राज्यपाल ने किया ध्वजारोहण : गवर्नर ने ली परेड की सलामी; विभागों की निकली झांकियां, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

The Governor took the salute
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राज्यपाल ने ली सलामी
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में प्रदेश का मुख्य समारोह आयोजित किया गया। यहां राज्यपाल ने परेड की सलामी ली।

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में गणतंत्र दिवस के मौके पर राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने तिरंगा फहराया। राजधानी में गणतंत्र दिवस के मौके पर जगह-जगह पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। स्कूल-कॉलेजों और संस्थानों में छात्र-छात्राओं ने गणतंत्र दिवस समारोह में शानदार प्रस्तुति दी।

राजधानी में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने परेड की सलामी ली। उन्होंने गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर आसमान में रंग-बिरंगे गुब्बारे छोड़े। इसके बाद पुलिस के बैंड ने राष्ट्रगान की धुन बजाई। सभी नेताओं, पुलिस अधिकारियों और आम लोगों ने खड़े होकर तिरंगे को सलामी दी। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

संविधान लागू होने के दिन मनाया जाता है गणतंत्र दिवस

26 जनवरी के दिन देश का संविधान लागू हुआ था, इसलिए इस दिन को गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। 2024 में 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई दी है। वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं।

दिल्ली में सराही गई छत्तीसगढ़ की झांकी

उधर देश की राजधानी नई दिल्ली में 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर बस्तर के मुरिया दरबार को देश और दुनिया ने देखा और जमकर सराहना की। मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों सहित देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विशिष्ट अतिथियों ने झांकी को न केवल बड़ी उत्सुकता के साथ देखा बल्कि तालियां बजाकर उत्साहवर्धन भी किया। वहीं, दर्शक दीर्घा से भी लाखों दर्शकों ने भी तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सराहना की। झांकी के समक्ष छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों ने परब नृत्य का प्रदर्शन किया।

'भारत लोकतंत्र की जननी' थीम पर निकलीं झांकियां

छत्तीसगढ़ की झांकी भारत सरकार की थीम 'भारत लोकतंत्र की जननी' पर आधारित है। 'बस्तर की आदिम जनसंसद मुरिया दरबार' विषय पर बनी झांकी में जनजातीय समाज में आदि काल से उपस्थित लोकतांत्रिक चेतना और परंपराओं को दर्शाया गया है, जो आज भी बस्तर संभाग में जीवंत और प्रचलित है।

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