बिहार चुनाव 2025: तेजस्वी के 'B-Y-D' फॉर्मूले तहत आरजेडी ने जारी की प्रत्याशियों की लिस्ट! बिहार चुनाव में नया सियासी दांव

तेजस्वी के B-Y-D फॉर्मूले तहत आरजेडी ने जारी की प्रत्याशियों की लिस्ट! बिहार चुनाव में नया सियासी दांव
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तेजस्वी यादव ने अपने टिकट वितरण फॉर्मूले में 'यूथ' फैक्टर को केंद्रीय भूमिका में रखा है।

राजद ने बिहार चुनाव 2025 के लिए 143 सीटों में 24 महिलाओं को टिकट दिया है, जो 16.78% की भागीदारी है।

पटना : राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में टिकट वितरण के लिए अपने पारंपरिक मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण की पुरानी लीग को छोड़ते हुए एक नया और अधिक व्यापक सामाजिक फॉर्मूला अपनाया है। इसे 'B-Y-D' (बैकवर्ड, यूथ, दलित) फॉर्मूला कहा जा सकता है। तेजस्वी ने 'जॉब और विकास' के एजेंडे को मजबूत करने के लिए 'युवा' शक्ति पर भी बड़ा दांव लगाता है। इस रणनीतिक बदलाव के तहत, राजद यह संदेश दे रही है कि वह सिर्फ एक वर्ग की नहीं, बल्कि सम्पूर्ण सामाजिक न्याय की पार्टी है। इस नए फॉर्मूले के जरिए तेजस्वी ने जाति और युवा शक्ति के संतुलन को साधते हुए विरोधियों के लिए एक नई चुनौती पेश की है।

सत्ता की राह पर 'बैकवर्ड' और 'दलित' वर्गों का समावेश

तेजस्वी यादव द्वारा जारी की गई उम्मीदवारों की सूची में सबसे बड़ा बदलाव पिछड़े (OBC) और अति पिछड़े (EBC) वर्गों के उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि है, जिसमें पारंपरिक यादव वोट बैंक को साधे रखने के साथ-साथ गैर-यादव पिछड़ों पर फोकस बढ़ा है। यह कदम सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'लव-कुश' (कुर्मी-कुशवाहा) और अति पिछड़ा वर्ग के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए उठाया गया है। पार्टी ने कई गैर-यादव EBC और OBC जातियों, जैसे नाई, नोनिया, बढ़ई, मल्लाह, और कुशवाहा, से मजबूत और प्रभावी चेहरों को मैदान में उतारा है। इसके अलावा, दलित और महादलित समुदायों, विशेषकर रविदास, मुसहर और पासवान, को भी उनकी आबादी और क्षेत्रीय प्रभाव के अनुपात में टिकट दिए गए हैं। राजद का यह कदम सहयोगी वाम दलों (CPI-ML) के प्रभाव क्षेत्रों को भी मजबूत करता है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में इन वर्गों के बीच एक मजबूत आधार रखते हैं। इस रणनीति के तहत तेजस्वी ने 'सामाजिक न्याय' की अवधारणा को सिर्फ 'MY' से निकालकर एक व्यापक फलक पर स्थापित किया है, जिससे यह चुनावी लड़ाई जाति-आधारित समीकरणों के एक नए स्तर पर पहुच गई है।












'यूथ' पावर पर सबसे बड़ा दांव और वंशवाद का संतुलन

तेजस्वी यादव ने अपने टिकट वितरण फॉर्मूले में 'यूथ' (युवा) फैक्टर को केंद्रीय भूमिका में रखा है। जारी सूची में लगभग 50% उम्मीदवार 40 वर्ष से कम आयु के हैं। यह दर्शाता है कि राजद 'पुरानी' राजनीति को छोड़कर 'नई' पीढ़ी के हाथों में नेतृत्व सौंपने के लिए तैयार है, कई युवा नेताओं को टिकट देकर यह संदेश दिया गया है कि पार्टी युवा शक्ति को समझती है और बिहार के विकास के लिए नए विचारों को प्राथमिकता देती है। हालांकि, वंशवाद की राजनीति को पूरी तरह से नहीं छोड़ा गया है, लेकिन तेजस्वी ने 'युवा' चेहरों के माध्यम से 'वंशवाद' और 'नयापन' के बीच एक संतुलन बनाने की कोशिश की है। पार्टी के पुराने और वफादार नेताओं के अनुभव को सम्मान देते हुए उनके स्थान पर उनके युवा बेटों/बेटियों को टिकट दिए गए हैं, जिससे पार्टी में अनुभव और युवा ऊर्जा का मिश्रण बना रहे। तेजस्वी का 'B-Y-D' फॉर्मूला बिहार की सियासत में 'युवा' शक्ति को एक निर्णायक वोट बैंक के रूप में स्थापित करने का एक प्रयास है।

राजद के टिकट वितरण में 16.78% महिला भागीदारी

​राजद ने 143 उम्मीदवारों की अपनी सूची में 24 महिलाओं को टिकट देकर महिला सशक्तिकरण का सन्देश दिया है। टिकट वितरण में महिला उम्मीदवारों को प्राथमिकता देकर तेजस्वी ने संकेत देना चाहते है कि वह केवल जाति समीकरणों तक सीमित नहीं रहना चाहते, बल्कि 'नारी शक्ति' को भी अपने 'B-Y-D' (बैकवर्ड, यूथ, दलित) फॉर्मूले का अभिन्न अंग मानते हैं। सूची में माला पुष्पम, वीणा देवी, और करिश्मा राय जैसी युवा, अनुभवी और राजनीतिक परिवार की महिलाए शामिल हैं




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