सड़क किनारे कारोबार अब मुफ्त नहीं: लेना होगा लाइसेंस, जितनी चौड़ी सड़क उतना लगेगा शुल्क

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के नगरीय निकाय क्षेत्रों में अब दुकानदारों को लाइसेंस हासिल करने के लिए सामने वाली सड़क की चौड़ाई के हिसाब से लाइसेंस शुल्क देना होगा यानी जितनी चौड़ी सड़क, उतना ज्यादा पैसा। यही नहीं फीस की यह दर, नगर निगम, पालिका और नगर पंचायत क्षेत्रों के लिए अलग-अलग होगी। इसके साथ ही अब गुमटी, कच्ची दुकानों, और वाहनों जैसे मिनी ट्रक, पिकअप वैन, जीप, आटो रिक्शा,और तिपहिया वाहनों पर सामान रखकर दुकान चलाने वालों के फीस अदा कर लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। कुल मिलाकर अब नगरीय क्षेत्र में हर व्यापार करने के लिए ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।
अब नगरीय क्षेत्र में हर कारोबार के लिए लाइसेंस अनिवार्य
राज्य सरकार के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने यह नई व्यवस्था लागू करने के लिए छत्तीसगढ़ नगर पालिका (व्यापार अनुज्ञापन नियम 2025 बनाया है। राज्य में यह नियम लागू भी हो गया है। जानकार उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि अब से पहले दुकानदारों के लिए दो प्रकार के लाइसेंस होते थे, एक गुमास्ता, और दूसरा व्यापार अनुज्ञप्ति यानी ट्रेड लाइसेंस इन दोनों लाइसेंस को लेकर भारी विसंगतियां थीं। खास बात ये है कि राज्य के 199 निकायों में से केवल 45 निकायों में ये व्यवस्था लागू थी, अन्य निकायों में दुकानदारों का कोई हिसाब- किताब नहीं था। इस गड़बड़ी को दूर करने के लिए अब पूरे प्रदेश के सभी निकायों के लिए एक यूनिफाइड़ नियम लागू किया गया है।
सड़क की चौड़ाई तक करेगी फीस
निकाय क्षेत्र में व्यापार अनुज्ञप्ति जारी करने के सड़क की चौड़ाई के आधार पर न्यूनतम वार्षिक व्यापार अनुज्ञप्ति शुल्क लिया जाएगा। यह इस प्रकार होगा। सड़क की चौड़ाई 75 मीटर से कम होने पर नगर निगम क्षेत्र में 4 रुपए प्रति वर्गफुट, प्रतिवर्ष लिया जाएगा। पालिका परिषद के लिए यह दर 3 रुपए, नगर पंचायत के लिए 2 रुपए होगी। इसी तरह 7.5 मीटर से 15 मीटर चौड़ी सड़क के लिए यह दर निगम में 5, पालिका में 4 और नगर पंचायत क्षेत्र में 3 रुपए होगी। 15 मीटर से अधिक चौड़ी सड़क होने पर निगम में 6, पालिका में 4 और नगर पंचायत में 4 रुपए की दर से फीस ली जाएगी।
गुमटी, वैन में कारोबार के लिए भी लगेगा लाइसेंस
राज्य में अब तक गुमटी, वैन वगैरह में दुकान चलाने पर कोई लाइसेंस या फीस नहीं लगती थी, लेकिन अब यह नहीं चलेगा। गुमटी या कच्ची दुकान में व्यापार करने वालों को निगम क्षेत्र में 250 रुपए शुल्क प्रति वर्ग फुट, प्रति वर्ष फीस लगेगी। पालिका के लिए 150 रुपए, और नगर पंचायत के लिए 100 रुपए लगेंगे। अब वाहनों के माध्यम से व्यापार करने वाले भी इस दायरे में आएंगे। मिनी ट्रक, पिकअप, वैन, जीप आदि पर कारोबार चलाने के लिए निगम क्षेत्र में सालाना 400 रुपए, पालिका में 300 और नगर पंचायत में 200 रुपए देने होंगे। आटो रिक्शा, तिपहिया वाहन पर कारोबार के लिए निगम क्षेत्र में 250 रुपए, पालिका में 200 रुपए, और नगर पंचायत में 150 रुपए, व्यापार अनुज्ञप्ति शुल्क प्रति वाहन प्रतिवर्ष लिए जाएंगे।
बड़े बाजार के लिए अधिक मोहल्ला कालोनी के लिए कम
नए नियम के मुताबिक ट्रेड फीस का निर्धारण इस बात पर भी निर्भर होगा कि दुकान किस जगह पर मौजूद है। निगम क्षेत्र क बड़े बाजार में है तो वहां 6 रुपए प्रति वर्गफुट प्रति वर्ष के हिसाब से राशि लगेगी। पालिका के लिए 3 और नगर पंचायत क्षेत्र में है को 2 रुपए की दर से फीस लगेगी। छोटे और मध्यम आकार के बाजारों के लिए निगम क्षेत्र में 5 रुपए, पालिका में 4, और नगर पंचायत क्षेत्र में 3 रुपए की दर लागू होगी। मोहल्ला और कालोनी की दुकानों के लिए यह दर निगम क्षेत्र में 4 रुपए, पालिका में 3 और नगर पंचायत में 2 रुपए की दर से लागू होगी।
