आत्मनिर्भर भारत अभियान: राजिम पहुंचे मंत्री गुरु खुशवंत, बोले- 'हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी' की भावना जगाएं

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए गुरु खुशवंत साहेब
श्याम किशोर शर्मा- राजिम। छत्तीसगढ़ के राजिम में आत्मनिर्भर भारत अभियान पर केंद्रित प्रेस वार्ता रखी गई। इस दौरान कैबिनेट मंत्री गुरु खुशवंत साहेब शामिल हुए। कहा कि, आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान 25 सितंबर (पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती) से प्रारंभ होकर 25 दिसंबर (भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती) तक संचालित किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य 'हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी' की भावना को जन-जन तक पहुँचाना है।
मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने कहा- आत्मनिर्भर भारत का यह संकल्प प्रधानमंत्री मोदी की देशभक्ति की अभिव्यक्ति है, जिसने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के कठिन दौर में देश को अवसर में बदलने की दिशा दी। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 'वोकल फॉर लोकल' के संदेश को फैलाने के लिए देशभर में संकल्प सम्मेलन, रथ यात्राएं और प्रदर्शनी आयोजित की जा रही हैं। प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों से आह्वान किया है 'मैं स्वदेशी खरीदता हूँ, मैं स्वदेशी बेचता हूँ।'

मोदी के नेतृत्व में रक्षा निर्यात में आई उछाल - गुरु खुशवंत साहेब
मंत्री ने कहा कि, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के प्रयासों से देश अब आयातक नहीं बल्कि निर्यातक बन गया है। वित्त वर्ष 2014-15 में 1,941 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात बढ़कर 2024-25 में 23,622 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है। भारत आज विश्व की तीसरी सबसे बड़ी स्टार्टअप इकोसिस्टम है, जिससे 17 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर मिले हैं और 100 से अधिक यूनिकॉर्न कंपनियाँ आत्मनिर्भर भारत के प्रतीक हैं।

स्वदेशी वस्तु खरीदने का किया आह्वान
छत्तीसगढ़ का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में जीएसडीपी को दोगुना कर 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुँचाना है। राज्य में स्थानीय उत्पादों, पारंपरिक कला, हस्तशिल्प और कृषि संसाधनों को वैश्विक बाजार से जोड़ने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। बस्तर की लोककला, चांपा का कोसा, जशपुर की कॉफी और महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाए गए हर्बल उत्पाद अब राष्ट्रीय पहचान बना रहे हैं।
मंत्री ने दीपावली के अवसर पर स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग का आह्वान करते हुए कहा कि इससे स्थानीय व्यापार और आत्मनिर्भर भारत दोनों को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा- दैनिक जीवन में स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग केवल आर्थिक नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति का प्रतीक भी है।

