'गरीबों से छीना जा रहा वोट का अधिकार': तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर लगाए गंभीर आरोप, पूछा- वोटर ID से आधार लिंक क्यों नहीं हुए?

Tejashwi Yadav Election Commission
X

Tejashwi Yadav Election Commission

तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर नई वोटर लिस्ट के जरिए मतदाताओं की छंटनी का आरोप लगाया। बोले- 1 महीने में पूरी वोटर लिस्ट कैसे बनेगी?

Tejashwi Yadav PC on Voter List: बिहार में चुनावी तैयारियों के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शुक्रवार (28 जून 2025) शाम पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, चुनाव आयोग द्वारा अचानक से नई वोटर लिस्ट बनाने का फैसला सत्ता पक्ष को लाभ पहुंचाने की कोशिश है। तेजस्वी ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला बताया। कहा, नई सूची के जरिए मतदाताओं की छंटनी होगी।

तेजस्वी यादव ने उठाए ये सवाल

  • तेजस्वी यादव ने कहा कि 22 साल बाद अचानक वोटर लिस्ट की विशेष जांच की क्या जरूरत पड़ गई? पहले जब ऐसी लिस्ट बनी थी तो दो साल लगे थे। अब एक महीने में यह काम कैसे पूरा होगा?
  • तेजस्वी यादव ने यह भी दावा किया कि 90 फीसदी BLO को अब तक मतदाता सूची की कॉपी तक नहीं दी गई। ऐसे में एक महीने के अंदर 8 करोड़ मतदाताओं की नई सूची कैसे बनेगी?
  • तेजस्वी यादव ने कहा, भाजपा और जेडीयू को अपनी हार दिख रही है। इसलिए चुनाव आयोग की मदद से गरीबों से मतदान का अधिकार छीनने की साजिश रची जा रही है। ये लोग पहले वोटर लिस्ट से बाहर होंगे फिर राशन, पेंशन और सरकारी योजनाओं से वंचित कर दिए जाएंगे।

नागरिकता साबित करने की प्रक्रिया पर सवाल
तेजस्वी के मुताबिक, चुनाव आयोग द्वारा मांगे जा रहे 11 दस्तावेजों में से ज्यादातर गरीबों के पास नहीं हैं। उन्होंने कहा, 4.76 करोड़ लोगों को अपनी नागरिकता साबित करनी होगी। 18–38 वर्ष की उम्र वालों को माता-पिता की नागरिकता दिखानी होगी। जिन्होंने हाई स्कूल नहीं किया, उनके पास मैट्रिक प्रमाण-पत्र नहीं है।

तेजस्वी ने यह भी कहा, पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के 45% से अधिक लोगों के पास जाति प्रमाण-पत्र तो हैं, लेकिन नागरिकता साबित करने के लिए पर्याप्त दस्तावेज नहीं हैं।

वोट का अधिकार छीनने की कवायद
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार सरकार खुद मानती है कि करीब 3 करोड़ लोग पलायन कर चुके हैं, तो ऐसे में उनका वोटर कार्ड कैसे बनेगा? इन लोगों से वोट का अधिकार छीनने की कोशिश की जा रही है। अगर सुधार करना ही था तो लोकसभा चुनाव के बाद प्रक्रिया क्यों शुरू नहीं की गई?

वोटर ID आधार से लिंक क्यों नहीं कराया?
तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया कि जब पहले कहा गया था कि वोटर ID को आधार से लिंक करना अनिवार्य है तो बिहार में अब तक यह प्रक्रिया लागू क्यों नहीं की गई? तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग की इस पूरी कवायद को मतदाताओं की सुनियोजित छंटनी बताया है। साथ ही केंद्र और आयोग से मांग की है कि चुनाव के ठीक पहले मतदाता सूची में फेरबदल से लोकतंत्र पर खतरा पैदा होता है।

प्रशांत किशोर ने भी सवाल उठाए
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भी सवाल उठाए हैं। कहा, चुनाव आयोग ने जनता को विश्वास में नहीं लिया। लोगों के मन में संदेह पैदा होना और डर होना स्वाभाविक है। कहीं ऐसा तो नहीं कि सत्ता में बैठे लोगों के दबाव में चुनाव आयोग वोटर लिस्ट से ऐसे लोगों के नाम काट सकता है जो भाजपा के समर्थक नहीं माने जाते। ECI को स्पष्ट करना चाहिए कि मतदाता सूची में संशोधन प्रक्रिया क्या है, उसके मापदंड क्या हैं और किन आधारों पर किसी का नाम हटाया जाएगा।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story