जनसुराज का जोरदार प्रदर्शन: पटना में पुलिस का लाठीचार्ज, कई घायल; प्रशांत किशोर नहीं पहुंच पाए धरनास्थल

पटना में जनसुराज का जोरदार प्रदर्शन, पुलिस के लाठीचार्ज कई कार्यकर्ता घायल
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पटना में जनसुराज का जोरदार प्रदर्शन, पुलिस के लाठीचार्ज कई कार्यकर्ता घायल 

पटना में बुधवार, 23 जुलाई को विधानसभा मार्च कर रहे जन सुराज कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। रोजगार, जमीन और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आयोजित प्रोटेस्ट में कई कार्यकर्ता घायल हुए। प्रशांत किशोर धरनास्थल नहीं पहुंच सके।

Jan Suraj Protest Patna: बिहार में रोजगार, भूमि और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जन सुराज पार्टी ने बुधवार (23 जुलाई 2025) को पटना में विरोध-प्रदर्शन किया। प्रशांत किशोर के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता विधानसभा घेराव के लिए जा रहे थे, लेकिन चितकोहरा गोलंबर के पास पुलिस ने रोक लिया। काफी समझाइश के बाद भी नहीं माने तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। कई कार्यकर्ता घायल हो गए।

जनसुराज की 3 प्रमुख मांगें

जन सुराज पार्टी ने बिहार सरकार के खिलाफ तीन मुख्य सवाल उठाए थे। पहला सवाल गरीब परिवारों को 2 लाख की रोजगार सहायता न मिलने, दूसरा दलित और भूमिहीनों को 3 डिसमिल जमीन का वादा पूरा करने और तीसरा सवाल भूमि सर्वेक्षण घोटाले में कार्रवाई न करने का है। इन मुद्दों पर पार्टी ने एक करोड़ लोगों से हस्ताक्षर कराए। मानसून सत्र में यह हस्ताक्षारयुक्त ज्ञापन विधानसभा में प्रस्तुत करना चाहते थे।

प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने से पहले ही टकराव

प्रशांत किशोर के नेतृत्व में कार्यकर्ता सुबह 11 बजे बेली रोड होते हुए गर्दनीबाग धरनास्थल जा रहे थे, लेकिन चितकोहरा गोलंबर पर पुलिस ने रोक दिया। इसे लेकर प्रदर्शनकारियों और पुलिस में तीखी बहस हुई। पुलिस ने स्थिति बेकाबू होते ही लाठीचार्ज कर दिया, जिससे कई कार्यकर्ता घायल हो गए।

SP बोलीं-प्रतिनिधिमंडल भेजकर मांग रखें

पटना की SP दीक्षा ने बताया कि प्रशांत किशोर और उनके कार्यकर्ताओं को प्रतिबंधित क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं दी गई। प्रतिनिधिमंडल भेजकर यदि वे अपनी मांगों से अवगत करा सकते हैं। हम इसमें सहयोग करने को तैयार हैं, लिए, लेकिन कानून का उल्लंघन हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

धरनास्थल नहीं पहुंच सके प्रशांत किशोर

पटना में कड़ी बैरिकेडिंग और भारी पुलिस बल की तैनाती के चलते प्रशांत किशोर और उनके समर्थक दोपहर तक न तो विधानसभा पहुंच सके और न ही गर्दनीबाग स्थित धरनास्थल जा सके। जनसुराज के प्रवक्ता ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया है।

जनता की आवाज दबा रही सरकार

जन सुराज के एक नेता ने कहा, नीतीश सरकार जनता की आवाज सुनने की बजाय पुलिस के दम पर उसे दबाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से सवाल पूछना अगर अपराध है, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।

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