एससीआर के दायरे में आएंगे 700 गांव: राज्यपाल की मिली अनुमति, अब बनेगा कानून

रायपुर। छत्तीसगढ़ का नया स्टेट कैपिटल रीजन यानी एससीआर अब जल्द ही आकार लेने की तैयारी में है। राज्य सरकार को अपनी इस अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना के लिए राज्यपाल की अनुमति मिल गई है। आवास एवं पर्यावरण विभाग ने इस एससीआर का एक्ट बनाने की तैयारी कर ली है। बताया गया है कि सरकार का विधि विभाग कानून बनाने की तैयारी में लग गया है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में कैबिनेट में जुलाई में इस प्राधिकरण के गठन संबंधी विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दी गई थी। बाद में इसे राज्य विधानसभा से पारित कराया गया था। इसके बाद विधेयक को राज्यपाल के पास अनुमति के लिए भेजा गया था। एससीआर हाल-फिलहाल की कवायद नहीं है। 2023 में हुए राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एससीआर बनाने का वादा किया था। यह वादा पूरा करने वाला काम भी है।
राज्य की सबसे बड़ी संस्था बनेगी
छत्तीसगढ़ में बनने वाला एससीआर प्राधिकरण राज्य की सबसे बड़ी संस्था होगी। खास बात ये है कि एससीआर की परिकल्पना हैदराबाद की एससीआर से प्रेरित है। इस प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। उनके साथ तीन मंत्री और वरिष्ठ सचिवों का एक समूह भी शामिल होगा। इस प्राधिकरण को लैंड एरिया डेवलपमेंट, भूमि अधिग्रहण का अधिकार होगा। क्षेत्र का विकास करने के साथ ही यह पर्यावरण की रक्षा के लिए भी काम करेगा। इसका दायरा रायपुर, नवा रायपुर, भिलाई दुर्ग तक होगा, लेकिन जरुरत पड़ने पर इसमें अभनपुर और राजनांदगांव तक का विस्तार किया जा सकेगा।
50 लाख आबादी को सीधा लाभ
इस प्राधिकरण के मौजूदा स्वरूप में रायपुर, नवा रायपुर, भिलाई और दुर्ग शामिल होंगे। आने वाले बरसों में इस क्षेत्र में 50 लाख की आबादी संभावित है, जिसे एससीआर प्राधिकरण के विकास का सीधा लाभ मिलेगा। राज्य सरकार ने बजट में इसके लिए प्रारंभिक रूप से 5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था, लेकिन इसमें दो हजार करोड़ रुपए व्यय होने की संभावना है।
23 नगरीय निकाय और 700 गांव होंगे शामिल
राज्य की कुल जनसंख्या का 27 प्रतिशत हिस्सा शहरी क्षेत्रों में रहता है। जो कि 2047 तक बढ़कर 45 प्रतिशत होना संभावित है। इस शहरी आबादी का मुख्य हिस्सा राजधानी क्षेत्र में रहने वालों का होगा। इस क्षेत्र में (एससीआरए) में 23 नगरीय निकाय और 700 से अधिक गांव शामिल होने का अनुमान है।
प्राधिकरण करेगा ये काम
छत्तीसगढ़ में वर्तमान में नगर तथा ग्राम निवेश एक्ट 1975 के माध्यम से काम किया जा रहा है। यह एक्ट केवल ले-आउट पास करने और मवन निर्माण की अनुमति देने तक के सीमित अधिकार रखता है, लेकिन इससे उलट एससीआर प्राधिकरण न केवल इन्वेस्टमेंट प्लान बनाने का काम करेगा, बल्कि उसके क्रियान्वयन का अधिकार भी इस प्राधिकरण के जिम्मे होगा। पर्यावरण सरंक्षण के लिए भी काम एससीआर प्राधिकरण के हिस्से पर्यावरण संरक्षण का भी काम होगा। इसके लिए प्राधिकरण खुद योजना बनाएगा और उसका क्रियान्वयन भी करेगा। इसके साथ ही औद्योगिक विकास और आवासीय क्षेत्र विकास भी करने में यह प्राधिकरण सक्षम होगा। यह प्राधिकरण क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण करने के साथ ही संबंधित क्षेत्र में लैंड डेवलपमेंट का काम भी करने वाला है। यह प्राधिकरण क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण करने के साथ ही संबंधित क्षेत्र में लैंड डेवलपमेंट का काम भी करने वाला है।
