फंदे से झूला 10वीं कक्षा का छात्र: हॉस्टल के कमरे में लगाई फांसी, स्कूल प्रबंधन पर लगे गंभीर आरोप

स्कूल के सामने धरने पर बैठा आदिवासी समाज
कुलजोत संधू- फरसगांव। छत्तीसगढ़ के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय चिचाड़ी से दुखद खबर सामने आई है। यहां के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय चिचाड़ी के आदिवासी छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छात्र ने हॉस्टल परिसर में अपने ही कमरे में फांसी लगाई है। मृतक छात्र कक्षा 10वीं में पढ़ाई करता था।
मिली जानकारी के अनुसार, यह पूरा मामला फरसगांव थाना क्षेत्र का है। मृतक छात्र का नाम यशवंत मरकाम है जो सल्फीपदर लंजोड़ा निवासी है। घटना से प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है। आदिवासी छात्र के आत्महत्या के पश्चात परिजन पालक संघ और आदिवासी समाज ने स्कूल प्रबंधन को घेरा है। साथ ही स्कूल प्रबंधन को छात्र के आत्महत्या करने पर जिम्मेदार ठहराया है। वहीं मामले की गम्भीरता को देखते हुए सहायक आयुक्त, एसडीएम, तहसीलदार, थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे।
फरसगांव। आदिवासी छात्र के आत्महत्या मामले में परिजन पालक संघ और आदिवासी समाज ने स्कूल प्रबधन को घेरा है। उन्होंने छात्र को प्रताड़ित करने के आरोप लगाये हैं. @KondagaonDist #Chhattisgarh #Student #Suicide #tribal @kondagaonpolice pic.twitter.com/gY0U0Bs61W
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) September 22, 2025
परिजनों ने किया हंगामा
शव को फंदे से नीचे उतार कर पोस्टमार्टम के लिए भेजने के दौरान पालक संघ और आदिवासी समाज आक्रोशित हो गया। वहीं पालक संघ छात्रावास गेट के सामने धरने पर भी बैठे रहे। इस दौरान अफसरों की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ। साथ ही उन्हें न्याय का भी भरोसा दिलाया है।
क्षमता से अधिक बच्चे पढ़ रहे
फरसगांव में दो स्कूलों को एक स्थान पर संचालित किया जा रहा है। स्कूल में 500 बच्चों की सीट है लेकिन 700 से अधिक बच्चे रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। जिसके कारण इस परिसर पढ़ाई करने से लेकर रहने तक में अव्यवस्था का आलम है। जो स्थानीय प्रशासन के साथ साथ केंद्र और राज्य सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है।

मृतक के भाई ने शिक्षकों पर लगाये आरोप
मृतक छात्र के भाई योगेश मरकाम ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, मेरा भाई नया खानी पर्व के लिए घर आया था। तब उसने बताया था सर लोग मारते हैं अब से स्कूल नहीं जाऊंगा। आगे बताया कि, शनिवार को मृत छात्र ने सोमवार को लेने आना बोलकर फोन किया था। लेकिन उसे लेने जाने से पहले यह दुखद घटना घटित हो गई।
शिक्षक करते हैं प्रताड़ित- आदिवासी समाज
पालक संघ अध्यक्ष घनश्याम मरकाम ने कहा कि, स्कूलों में क्षमता से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। टायलट बंद है जिसके कारण नहाने के लिए बच्चों को घंटों लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ता है। सोने के लिए बेड नहीं है नीचे सोना पड़ रहा है क्लास में बैठने की जगह नहीं है लायब्रेरी नहीं है। अव्यवस्थाओं के चलते छात्र का मानसिक संतुलन खो गया था। जिसके कारण उसने आत्महत्या की। सर्व आदिवासी समाज ब्लॉक अध्यक्ष ईश्वर कोर्राम ने कहा- अव्यवस्था का आलम है पालक के माध्यम से पता चला की शिक्षक बच्चों से मारपीट करते हैं। प्रताड़ित होने की वजह से बच्चे ने आत्महत्या की है।
