100 फर्जी सिम बरामद: साइबर फ्राड में सिम का होता था इस्तेमाल, 6 आरोपी गिरफ्तार

6 आरोपी गिरफ्तार
रायपुर। रायपुर पुलिस ने फर्जी सिम कार्ड बेचने के मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। इन सभी के कब्जे से पुलिस ने 100 से अधिक प्री एक्टिवेटेड सिम बरामद किए हैं। ये सभी सिम दूसरे लोगों के नाम पर दर्ज थे। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी इन फर्जी सिम को ऐसे अपराधिक लोगों को महंगे दाम पर बेचा करते थे, जो इनका इस्तेमाल साइबर फ्राड करने के लिए करते हैं। इन फर्जी सिम से अपराधियों ने टेलीग्राम रीव्यू टास्क, ऑनलाइन जॉब, पहचान की चोरी, फेक शेयर ट्रेडिंग एवं कम मूल्य पर सामान बेचने का झांसा देकर ठगी कर चुके हैं।
पुलिस अधिकारियों ने फर्जी सिम बेचने के मामले का खुलासा करते हुए बताया कि, ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत साइबर फ्राड करने वाले आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस मुहिम चला रही है। इसके तहत पुलिस ने पूर्व में फर्जी सिम कार्ड बेचने वाले दो प्वाइंट ऑफ सेल को गिरफ्तार किया था, जिनसे पूछताछ पर इस मामले में आधा दर्जन और लोगों की संलिप्तता का पता चला। इसके बाद पुलिस ने जांच करते हुए 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो महाराष्ट्र एवं चार रायपुर के निवासी हैं। इन आरोपियों में क्रमशः शिवानंद चौहान 34 वर्ष निवासी देवला नासिक महाराष्ट्र, प्रियेष यादव 23 वर्ष निवासी कामठी नागपुर महाराष्ट्र के अलावा जगमोहन भारती 39 वर्ष निवासी डूण्डा थाना मुजगहन, नागेश्वर चक्रधारी 25 वर्ष निवासी निमोरा राखी, निखिल चावला 33 वर्ष निवासी अमलीडीह एवं बॉबी खत्री 27 वर्ष निवासी ओम विहार तेलीबांधा शामिल है।
पूर्व में दो पीओएस एजेंट हुए थे गिरफ्तार
पुलिस की जांच में पूर्व में फर्जी सिम कार्ड बेचने वाले प्वाइंट ऑफ सेल मोबाइल प्रमोटर आशीष सिंह और पन्नालाल साहू को गिरफ्तार किया गया था। इनमें आशीष जियो, एयरटेल, वी कंपनी का प्रमोटर एवं पन्ना लाल साहू एयरटेल सिम का विक्रेता है। ये दोनों फर्जी सिम बेचा करते थे। इन दोनों की निशानदेही पर ही पुलिस ने इस मामले में अन्य 6 आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है।
धोखे से कस्टमर का थंब स्कैन-आई ब्लिंक लेकर करा लेते थे सिम चालू
गिरफ्तार किए गए आरोपी नया सिम लेने एवं सिम पोर्ट कराने वाले कस्टमर को अपना शिकार बनाते थे। इसके लिए नया सिम लेते तथा पोर्ट कराते समय वे संबंधित व्यक्ति का धोखे से डबल थंब स्कैन एवं आई ब्लिंक कराते थे, जिसके जरिए वे ई-केवाइसी कर अतिरिक्त सिम चालू कराते थे।
18 लाख से अधिक की ठगी
पुलिस अधिकारियों के अनुसार साइबर फ्राड में इस्तेमाल किए गए फर्जी 41 मोबाइल सिम कार्ड की जानकारी साइबर पुलिस को संबंधित सिम कंपनी से मिली है। इन सिम के माध्यम से अपराधी लोगों को झांसे में लेकर 18 लाख 52 हजार रुपए की ठगी कर चुके हैं। इन मामलों में सिविल लाइन थाना में धारा-317(2), 317(4), 317(5), 3(5) बीएनएस, 42(3) टेलीग्राफ एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध है।
