BJP प्रत्याशी रत्नेश कुशवाहा की बायोग्राफी: एक क्लिक में जानिए उम्र, शिक्षा, परिवार, संपत्ति और राजनीतिक सफर

Ratnesh Kushwaha Biography
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Ratnesh Kushwaha Biography

जानिए बीजेपी कैंडिडेट रत्नेश कुशवाहा की उम्र, शिक्षा, परिवार, जाति, संपत्ति और राजनीतिक करियर की पूरी जानकारी। बिहार चुनाव 2025 के उम्मीदवार की जीवनी पढ़ें।

Ratnesh Kushwaha Biography: पटनासाहिब विधानसभा सीट बिहार की राजनीति की सबसे प्रतिष्ठित सीटों में से एक मानी जाती है। यह सीट न केवल राजधानी पटना के दिल में बसती है, बल्कि यहां से पूरे राज्य की सियासी दिशा तय होती है।

यहां कायस्थ, भूमिहार, वैश्य, यादव और कुशवाहा समुदायों का असर माना जाता है। सड़कों की समस्या, ट्रैफिक जाम और शहरी अव्यवस्था यहां की प्रमुख चुनौतियां हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में 6 नवंबर को इस सीट पर मतदान होना है, और भाजपा ने इस बार अपना दांव युवा और ऊर्जावान नेता रत्नेश कुशवाहा पर लगाया है।


कौन हैं रत्नेश कुशवाहा?

45 वर्षीय रत्नेश कुशवाहा भाजपा के उभरते हुए नेता हैं, जो संगठन से लेकर जनसेवा तक अपने काम के लिए पहचाने जाते हैं। वे लंबे समय से पटना की राजनीति में सक्रिय हैं और पार्टी के विभिन्न मोर्चों पर काम कर चुके हैं।

वे कुशवाहा (कोइरी) समाज से आते हैं, जो बिहार की ओबीसी राजनीति में एक निर्णायक वोट बैंक माना जाता है।

रत्नेश का मानना है —

“नेता वही, जो जनता के बीच रहे और उनकी समस्या को अपनी समझे।”


प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

रत्नेश कुशवाहा का जन्म पटना जिले में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पटना के स्थानीय विद्यालय से प्राप्त की और आगे चलकर मगध विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की।

युवावस्था में ही वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े और राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने लगे।

संगठन में काम करते हुए उन्होंने भाजपा की विचारधारा और जमीनी कार्यप्रणाली को करीब से समझा।

वे कहते हैं—

“राजनीति मेरे लिए पद नहीं, एक जिम्मेदारी है। जनता के विश्वास को निभाना ही सबसे बड़ा लक्ष्य है।”


परिवार और जाति

रत्नेश कुशवाहा का परिवार शिक्षित और सामाजिक रूप से सक्रिय है। वे कुशवाहा (कोइरी) जाति से हैं, जो बिहार के ओबीसी समुदाय में मजबूत उपस्थिति रखता है।

उनकी पत्नी गृहिणी हैं और उनके दो बच्चे हैं — एक बेटा और एक बेटी।

रत्नेश का परिवार हमेशा से सामाजिक कार्यों में जुड़ा रहा है और वे खुद भी कई जनकल्याण अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं।

संपत्ति और पारदर्शिता

चुनावी हलफनामे के अनुसार, रत्नेश कुशवाहा की कुल संपत्ति लगभग 1.8 करोड़ रुपये है।

उनके पास पटना में एक आवासीय संपत्ति (लगभग 90 लाख रुपये), एक SUV वाहन (25 लाख रुपये) और बैंक जमा (65 लाख रुपये) हैं।

उन पर किसी भी तरह का आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।

राजनीतिक सफर: संगठन से विधानसभा तक

रत्नेश कुशवाहा ने भाजपा की छात्र इकाई से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। धीरे-धीरे वे भाजपा युवा मोर्चा में जिला स्तर पर पदाधिकारी बने और फिर प्रदेश कार्यकारिणी तक पहुंचे। पार्टी ने उन्हें शहरी विकास से जुड़ी समितियों में शामिल किया, जहां उन्होंने कई स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिए काम किया।

2020 के बाद वे लगातार पटनासाहिब क्षेत्र में सक्रिय रहे और जनता के बीच अपनी उपस्थिति बनाए रखी।

वे गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की समस्याओं को लेकर कई बार जिला प्रशासन तक बात पहुंचा चुके हैं।

2025 का चुनाव: बदलाव और विश्वास की लड़ाई

भाजपा ने इस बार पटनासाहिब में नया चेहरा उतारकर एक संदेश दिया है — युवाओं और ओबीसी वर्ग को अधिक प्रतिनिधित्व देने का।

रत्नेश कहते हैं — “मैं राजनीति में बदलाव का प्रतीक बनना चाहता हूं। पटनासाहिब की जनता मुझे अपना परिवार मानती है, और मैं उनके विश्वास को विकास में बदलूंगा।”

बहरहाल, रत्नेश कुशवाहा की कहानी एक सामान्य परिवार से निकलकर राजनीति के मुख्य मंच तक पहुंचने की है।

उन्होंने यह साबित किया है कि अगर नीयत साफ हो, तो जनता हर दीवार तोड़कर अपने प्रतिनिधि को ऊपर पहुंचाती है।

पटनासाहिब की जनता के बीच उनकी सादगी और कर्मठता 2025 के चुनाव में भाजपा के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।

उनका सफर बिहार की नई राजनीति की उस सोच का प्रतीक है, जहां सेवा और ईमानदारी ही असली पूंजी बनती जा रही है।

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