SIR: बिहार वोटर लिस्ट से हटेंगे 52 लाख नाम ! क्या चिराग का चैलेंज स्वीकारेंगे तेजस्वी यादव?

Bihar Voter List SIR Update: बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया अपने अंतिम दौर में पहुंच गई है। चुनाव आयोग के मुताबिक, 99% मतदाताओं को इस अभियान के तहत कवर किया जा चुका है। करीब 52 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से बाहर किए जाने की तैयारी है। इसे लेकर पटना से दिल्ली तक सियासी भूचाल मचा हुआ है।
इंडिया गठबंधन के सांसदों ने दिल्ली में संसद भवन क बाहर विरोध प्रदर्शन किया तो वहीं बिहार की राजधानी पटना में तेजस्वी यादव लगातार मोर्चा खोले हुए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर धांधली नहीं रुकी तो बिहार में चुनाव बहिष्कार भी हमारा विकल्प हो सकता है।
क्या है SIR प्रक्रिया?
- SIR प्रक्रिया के तहत चुनाव आयोग हर वोटर का भौतिक सत्यापन कर रहा है। अब तक 21.6 लाख मृत मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। चुनाव आयोग ने दावा किया 31.5 लाख मतदाता स्थायी रूप से बिहार छोड़ चुके हैं। 7 लाख से ज्यादा दोहरी एंट्री वाले वोटर हटाए गए हैं। 1 लाख लापता वोटर मिले हैं। 7 लाख लोगों ने फॉर्म ही वापस नहीं किए।
- चुनाव आयोग के मुताबिक, अब तक 7.21 करोड़ मतदाताओं (91.32%) के फॉर्म डिजिटाइज किए जा चुके हैं। शेष फॉर्म BLO की रिपोर्ट के साथ अपलोड किए जा रहे हैं।
1 सितंबर तक दावा-आपत्ति का समय
चुनाव आयोग के अनुसार, प्रारूप मतदाता सूची 1 अगस्त 2025 को जारी की जाएगी। 1 सितंबर 2025 तक नागरिक इस पर आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले होगा। इसे लेकर विपक्ष ने चिंता जताई है। कहा, कुछ गड़बड़ होने पर ठीक कराने का समय ही नहीं मिलेगा।
तेजस्वी की धमकी, चिराग का पलटवार
- तेजस्वी यादव ने कहा कि SIR की आड़ में लोगों से मतदान का अधिकार छीनने का प्रयास किया जा रहा है। अगर वोटर्स को हटाने का खेल नहीं रोका गया तो INDIA गठबंधन चुनाव का बहिष्कार करेगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में भी इस प्रक्रिया को चुनौती दी है। 28 जुलाई को इस पर अगली सुनवाई होनी है।
- केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने तेजस्वी यादव के चुनाव बहिस्कार वाले बयान पर तंज कसते हुए कहा, सालों सरकार में रहकर अब उन्हें आयोग पर भरोसा नहीं? हिम्मत है तो सच में चुनाव बहिष्कार करके दिखाएं।
चुनाव आयोग का स्पष्ट संदेश
चुनाव आयोग ने विपक्ष के आरोपों को राजनीतिक दबाव बताया है। कहा, किसी के कहने और दबाव में आकर आयोग निष्पक्षता से समझौता नहीं करेगा। ECI का लक्ष्य है कि चुनाव साफ, फर्जीवाड़ा-मुक्त और विश्वसनीय तरीके से हो।
