज्जल उर्फ़ जयलाल और उसकी पत्नी डीवीसीएम मडवी गंगी उर्फ विमला उर्फ भीमे ने रविवार को आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में शामिल हो गए। इन पर 33 लाख का ईनाम था।
दिरदो विज्जल, जो सुकमा जिले के गगनपल्ली के बोडेगुब्बल गांव का निवासी है। 1994 से बाल संघम से जुड़कर दरभा डिविजन के सैन्य प्रभारी और दक्षिण सब-जोनल कमेटी सदस्य तक कई अहम जिम्मेदारियां संभाली। उसके ऊपर कई गंभीर घटनाओं जैसे घात, कैंप हमले, दो मुठभेड़ों, बैंक डकैती और आईईडी ब्लास्ट जैसे हिंसक अपराधों के आरोप हैं। उसकी पत्नी मडवी गंगी भी माओवादी विचारधारा में 20 वर्षों से सक्रिय रहीं। 2006 में पार्टी में शामिल होने के बाद उसने कोंटा, बडेसट्टी, मलेंगर और जगारगोंडा क्षेत्रों में विभिन्न पदों पर कार्य किया। उसके खिलाफ कई मुठभेड़ों और अन्य अपराधों में संलिप्तता के आरोप है। एएसआर जिले के पुलिस अधीक्षक अमित बरदार व सुकमा जिले के एएसपी नक्सल ऑप्स रोहित साहा ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों के लिए सरकार की ओर से सभी कल्याणकारी योजनाएं खुली हैं।

राजनांदगांव रेंज में सक्रिय था दलम
मलाजखंड दलम, खटियामोचा और अन्य नक्सली अब भी बालाघाट और राजनांदगांव रेंज के खैरागढ़-कवर्धा में सक्रिय है। बालाघाट पुलिस के लिए यह सफलता काफी महत्वपूर्ण है। गत महीने एक मुठभेड़ में बालाघाट पुलिस का एक इंस्पेक्टर शहीद हो गया था। उस घटना से उबरने के लिए सरेंडर को लेकर मिली सफलता पुलिस के लिए मरहम का काम करेगी।
केबी डिविजन के कान्हा-भोरमदेव दलम के नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
राजनांदगांव। मध्यप्रदेश के बालाघाट में छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के सीमा पर सक्रिय केबी डिविजन के कान्हा-भोरमदेव दलम के नक्सलियों ने बीती रात को आत्मसमर्पण कर दिया है। इसी के साथ ही कवर्धा-बालाघाट डिविजन में अब खटियामोचा दलम रह गया है। बालाघाट में एक एसजेडसी मेंबर समेत एक डीवीसीएम और एसीएम स्तर के नक्सलियों ने हथियार डाला है। बताया जा रहा है कि सरेंडर नक्सलियों की मुख्यधारा में वापसी की औपचारिक घोषणा मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में होगी।
केबी डिविजन के कुल 10 नक्सलियों ने मुख्यधारा में की है वापसी
बालाघाट में आज दोपहर बाद सभी 10 नक्सलियों के सरेंडर को लेकर एक कार्यक्रम भी है। आईजी संजय कुमार के मुताबिक शेष नक्सलियों की घर वापसी का प्रयास अब भी जारी है। केबी डिविजन के कुल 10 नक्सलियों ने मुख्यधारा में वापसी की है। जिसमें प्रमुख रूप से सुरेन्दर उर्फ कबीर (केबी डिविजन प्रभारी) स्पेशल जोनल कमेटी मेम्बर, राकेश ओडी डीवीसीएम के अलावा समर, लालसू, नवीन, विक्रम, सलिता, शिल्पा, जरीना व जयशीला (सभी एसीएम) शामिल है। केबी डिविजन में सुरेन्दर उर्फ कबीर और राकेश ओडी कुख्यात नक्सलियों में गिने जाते थे। सुरेन्दर मूलतः दंतेवाड़ा जिले का है। जबकि राकेश ओडी गढ़चिरौली का रहने वाला है।
