दूसरे ही दिन उखड़ने लगी सड़क की बजरी: अंबिकापुर भाजपा कार्यालय के सामने का मामला, लोगों ने बनाए VIDEO

भाजपा कार्यालय के सामने की सड़क
संतोष कश्यप- अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में 22 करोड़ से अधिक की लागत से बन रही सड़कों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। निर्माण के महज दूसरे दिन ही सड़क की बजरी उखड़ने लगीं है। जिससे नाराज़ स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है।
भारतीय जनता पार्टी कार्यालय के सामने बनी सड़क की हालत इतनी खराब है कि, लोग उसे हाथों और पैरों से उखाड़ कर घटिया निर्माण का सबूत दिखा रहे हैं। लोगों का कहना है कि, वर्षों बाद सड़क निर्माण हो रहा है, लेकिन अधिकारियों की मौजूदगी के बावजूद गुणवत्ता बेहद खराब है।
नगर निगम मौन
महापौर मंजूषा भगत ने निर्माण शुरू होने के वक्त लोगों से कहा था कि, वे खुद निगरानी करें और घटिया काम पर सवाल उठाएं। अब वही जनता सवाल पूछ रही है, लेकिन नगर निगम के जिम्मेदार अब खामोश हैं।
अंबिकापुर में 22 करोड़ से अधिक की लागत से बनी सड़क दूसरे ही दिन उखड़ने लगी है। जिसे लेकर लोगों ने विरोध किया है। @SurgujaDist #Chhattisgarh #RoadConstruction pic.twitter.com/7zr47OswRr
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) November 13, 2025
मुद्दे पर उठते हैं ये सवाल
सवाल यह उठता है कि, जब अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौके पर मौजूद होने पर भी इतनी बड़ी चूक हुई है। क्या 22 करोड़ की लागत में भी गुणवत्ता की गारंटी नहीं मिल सकती? जवाबदेही तय होगी या फिर यह मामला भी धूल फांकता रह जाएगा?
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9 महीने में उधड़ गई सड़क
वहीं फरसाबहार विकासखंड के ग्राम पंचायत कोल्हेंनझरिया में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का हाल बेहाल है। यहां 9 माह में ही नवनिर्मित सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई और सड़क गुणवत्ताहीन कार्य होने के कारण जर्जर हैं। इस भ्रष्टाचार को लेकर ग्रामीणों में भारी नाराजगी है। लोग कार्यवाही की मांग कर रहें हैं।
कोल्हेंनझरिया- सहलेश मार्ग के भीतर से झांकने लगी रेत-मुरुम
ग्रामीणों ने बताया कि, यह सड़क निर्माण कोल्हेंनझरिया सायपुर डीह से बालक माध्यमिक शाला कोल्हेंनझरिया होकर सहलेश पहुँच मार्ग तक किया गया है, जिसकी लंबाई 3 किलोमीटर है। जिसकी लागत लगभग 149.30 लाख यानी डेढ़ करोड़ के करीब है, जो बरसात में ही जगह-जगह दरक कर टूट गई हैं। इसके ठेकेदार सुनील कुमार अग्रवाल एल. एल.पी.रायगढ़ को बताया जा रहा हैं।
अधिकारियों से साठगांठ कर लापरवाही का आरोप
ग्रामीणों ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाली सड़के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। अधिकारियों से साठगांठ कर ठेकेदारों ने सड़क निर्माण में इस कदर अनियमितता बरती की डामर का रंग फीका होने से पहले ही सड़कें उखड़ने लगी। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत सड़क के बनने से वर्षो से जर्जर सड़क का अभिशाप झेल रहे लोगों ने राहत की सांस ली थी। लेकिन उनकी यह खुशी तब काफूर हो गई जब सड़क बनने के चंद माह बाद ही यह सड़क उखड़ने लगी।
लोगों ने की कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने अधिकारियों से साठगांठ कर ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण में की गई मनमानी की पोल पहली बारिश ने खोलकर रख देने का आरोप लगाया है। महज 3 किमी लंबी इस सड़क का कई हिस्सा गड्ढो में तब्दील हो गया है। स्थानीय निवासी रामलाल बैध,दुशासन चौहान,दसरथ राम सहित अन्य ग्रामीणों ने सड़क की इस दुर्दशा के लिए विभागीय अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए इसकी जांच की मांग की है।
केंद्र सरकार ने आवागमन के बेहतरी के लिए बनाई है योजना
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क संपर्कता में सुधार करना है। इस योजना के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण और सुधार किया जाता है। ताकि लोगों को आवागमन में आसानी हो और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले। हालांकि, कई जगहों पर इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है और भ्रष्टाचार के कारण योजना की गुणवत्ता और प्रभावशीलता प्रभावित हो रही है। कुछ मामलों में सड़कों का निर्माण ठीक से नहीं हो पा रहा है या फिर सड़कें बनने के बाद जल्द ही खराब हो जा रही हैं।
