16 दिन, 20+ जिले, 1,300+ KM: बिहार में राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा', देखें रूट और कार्यक्रम

Rahul Gandhi Bihar Yatra 2025
Rahul Gandhi Bihar Yatra 2025: कांग्रेस सांसद और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार (16 अगस्त) को बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' का ऐलान किया। यह यात्रा 17 अगस्त से शुरू होगी और 1 सितंबर तक चलेगी। 16 दिनों में यह करीब 1,300 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और 20 से अधिक जिलों से गुजरेगी। इस यात्रा में बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के भी शामिल हो सकते हैं।
राहुल गांधी ने इसे 'वन पर्सन, वन वोट' यानी 'एक व्यक्ति, एक वोट' की लोकतांत्रिक मूल भावना की रक्षा की लड़ाई बताया। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक यात्रा नहीं बल्कि संविधान बचाने और लोकतंत्र मजबूत करने का जनआंदोलन है।
यात्रा का रूट और कार्यक्रम
राहुल गांधी द्वारा साझा किए गए रूट मैप के अनुसार यात्रा का शेड्यूल इस प्रकार है:
- 17 अगस्त: सासाराम, डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)
- 18 अगस्त: कुटुंबा, औरंगाबाद, देव, गुरारू
- 19 अगस्त: पुनमा वज़ीरगंज, गया से नवादा होते हुए बारबिघा
- 20 अगस्त: अवकाश
- 21 अगस्त: शेखपुरा से सिकंदरा, जमुई होते हुए मुंगेर
- 22 अगस्त: मुंगेर से सुल्तानगंज होते हुए भागलपुर
- 23 अगस्त: बरारी, कुरसेला से कोढ़ा व कटिहार होते हुए पूर्णिया
- 24 अगस्त: पूर्णिया से अररिया होते हुए नरपतगंज
- 25 अगस्त: अवकाश
- 26 अगस्त: सुपौल से फूलपरास, सकरी, मधुबनी होते हुए दरभंगा
- 27 अगस्त: दरभंगा से मुजफ्फरपुर होते हुए सीतामढ़ी
- 28 अगस्त: सीतामढ़ी से मोतिहारी होते हुए पश्चिम चंपारण
- 29 अगस्त: बेतिया (प. चंपारण) से गोपालगंज होते हुए सीवान
- 30 अगस्त: छपरा (सारण) से आरा (भोजपुर)
- 31 अगस्त: अवकाश
- 1 सितंबर: पटना में भव्य समापन रैली
16 दिन
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 16, 2025
20+ ज़िले
1,300+ कि.मी.
हम वोटर अधिकार यात्रा लेकर जनता के बीच आ रहे हैं।
यह सबसे बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकार - ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ की रक्षा की लड़ाई है।
संविधान को बचाने के लिए बिहार में हमारे साथ जुड़िए। pic.twitter.com/4zturHDnOl
जनता से जुड़ने की अपील
राहुल गांधी ने बिहार की जनता से अपील की है कि वे इस यात्रा से जुड़ें। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की बुनियाद बराबरी के वोटिंग अधिकार पर टिकी है और इसे कमजोर करने की हर कोशिश का विरोध किया जाना चाहिए।
कांग्रेस का मानना है कि यह यात्रा बिहार विधानसभा चुनाव और 2029 लोकसभा चुनाव से पहले राज्य की राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकती है।
