बिहार चुनाव: भोजपुरी सिंगर रितेश पांडे हुए जनसुराजी, IPS जयप्रकाश सिंह ने भी थामा PK का हाथ

पूर्व IPS जयप्रकाश सिंह और भोजपुरी गायक रितेश पांडे जनसुराज में हुए शामिल।
Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जनसुराज का कारवां तेजी से बढ़ रहा है। फेमस यूट्यूबर मनिष कश्यप के बाद सारण के पूर्व आईपीएस अधिकारी जयप्रकाश सिंह और भोजपुरी सिनेमा के मशहूर गायक व अभिनेता रितेश पांडे ने प्रसांत किशोर का हाथ थामा है। शुक्रवार (18 जुलाई) को ये दोनों जनसुराज में शामिल हुए, जहां प्रशांत किशोर और अन्य नेताओं ने दोनों का गर्मजोशी से स्वागत किया।
सारण के रहने वाले हैं जयप्रकाश सिंह
प्रशांत किशोर ने बताया कि जयप्रकाश सिंह बिहार के सारण के रहने वाले हैं और हिमाचल प्रदेश कैडर के आईपीएस रहे हैं। उन्होंने कुछ दिन पहले ही एडीजी के पद से इस्तीफा देकर जनसुराज में शामिल होने का फैसला लिया। PK ने बताया कि गरीबी में पले-बढ़े जयप्रकाश ने सेना और एयरपोर्ट अथॉरिटी में नौकरी करते हुए आईपीएस बनने का सपना पूरा किया था। ऑल इंडिया में 59वीं रैंक हासिल कर आईपीएस बने। अगर नौकरी में रहते तो डीजीपी बन सकते थे, लेकिन बिहार की बेहतरी के लिए उन्होंने सब कुछ छोड़ दिया।
जनसुराज के लोगों का कहना है कि जयप्रकाश सिंह एकमा विधानसभा सीट से जनसुराज के झंडा तले चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।
भोजपुरी के मशहूर गायक और अभिनेता रितेश पांडे जी और पूर्व IPS डॉक्टर जय प्रकाश सिंह जी जन सुराज में शामिल हुए! pic.twitter.com/lzmhSCVQnu
— Jan Suraaj (@jansuraajonline) July 18, 2025
करहगर से चुनाव लड़ सकते हैं रितेश पांडे
वहीं भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार रितेश पांडे ने भी जनसुराज का साथ पकड़ लिया है। रितेश काराकाट क्षेत्र के निवासी हैं और अब तक 40 से ज्यादा भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुके हैं। PK ने बताया कि उनके पिताजी शिक्षक थे लेकिन नौकरी चली गई। संघर्ष करके उन्होंने स्टारडम हासिल किया लेकिन अब बिहार को सुधारने के सपने के साथ जनसुराज का हिस्सा बन गए हैं। कहा जा रहा है कि रितेश पांडे करहगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
जन सुराज परिवार का हिस्सा बनें मशहूर गायक रितेश पाण्डे pic.twitter.com/ApOt6gz5Ov
— PK Digital Vahini (@PKDigitalVahini) July 18, 2025
इस मौके पर जयप्रकाश सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर का अभियान बिहार की तकदीर बदलने वाला है। उन्होंने कहा कि आरामदायक जिंदगी छोड़कर PK गांव-गांव भटक रहे हैं, ऐसे में मुझे भी मातृभूमि के लिए योगदान देना चाहिए। नौकरी छोड़ने का फैसला कठिन था, लेकिन अब बिहार के लिए काम करूंगा।
