BJP प्रत्याशी रजनीश कुमार की बायोग्राफी: एक क्लिक में जानिए उम्र, शिक्षा, परिवार, संपत्ति और राजनीतिक सफर

तेघड़ा सीट से बीजेपी प्रत्याशी रजनीश कुमार की बायोग्राफी।
BJP candidate Rajnish Kumar Biography: इस साल बिहार के बेगूसराय जिले के तेघड़ा विधानसभा सीट पर समीकरण बदलते दिखाई दे रहे हैं। तेघड़ा विधानसभा क्षेत्र संख्या 143 के रूप में जाना जाता है। यहां पर औद्योगिक पृष्ठभूमि और वामपंथी राजनीति के गहरे प्रभाव हैं। बिहार की राजनीति में तेघड़ा विधानसभा सीट को 'लेनिन ग्राउंड' और 'मिनी मॉस्को' के नाम से जाना जाता है। इसके पीछे की वजह है कि इस सीट पर साल 1972 से लेकर 2020 तक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) का दबदबा रहा है।
सिर्फ साल 2010 और 2015 को छोड़ दें, तो हर विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र में सीपीआई का ही परचम लहराता आया है। हालांकि बिहार की राजनीति में बदलाव के कारण इस बार तेघड़ा में चुनावी मुकाबला दिलचप्स बना दिया है।
6 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के तहत तेघड़ा सीट पर भी मतदान होंगे। भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से रजनीश कुमार को प्रत्याशी बनाया है। वे बिहार के उभरते हुए बीजेपी नेता हैं। बिहार में बदलते जातीय समीकरणों के बीच रजनीश कुमार एनडीए के मजबूत दावेदार के रूप में उभरे हैं। पढ़ें रजनीश कुमार की बायोग्राफी...
कौन हैं रजनीश कुमार?
रजनीश कुमार सिंह बिहार के एक प्रमुख राजनीतिज्ञ हैं। उनका जन्म 5 मार्च, 1973 को बिहार के बेगूसराय जिले के इटवा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम योगेंद्र सिंह है। उन्होंने रसायन विज्ञान में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री पूरी की और फिर चार्टर्ड एकाउंटेंट बने। इसके अलावा रजनीश ने इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एंड वर्क्स एकाउंटेंट्स के एसोसिएट सदस्य (एआईसडब्ल्यू) के रूप में योग्यता प्राप्त की।
वह अपने छात्र जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस से जुड़े रहे। इस दौरान वे बेगूसराय जिले में समाज सेवा, युवा आंदोलन और पार्टी संगठन में सक्रिय रहे हैं। रजनीश कुमार भूमिहार ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में बिहार की राजनीति में उनका अहम रोल माना जाता है। वर्तमान समय में रजनीश कुमार बीजेपी से जुड़े हुए हैं। पार्टी की ओर से उन्हें तेघड़ा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।
रजनीश कुमार का राजनीतिक सफर
रजनीश कुमार बचपन से आरएसएस से जुड़े रहे। इस दौरान आरएसएस की शाखाओं में उनका आना-जाना लगा रहता था। वे संघ के मूल्यों और विचारधारा से गहराई से प्रभावित थे। साल 2006 में उन्होंने समाज सेवा की भावना से प्रेरित होकर राजनीति में कदम रखा और अपने राजनैतिक सफर की शुरुआत की। 2008 में उन्होंने बीजेपी पंचायती राज मंच के जिला अध्यक्ष के रूप में काम किया, जिस दौरान उन्होंने जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत किया।
फिर वे 2009 में बेगूसराय और खगड़िया के पंचायत प्रतिनिधियों के समर्थन से बिहार विधान परिषद के सदस्य चुने गए। वह 2021 तक इस पद पर रहे। इस दौरान उन्होंने विकास, कृषि और बाढ़ नियंत्रण जैसे मुद्दों को जोर-शोर से उठाया।
वहीं, अब बीजेपी ने रजनीश कुमार को तेघड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का मौका दिया है। रजनीश कुमार पिछले कई वर्षो से संगठन में सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में प्रदेश महामंत्री से लेकर राष्ट्रीय मंत्री तक की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
रजनीश कुमार की संपत्ति
52 वर्षीय रजनीश कुमार ने अपने चुनावी हलफनामे में बताया है कि उनके पास कुल 17 करोड़ 48 लाख 55 हजार रुपये की संपत्ति है। वहीं, उनकी पत्नी रूबी सिंह के पास 14 करोड़ 91 लाख 93 हजार रुपये से ज्यादा की संपत्ति दर्ज है। वहीं, रजनीश कुमार पर कुल 11 लाख 31 हजार 599 रुपये का कर्ज है, जबकि उनकी पत्नी पर कुल 2 करोड़ 60 लाख 47 हजार 696 रुपये का ऋण है।
रजनीश कुमार के पास 5.77 करोड़ रुपये की गैर-कृषि भूमि, 1.25 करोड़ रुपये का वाणिज्यिक भवन और 2.61 करोड़ रुपये का आवासीय परिसर है। वहीं, रूबी सिंह के पास 4.86 करोड़ रुपये की गैर-कृषि भूमि, 1 करोड़ रुपये का वाणिज्यिक भवन और 36 लाख रुपये का आवासीय परिसर है।
आपराधिक मामले
रजनीश कुमार सिंह के खिलाफ 2 आपराधिक मामले लंबित हैं। पहला मामले में एफआईआर संख्या 814/2009 के तहत थाना तेघड़ा में केस दर्ज है। इसमें आईपीसी की धारा 323, 341, 386, 504 के तहत आरोप लगाए गए हैं। दूसरे मामले में एफआईआर संख्या 959/2022 के तहत थाना बेगूसराय टाउन में मामला दर्ज है। इसमें आईपीसी की धारा 341, 323, 285, 325, 504, 34 के तहत आरोप लगे हैं। इस मामले में आरोप भी तय हो चुके हैं।
क्या तेघड़ा सीट पर खिलेगा कमल?
तेघड़ा विधानसभा को पहले बरौनी विधानसभा के नाम से जाना जाता था। साल 2009 में परिसीमन के बाद इसका नाम बदल दिया गया। पिछले चुनावों की बात करें, तो साल 2005 में सीपीआई के राजेंद्र सिंह ने बीजेपी के सुरेंद्र मेहता को हराया था। इसके बाद साल 2010 में बीजेपी के ललन कुमार ने सीपीआई के रामरतन सिंह को मात दी थी। फिर साल 2015 में जेडीयू के वीरेंद्र महतो ने बीजेपी के रामलखन सिंह को हराया।
इसके बाद साल 2020 में सीपीआई ने फिर वापसी की और जेडीयू के वीरेंद्र कुमार को हराया। साल 2025 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पूर्व एमएलसी रजनीश कुमार पर भरोसा जताया है। उनके खिलाफ महागठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर मौजूदा विधायक रामरतन सिंह (सीपीआई) एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं।
बता दें कि तेघड़ा विधानसभा क्षेत्र में भूमिहार मतदाता चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। अब तक हुए चुनावों से पता चलता है कि ज्यादातर विधायक इसी समाज से आते हैं। भूमिहारों के अलावा इस क्षेत्र में मुस्लिम, वैश्य, कुर्मी-धानुक और ब्राह्मण वोटर भी हैं, जो चुनावी मुकाबले को दिलचस्प बनाते हैं।
