बिहार चुनाव 2025: मतदाताओं को बड़ी राहत, अब बिना दस्तावेज भर सकेंगे गणना प्रपत्र; जानें ECI के नए नियम

Bihar Voter List Verification: बिहार में विधानसभा चुनाव-2025 से पहले चलाए जा रहे वोटर लिस्ट विशेष पुनरीक्षण अभियान के बीच निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने मतदाताओं को बड़ी राहत दी है। मतदाता अब बिना फोटो या दस्तावेज संलग्न किए भी गणना प्रपत्र (Enumeration Form) भरकर बीएलओ (Booth Level Officer) के पास जमा कर सकेंगे।
निर्वाचन आयोग ने इसके लिए देश के प्रमुख अखबारों में विज्ञापन जारी कराया है। विज्ञापन में स्पष्ट किया है कि वोटर कार्ड बना होने के बावजूद भी गणना प्रपत्र भरना जरूरी है। यह कदम मतदाता सूची को अद्यतन और त्रुटिरहित बनाने की दिशा में उठाया गया है।
बिना दस्तावेज भी मान्य होंगे फॉर्म
चुनाव आयोग के मुताबिक, 1 जनवरी 2003 तक मतदाता सूची में दर्ज लोगों को दस्तावेज की जरूरत नहीं है। ECI की वेबसाइट पर सूची उपलब्ध है। अभ्यर्थी के पास उक्त दस्तावेज मौजूद हैं, तो प्रक्रिया तेज़ होगी, लेकिन दस्तावेज न होने पर भी वैकल्पिक प्रमाण के आधार पर उनके आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।
2003 की मतदाता सूची पर लेकर?
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के मुताबिक, जो व्यक्ति 2003 की मतदाता सूची में दर्ज है, वह स्वतः ही पात्र मतदाता माना जाएगा। उसके बच्चों का नाम भी इसी आधार पर जोड़ा जाएगा। उन्हें अपने माता-पिता के कागज़ प्रस्तुत करने की भी जरूरत नहीं है।
क्या हैं महत्वपूर्ण तारीखें?
- गणना प्रपत्र भरने की अवधि: 25 जून से 26 जुलाई 2025
- प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन: 1 अगस्त 2025
- दावे व आपत्तियों की अंतिम तिथि: 1 सितंबर 2025
- अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन: 30 सितंबर 2025
CEC ने विपक्ष के आरोपों का दिया जवाब
बिहार की मतदाता सूची पुरनीक्षण को लेकर विपक्षी दलों द्वारा बार-बार सवाल उठाए जा रहे थे। इस पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रतिक्रिया दी है। फिरोजाबाद में मीडिया से बात करते हुए कहा, चुनाव आयोग लगातार संवाद कर रहा है। पिछले 4 महीने में बिहार की हर विधानसभा, जिले और राज्य स्तर पर 5,000 से अधिक बैठकें की गईं। इनमें 28,000 से ज्यादा लोगों और नेता शामिल हुए।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने यह भी बताया कि ECI सभी राजनीतिक दलों से मिल रहा है। उनके सुझावों पर गंभीरता से विचार भी किया जा रहा है। मतदाता सूची पुनरीक्षण की सभी प्रक्रियाएं तय समय सीमा में ही पूरी की जाएंगी। ताकि, चुनावी तैयारी समय पर की जा सके।
क्यों ज़रूरी है यह बदलाव?
CEC ज्ञानेश कुमार चुनाव ने बताया कि चुनाव आयोग का यह कदम उन तमाम मतदाताओं को बड़ी राहत देगा, जो दस्तावेजों के अभाव में मतदाता सूची से बाहर हो सकते थे। यह प्रक्रिया बायोमेट्रिक सिस्टम के बिना पहचान सुनिश्चित करने की दिशा में व्यवहारिक पहल है।