Prem Kumar: बिहार विधानसभा के स्पीकर प्रेम कुमार किस जाति से हैं? शिक्षा, परिवार और राजनीतिक सफर जानें

Prem Kumar
Bihar Vidhansabha Speaker Prem Kumar: बिहार की राजनीति में इस समय जिस नाम की सबसे अधिक चर्चा हो रही है, वह है डॉ. प्रेम कुमार। गया टाउन सीट से लगातार नौ बार विधायक रहे वरिष्ठ भाजपा नेता को 2 दिसंबर को सर्वसम्मति से बिहार विधानसभा का 18वां स्पीकर चुना गया। उनके खिलाफ कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं हुआ, इसलिए उन्हें ध्वनि मत से निर्विरोध अध्यक्ष घोषित किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव परंपरा के अनुसार उन्हें अध्यक्ष के आसन तक लेकर गए।
प्रेम कुमार किस जाति से आते हैं?
डॉ. प्रेम कुमार अति पिछड़ा वर्ग (EBC) की चंद्रवंशी (कहार) जाति से आते हैं। ऐतिहासिक रूप से यह समुदाय पालकी ढोने के पेशे से जुड़ा रहा है, लेकिन आज राजनीतिक और सामाजिक रूप से इनकी पहचान मजबूत हो चुकी है। बिहार में इस जाति की जनसंख्या लगभग 1% बताई जाती है, हालांकि समुदाय का दावा है कि वास्तविक आंकड़ा इससे काफी अधिक है।
अति पिछड़ा वर्ग की राजनीति में प्रेम कुमार को सबसे प्रभावशाली नेताओं में गिना जाता है।
कितने पढ़े-लिखे हैं प्रेम कुमार?
डॉ. प्रेम कुमार शिक्षा के मामले में भी बेहद मजबूत पृष्ठभूमि रखते हैं।
उन्होंने गया कॉलेज से ग्रेजुएशन (B.Sc.) पूरा किया। इसके बाद बी.एड (B.Ed) की पढ़ाई पूरी की। राजनीति में सक्रिय रहते हुए उन्होंने आगे पी.एच.डी. (Ph.D.) भी हासिल की और इसी वजह से उनके नाम से पहले 'डॉ.' लगाया जाता है।
शिक्षा के कारण उनकी प्रशासनिक समझ और नीतिगत पकड़ बेहद मजबूत मानी जाती है।
परिवार और निजी जीवन
डॉ. प्रेम कुमार एक सामान्य परिवार से आते हैं। उनके पिता बैंक कर्मचारी थे और जीवन बचपन से ही सादगीपूर्ण रहा।
परिवार में — पत्नी, एक बेटा और एक बेटी शामिल हैं। दोनों बच्चे शादीशुदा हैं।
गया में उनकी दो संपत्तियाँ हैं:
- पैतृक घर: महावीरी स्कूल के पास
- वर्तमान निवास: मौलागंज नई सड़क के पास
मौलागंज वाले घर के बिल्कुल पास ही उनका ससुराल भी है, जो अक्सर चर्चा का विषय रहा है।
35 साल से ज्यादा का राजनीतिक अनुभव
1990 में पहली बार भाजपा से टिकट मिलने पर उन्होंने चुनाव जीता और इसके बाद जीत का सिलसिला 1995, 2000, 2005 (फरवरी और अक्टूबर), 2010, 2015, 2020 और 2025 तक जारी रहा।
2025 में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार अखौरी ओंकारनाथ को 26,423 वोटों से हराया।
छात्र जीवन में वे जेपी आंदोलन से प्रभावित हुए, जेल भी गए और बाद में व्यवसाय शुरू किया।
10 से अधिक मंत्रालयों का अनुभव
2005 से 2024 के बीच उन्होंने कृषि, सहकारिता, नगर विकास, पथ निर्माण, शहरी विकास, स्वास्थ्य, पर्यावरण, अभियंत्रण आदि जैसे अहम विभागों की कमान संभाली।
उनकी पहचान एक शांत, विनम्र, अनुशासित और प्रशासनिक तौर पर सक्षम नेता की मानी जाती है।
स्पीकर पद संभालते समय क्या कहा?
अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद उन्होंने कहा, ''सदन की कार्यवाही निष्पक्ष, पारदर्शी और अनुशासित रूप से चलाना मेरा लक्ष्य है। लोकतंत्र की आत्मा सदन की गरिमा में बसती है, और इसे बनाए रखना सभी सदस्यों की जिम्मेदारी है।''
